हिंदी सुविचार

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हमेशा अपने बुरे विचारों को बदलने की कोशिश मत करिए, आप केवल कर्म अच्छे करिए, विचार खुद ब खुद अच्छे हो जाएंगे।

सुख की तलाश में अपने जीवन को व्यर्थ मत करिए, बस मुस्कुराने की आदत डालिए , सुख आपको पास खुद ही चला आएगा।

धार्मिक बनने के लिए आपके जीवन में परोपकार , दया, सत्य , ध्यान, भक्ति और ज्ञान होना चाहिए, क्योंकि जब तक आपके आचरण में धर्म नहीं आएगा आप जीवन की श्रेष्ठता का अनुभव नहीं कर पाएंगे।

आपके जीवन की श्रेष्ठता इस बात से निर्धारित नहीं होती कि आप दूसरों को कितना नीचा साबित कर पाते हैं, बल्कि आपकी श्रेष्ठता इस बात से साबित होती है, कि आप दूसरों को कितना श्रेष्ठ बना पाते हैं।

आपके जीवन में फर्क इस बात से नहीं पड़ता कि आप खुद को कितना अच्छा साबित कर पाते हैं, फर्क केवल इस बात से पड़ता है, कि वास्तव में आप कितने अच्छे हैं।

परिस्थिति जरूरी नहीं है कि हमेशा आपके अनुकूल रहे , लेकिन आप अपने मन की स्थिति को हमेशा अनुकूल बनाकर खुश रह सकते हैं।

जैसा बर्ताव आप खुद के साथ चाहते हैं, वैसा ही दूसरों के साथ करना ही अच्छाई है, और जैसा बर्ताव आप खुद के नहीं चाहते वैसा दूसरों के साथ करना ही बुराई है।

दूसरों को दुखी देखकरअगर आपको आनंद आने लगा है, तो आपको ये समझ जाना चाहिए कि आपने इंसान होने की योग्यता खो दी है।

जब तक आप बाहरी दुनिया में खुशियां ढूढ़ेगे तो दुखी ही रहेंगे, लेकिन जब आप खुद में ही खुशी ढ़ूढ लेंगे तो आपको कोई दुखी नहीं कर पाएगा।

निंदा करने वाले व्यक्ति से हमेशा ही दूर रहिए, क्योंकि निंदा करने वाला निंदा ही करेगा, जो आज दूसरे की आपसे कर रहा है, कल आपकी दूसरों से करेगा।

जीवन में जब दूसरों का हक छीन कर आपको बड़ा बनने का मौका मिले तो आप वो अवसर छोड़ देना, क्योंकि ऐसी उपलब्धि आपके हुनर को खत्म करने के साथ साथ आपके जीवन में निराशा पैदा कर देगी।

आपकी क्षमता  का अंदाजा आपकी एक असफलता से  कभी नहीं  लगाया जा सकता , जैसे समुद्र की एक बूंद से समुद्र की गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।

दूसरों की बातों को जीवन में इतना महत्व मत दीजिए , कि वो आपकी खुशियों को तबाह कर सकें, क्योंकि दुनिया में आपकी खुसी से अनमोल कुछ भी नहीं है।

कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अपने आचरण को सामान्य रखें, क्योंकि आपकी परिस्थिति तो कल बदल जाएगी लेकिन आपकी इमेज बदलने में जिंदगी लग जाती है।

जीवन में बुरा समय आपको बर्बाद करने के लिए नहीं आता , वास्तव में बुरा समय जीवन की वास्तविकता को बताने लिए और आपको मजबत बनाने के लिए आता है।

आपके मन में जो डर की भावना रहती है, वो केवल आपकी कल्पना के कारण ही रहती है, अगर आप डर की कल्पना नहीं करेंगे तो आपको डर का एहसास नहीं होगा।

मन से किसी भी डर या किसी भी नकारात्मक विचार को खत्म करने का सबसे सरल साधन भगवान के नाम का जप है, आप जितना जाप करते जाएंगे आप उतना ही निर्भय बनते जाएंगे।

अच्छे संस्कार अच्छी संगति से ही आएंगे, चाहे आप कितनी भी पढ़ाई कर लें, जब तक आपकी संगति अच्छी नहीं होगी आप संस्कारवान नहीं बन पाएंगे।

जीवन में हम जब भी गलत करते हैं, तो सबसे पहले हमारे अंदर से आवाज आती है, कि ये गलत है लेकिन हम अह्म में आकर और दूसरों की नजरों में महान बनने के लिए गलत करते हैं, और वही हमारे पतन का कारण बनता है।

अपना इरादा दूसरों को सुख पहुचाने का रखिए, फिर देखिए कि जीवन कितना शानदार होता है।

सत्य का रास्ता कठिन कभी नहीं होता , बल्कि सच ये है, कि हम जीवन पर झूठे रास्ते पर चलतें हैं, इसलिए सत्य के रास्तें से हमे डर लगता है।

जीवन में खूब धन कमाइए, लेकिन धन कमाने के चक्कर में आनंद कमाना न भूलिए, क्योंकि दुनिया का सारा संघर्ष आनंद के लिए ही है!

