सुविचार हिंदी

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1- इंसान का संघर्ष केवल तभी तक है, तब उसे संघर्ष की आदत नहीं हो जाती, क्योंकि आदत बन जाने के बाद असफलता की संभावनाएं ही खत्म हो जाती है।

2- किसी के जीवन का सच आप तब तक नहीं जान सकते जब तक आप खुद सत्य का मार्ग अनुसरण नहीं करते ।

3- कोई कितना भी धनी हो जाए, लेकिन जब तक आध्यात्म का सहारा नहीं लेगा, उसके जीवन में शांति नहीं आ सकती।

4- जीवन में धन का उतना महत्व नहीं है, जितना ज्ञान का , क्योंकि ज्ञान से अपार धन अर्जित किया जा सकता है, लेकिन अगर धनवान ज्ञानी नहीं है, तो धन उसके विनाश का कारण बनेगा।

5- दूसरों के जीवन में अनावश्यक हस्तक्षेप आपके जीवन को नष्ट करने के लिए काफी है।

6- जो व्यक्ति जितना शांत होता है, उसके पास उतनी ज्यादा संभावनाएं होती है, क्योंकि वो कभी लोगों की बातों से विचलित नहीं होता।

7- जीवन में आपको वो नहीं मिलता जो आप चाहते हैं, वास्तव में आपको वो मिलता है, जिसके आप हकदार हैं।

8- धन से ज्यादा मूल्यवान है समय, क्योंकि धन चला गया तो वापिस आ जाएगा लेकिन अगर समय गया तो कभी वापिस नहीं आएगा।

9- कर्म हमेशा सोच समझकर करिए, क्योंकि आपके कर्मों का परिणाम आपके पास लौटकर आएगा।

10- जीवन में हमेशा दुख वही से मिलेगा जहां से हमारा लगाव है, क्योंकि अगर लगाव नहीं है, तो कोई परिणाम हमें प्रभावित नहीं कर पाएगा।

11- संतों का हमेशा ही आदर करना चाहिए, क्योंकि संत ही ऐसे व्यक्ति है, जिनका आचरण और चरित्र श्रेष्ठ है।

12- जीवन में जिसने अपनी जीभ को सम्हालना सीख लिया, वो जीवन को भी सम्हाल लेगा, क्योंकि जीभ का स्वाद स्वास्थ खराब करता है, और वाणी संबंध खराब कराती है।

13- आज की शिक्षा पैसा कमाना तो सिखा देती है, लेकिन संस्कार, समझदारी और चरित्र का निर्माण का नहीं करा पाती , इसलिए लोग शिक्षित होकर भी आतंकवादी बन जाते है।

14- समाज में अपराध बढ़ने की वजह केवल एक ही है, लोगों को आध्यात्मिक शिक्षा नहीं दी जा रही, जिससे कि लोगों का मन नियंत्रित रह सके।

15- जीवन में आपका दुश्मन बाहर का हो न हो, आपके अंदर आपका मन आपका सबसे बड़ा दुश्मन है, अगर आपने उसको नियंत्रित कर लिया तो आप जीवन में सफल हो गए।

16- कौन क्या कर रहा है, कैसे कर रहा है, आप इससे जितना दूर रहेंगे उतने सुखी रहेंगे।

17- जिसने आदत बदलने की कला सीख ली हो, उसके लिए जीवन सरल हो जाता है।

18- इंसान का अह्म जीवन को बर्बाद करने के लिए काफी है।

19-जीवन में कभी इस बात से दुखी न हों कि आपका आज बुरा है, बल्कि इस बात पर ध्यान दें कि क्या गलतियां की थी, जो आगे न हो, इससे आपका जीवन सुखद हो जाएगा

20- अगर आप दूसरों में कमी ढूढ़ने में माहिर हैं, तो इस हुनर का उपयोग खुद के लिए करें, जीवन शानदार हो जाएगा

21-अगर आप दूसरों में कमी ढूढ़ने में माहिर हैं, तो इस हुनर का उपयोग खुद के लिए करें, जीवन शानदार हो जाएगा

22-दूसरों को रिझाने के लिए कोई प्रयास मत करिए, क्योंकि दुनिया की पसंद रोज बदलती रहती है

23-किसी विषय पर सवाल उठाने के लिए सबसे पहले आपको उस विषय का ज्ञान और अनुभव दोनों होना जरूरी है। अन्यथा आप दूसरों के लिए प्यादे बन जाएंगे

24-इरादा दूसरों को आबाद करने का होना चाहिए, फिर देखिए कि जीवन कैसे शानदार होता है।