आपके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है, आप हमेशा खुद को खुश रख सकें!

बुरी परिस्थितियां पानी के बुलबुलों की तरह हैं, जिनका अस्तित्व थोड़े समय के लिए है, उसके लिए घबराएं नहीं, बल्कि उनका आनंद लें।

जीवन का कोई भी रास्ता इतना कठिन नहीं है, जितना हम मान लेते हैं, बात केवल इतनी सी है, कि हमे उस रास्ते में चलने की आदत नहीं है।

हार मान कर बैठने से परिस्थितियां कभी नहीं बदलती, बल्कि परिस्थितियां और विपरीत हो जाती हैं।

कभी दुनिया कि बातों से दुखी मत होना, क्योंकि लोग आपको वही देते हैं जो उनके पास होता है, ज्ञानी ज्ञान देता है, प्रेमी प्रेम बाँटता है, और जिसके पास घृणा है, वो घृणा बाँटता है!

ये अहम् कभी मत रखिए कि आपकी वजह से सब चल रहा है, क्योंकि दुनिया आपके पहले भी चल रही थी आगे भी चलेगी, और चलाने वाला कोई और है, आप नहीं!

संसार में भरोसा केवल इतना रखिए, कि भरोसा टूटने पर दुखी न हों, क्योंकि अधिकतर भरोसा स्वार्थ पर आधारित है, जिसका टूटना तय हैं।

जो मन से बहुत ज्यादा परेशान हों, वो सोते समय 30 मिनट तक लगातार हरिनाम जपकर सो जाएं, या कथा सुनकर सो जाएं, आपका मन ठीक हो जाएगा।

किसी की मदद ये सोच कर कभी मत करिए, कि वो भी आपकी मदद करेगा, क्योंकि हर वृक्ष में एक तरह के फल नहीं लगते ।

अत्यधिक संग्रह कि भावना आपको अंदर से खोखला बना देती है, उसके विपरीत त्याग कि भावना आपको अत्यधिक मजबूत और पूर्णता का अनुभव कराती है।

असंतुष्टि का भाव इंसान के जीवन में अत्यधिक निराशा और अवसाद को जन्म देता है।

जीवन की कोई समस्या हमसे ताकतवर नहीं है, कि हमें दुखी कर सके, गलती हमारी हैं कि हम उनको बड़ा मान लेते हैं।

आप जितना अनावश्यक बोलेंगे जीवन में उतनी अनावश्यक उलझने आएंगी, और जितना मौन रहेंगे उतनी समझदारी बढेगी।

संसार में अच्छे कार्यों की निंदा होना स्वाभाविक है, क्योंकि परखा हीरों को ही जाता है, पत्थरो की कोई कीमत नहीं करता।

हमेशा सही संगति का चुनाव करने का प्रयास करिए, क्योंकि अगर आपको चुनाव करना नहीं आता तो आप बुरी संगति में फंस जाएंगे।

अपने हृदय में पहला स्थान गुरु, माता पिता, और भगवान को ही दीजिए, न कि किसी फ़िल्म स्टार, और किसी धनवान, या किसी गलत आदत को।

बुरे बिचारों से मुक्ति के लिए बुराई सुनना बंद करिए, बुरे लोगों की संगति छोड़िए, अच्छी संगति करिए, आध्यात्मिक ग्रन्थ पढ़िए, सेवा करिए।

मुस्कुराने के लिए कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ता, लेकिन अफ़सोस कि लोग फिर भी नहीं मुस्कुराते।

जीवन में इच्छाओं को जीवन का आधार न बनाएं, बल्कि प्रभु चिंतन को जीवन का आधार बनाएं, ताकि जीवन में आनंद बना रहे।

जीवन की कोई परिस्थिति स्थाई नहीं है, इसलिए परस्थितियों के लिए कभी खुद को दुखी न करें।

जीवन में कठिन परिस्थितियां जो कुछ सिखा देती हैं, वो जीवन में कोई भी स्कूल कॉलेज नहीं सिखा सकती, इसलिए उनसे घबराएं नहीं।

कोई किसी को दुख नहीं देता, वास्तव में इंसान के कर्म और दूसरों से रखी गई उम्मीदें ही दुख देती हैं।

भगवान का नाम में हर अवसाद और समस्याओं को दूर करने की क्षमता है, लेकिन लोग अब उसी से दूर हैं।

जीवन में आपको कोई खुश नहीं रख सकता, अगर आप खुद को खुश रखने की कोशिश नहीं करते।

अपने अच्छे विचारों से दूसरों को सहमत मत करिए, लोग विचारों से कम परिणाम से ज्यादा बदलते हैं।

आपका क्रोध भले ही ऐसा लगता हो कि दूसरों का नुकसान करता हो, लेकिन वास्तव में आपकी चेतना को खत्म कर देता है।

दूसरों पर निर्भरता आपको अपाहिज बनाने के लिए काफी है।

इंसान का दुख वास्तव में दूसरे के कारण नहीं है, बल्कि उसका दुख उसी के गलत इच्छाओं के कारण हैं।

जीवन में जितना इच्छाओं का बोझ रहेगा, जीवन उतना ही बोझ रहेगा।

जीवन में गलत कार्य करने पर भले ही आपको कोई न देखे, लेकिन आपको उसका परिणाम तो भुगतना ही पड़ेगा।

अपने मन के लिए आप आईना बनकर रहिए, ताकि आप मन की गलतियां देख सकें, और सुधार कर सकें!