25- इंसान के शांत चित्त में अनगिनत संभावनाएं, और सुविचार रहते हैं, और अशांत चित्त में हर समय दुख और विषाद, और अकेलापन रहता है।

26- जिंदगी को आजमाइए मत , केवल इसे जीने की कोशिश करिए।

27- मन खराब होने पर सांसारिक वस्तुओं और व्यक्तियों का सहारा मत लीजिए, थोड़ा प्राणायाम कीजिए, भगवान के नाम का जप करिए, मन आनंदित हो जाएगा।

28- रामचरित मानस में हनुमान जी कहते हैं, विपत्ति तभी है, जब भगवान का स्मरण न हो।

29-इंसान के जीवन का सबसे बड़ा सुख शरीर और मन का स्वस्थ होना है, लेकिन अधिकतर लोगों ने इसी को उपेक्षित कर रखा है।

30-मन ख़राब होने पर सांसारिक वस्तु और व्यक्तियों का सहारा मत लीजिए, थोड़ा प्राणायाम कीजिये, भगवान का नाम जप करें, मन आनंदित हो जाएगा!

31-काम में लगाने पर सेवकों की दुख आने पर बान्धवों की , विपत्ति काल में मित्र की और वैभव के नाश होने पर स्त्री की परीक्षा हो जाती है।- चाणक्य

32-अगर इंसान के जीवन में सद्गुण न हो तो चलेगा, लेकिन अगर दुर्गुण हो गया तो जीवन बर्बाद कर देगा।

33-दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश मत करिए, क्योंकि आपका जीवन मदारी का खेल नहीं हैं , जो हर किसी को प्रभावित करे।

34- दिखावा करने के लिए कर्ज मत लीजिए, क्योंकि दिखावे के लिए तारीफ एक दिन मिलेगी, लेकिन उसके बाद की तकलीफ ज्यादा होगी।

35-अगर आप भी जीवन में शांति चाहते हैं, मन में संसार आपके साथ कितना सही किया , कितना गलत किया इसका हिसाब रखना बंद कर दीजिए, ओर केवल अपने कर्तव्य पर ध्यान दीजिए।

36-इंसान मन के विचारों को अपना मानकर चलता है, ठोकरे खाता है, पर फिर भी उसका अहम् गलती स्वीकारने ही नहीं देता, इसलिए दुख भोगता रहता है!

37- किसी की गलतियों के लिए उसको माफ कर दीजिए, लेकिन उस पर दोबारा विश्वास मत करिए, अन्यथा धोखा खा जाएगें!

38- समस्याओं का सिलसिला जारी रहने दीजिए, आप अपने प्रयासो का सिलसिला जारी रखिए, समस्या खुद ब खुद खत्म हो जाएगाी।

39- महान हर कोई बनना चाहता है, बस वो अपनी आदतें नहीं बदलना चाहता , वो आदतें बदल दे तो जीवन बदल जाए।

40-जीवन में दूसरों को देने की आदत विकसित करें, इससे त्याग की भावना विकसित होगी, फिर नुकसान होने पर आप दुखी नहीं होंगे।

41-जीवन में दूसरों को देने की आदत विकसित करें, इससे त्याग की भावना विकसित होगी, फिर नुकसान होने पर आप दुखी नहीं होंगे।

42-जीवन में एक सावधानी जरूर रखिए कि पूजा करते समय, तीर्थयात्रा में सेल्फी से दूरी बना कर रखें, क्योंकि वो मन को पवित्र करने का स्थान, साधना करने का स्थान है, वहां केवल भगवान के भाव में रहिए!

43- संसार को जीतने से ज्यादा जरूरी है, खुद के मन को जीतना, जिसने मन को जीत लिया उसे दुनिया जीतने की जरूरत ही नहीं है।

44- संसार का कोई भी सुख स्थाई नहीं है, क्योंकि दुनिया ही परिवर्तनशील है, बेहतर यही है, आप भगवान में मन लगाइए, फिर आपको आपको दुख कभी नहीं होगा।

45- इंसान को सबसे ज्यादा दुख उसी का अह्म देता है, लेकिन अफसोस कि इंसान उसको पहचान नहीं पाता।

46- जीवन में कड़वी बातें बोलने से बचिए, क्योंकि परिस्तिथियां तो आपकी बदल जाएंगी, लेकिन बातें लोग जीवन भर याद रखतें हैं!

47- जीवन में धन खूब कमाइए, लेकिन एक सावधानी रखिए कि धन की कमी और अधिकता दिमाग में मत रखिए, अन्यथा वो धन जीवन खराब कर देगा।

48- आपको जीवन बदलने के लिए मन की बातें मानना बंद करना ही पड़ेगा , अन्यथा मन जीवन नष्ट कर देगा!