इंसान भौतिक वस्तुओं से मन को संतुष्ट करना चाहता है, इसलिए दुखी रहता है, जबकि उसका असली ठिकाना भगवान की शरण है।

संसार में सुख है, यही भ्रम इंसान को भगाता रहता है, और इंसान हमेशा परेशान रहता है!

आप दुनियां जीत पाएं ये जरूरी नहीं , सबसे जरूरी तो ये है, कि आप अपने मन को जीत लें।

जिसके जीवन में दया है, वास्तव में वही धार्मिक है, बिना दया के उसको इंसान भी नहीं कहा जा सकता ।

जीवन की कोई राह कठिन है, वास्तव में हमें उस रास्ते पर चलने का अनुभव नहीं है।

जिस विचार को जितना महत्व देगें वैसी ही आपकी भावना होगी , चाहे वो अच्छे हों या बुरे, इसलिए हमेशा शुभ विचार रखिए।

मोह में फंसा व्यक्ति अपने जीवन के साथ साथ दूसरों का जीवन भी बर्बाद करता है, क्योंकि उसके निर्णय का दायरा बहुत संकीर्ण होता है!
दुनिया में खुद को ज्यादा महत्व मत दीजिए, क्योंकि दुनिया से बहुत सारे लोग जा चुके हैं, फिर भी दुनिया चल रही है!

जो होना है, वो होकर ही रहेगा, और जो नहीं होना वो कभी नहीं होगा, इसलिए व्यर्थ की चिंता न करें, केवल ईश्वर का स्मरण करते रहें।

अपने मन को उस पड़ोसी की तरह इग्नोर करना सीखिए, जो बहुत दुष्ट है, फिर भी उसका हर रोज दर्शन करना पड़ता है।

अपनी खुशी की जिम्मेदारी खुद लीजिए, दूसरे लेगें तो आप उनके गुलाम बन जाएंगे।

दुनिया को जीतने की कोशिश मत करिए, आप केवल अपने मन को जीतिए, दुनिया जीतने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

जिस दिन आप मन की गलतियां देखने की आदत डाल लेंगे, आप सुखी हो जाएंगे।

भौतिक वस्तुएं तो किसी को शांति नहीं दे सकती , लेकिन इंसान फिर भी भौतिकता में शांति ढूढ़ता है।

आपकी भावनाओं का प्रभाव आपके शरीर पर भी पड़ता है, इसलिए भावनाओं को हमेशा अच्छा रखें!

जीवन में जब तक इंसान अभाव का स्मरण करता रहेगा, उसके जीवन में शांति नहीं आ सकती !

जीवन की किसी घटना के जिम्मेदार बनकर मत ठहरिए, जिंदगी जीने का नाम है, रास्ता बनाइए और चलते रहिए!

अपना गलतियों का आईना खुद बनना सीखिए, क्योंकि दूसरे गलतियां बताएंगे तो आपको बुरा लगेगा।

जीवन में खुद के लिए समय निकालना शुरू करिए, तभी आप कुछ अच्छा कर पाएंगे।

जीवन में दूसरों का हित सोचना शुरू करें, आप दुखी नहीं रहेंगे।

कोई किसी को दुख नहीं देता, इंसान की दूसरों से रखी गई उम्मीदें ही दुख देती हैं।

आईना बनना हो तो खुद की गलतियों का बनिए, दूसरों का नहीं।

अपने विचारों पर नियंत्रण रखना सीखिए, क्योंकि विचार ही कर्म बनाते हैं, औऱ कर्म ही भविष्य बनाते हैं।

जीवन में आशा रखिए, लेकिन इतनी मत रखिए कि पूरी न होने पर दुखी हो जाएं।

कौन क्या कर रहा है, कैसे कर रहा है, इससे आप जितना दूर रहेंगे उतने ही खुश रहेंगे।

अपनी जुबान और नजरों को हमेशा सम्भाल कर रखें, क्योंकि आंखे बुराई देख सकती हैं, और जुबान बुराई करने लगेंगे।

खुद में मस्त रहना सीखिए, क्योंकि दुनिया के साथ मस्त रहने की कोशिश करेंगे तो आपको उनका गुलाम बनना पड़ेगा।

इंसान कभी अपनी परेशानियों से दुखी नहीं होता , वो केवल परेशानियों का बार बार चिंतन करने से दुखी होता है!

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