49- खुश रहने के लिए बेफिक्र रहना सीखिए, क्योंकि ऐसा कभी समय नहीं आएगा कि आपकी हर इच्छाएं पूरी हो जाएं।

50- हर इंसान अपने ही कर्मों का सुख-दुख भोगता है, इसलिए दूसरों से अपने जीवन की तुलना न करें! 

51- अधिकांश युवाओं में अशांति का कारण मोबाइल में अनावश्यक वीडियो देखना है, जो मन को अनियंत्रित करता है!

52-इंसान को जवाब देने से ज्यादा मौन रहने की कला सीखनी चाहिए, तभी वह सुखी रह सकता है!

53- अपनी सफलता के लिए दूसरों का अहित चाहने वाले लोग सफल भले ही हो जाएं, लेकिन सुखी नहीं हो सकते।

54-जिस विचार को जितना महत्व देगें वैसी ही आपकी भावना होगी , चाहे वो अच्छे हों या बुरे, इसलिए हमेशा शुभ विचार रखिए !

55-जो व्यक्ति दूसरों का अहित करके खुद का सुख चाहता है, उसका जीवन हमेशा दुखों से भरा रहता है!

56-इंसान के मन की सबसे खराब आदत ये है, कि वो हमेशा प्रतिकूलता का चिंतन करता रहता है, औऱ दुखी रहता है।

57- संसार का प्रभाव तभी तक आपके लिए है, जब तक आप संसार का चिंतन करते हैं, चिंतन खत्म होते ही संसार का प्रभाव खत्म हो जाता है!

58- अपने आज को कल के सुख की आशा में बर्बाद मत करिए, क्योंकि कल अनिश्चित है, आप केवल आज को ही अच्छा बना सकते हैं।

59- जीवन में सलाहकार उसी को बनाएं जो वास्तव में ज्ञानी और निष्पक्ष हो,क्योंकि मूर्ख की सलाह जीवन बर्बाद कर देगी!

60- जीवन में परिणाम का सही चिंतन किए बगैर कोई कार्य मत करिए, इससे आप गलत कार्यों से बच जाएंगे!

61- जीवन में असफलता ही आपको धैर्यवान और साहसी बनाती है, हमेशा सफल होने वाला तो छोटी समस्याओं से ही हार जाता है।

62- उदारता सबसे ज्यादा गरीबों में होती है, अमीर लोग तो हर जगह केवल मुनाफा देखतें हैं।

63- दुनिया में सबसे भाग्यशाली वो लोग है, जिन्होंने खुद के मन को संभालना सीख लिया है।

64- जीवन में संग्रह से ज्यादा सुख बाँटने में मिलता है, इसलिए संग्रह कम और बाँटना ज्यादा करिए।

65-जीवन में सत्कर्म ऐसे करिए कि खुद को पता न चले, नहीं तो उसका अहंकार आ जाएगा, क्योंकि करने कराने वाला भगवान है।

66-जो भविष्य में सुख की कल्पना कर बैठे हैं, वो केवल वर्तमान ख़राब कर रहे हैँ, क्योंकि भविष्य अनिश्चित है।

67-जिनको लगता है की पैसा आएगा तो सुख आएगा,ये सबसे बड़ा भ्रम है, ज्यादा दुखी पैसे वाले ही हैँ, क्योंकि पैसा केवल भौतिक साधन दे सकता है, जबकि सुख मन का विषय है।

68-जिस गुण और व्यवहार की अपेक्षा इंसान दूसरों से करता है, सबसे पहले वो गुण खुद में विकसित करना चाहिए।

69-इंसान के दुख का जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि उसी का मन है, जो दुख का कारण का चिंतन करता रहता है।

70- जीवन में दुख के लिए खुद को मत कोसिए, सहन करने की हिम्मत रखिए, क्योंकि दुख का समय सीमित है।

71- जिसकी नियति खराब रहती है, उसका वक्त भले ही कितना भी अच्छा क्यों न हो, वो दुखी ही रहेगा!

72- दूसरों को दुख देने वाला कभी सुखी नहीं रह सकता , भले ही वो कितना धनवान हो जाए!

74- किसी के खिलाफ कड़वे शब्द बोलने से बचें, क्योंकि कड़वे शब्द एक बार ही बोले जाते हैं, लेकिन इंसान उसको जीवन भर नहीं भूलता।

75- जीवन में गलतियां करने से बचें, क्योंकि इंसान आपकी अच्छाई को भुलाकर केवल आपकी गलतियां ही याद रखता है।

76- जीवन में हमेशा कर्तव्यों पर ध्यान दीजिए, लोगों की गलतियों पर नहीं, क्योंकि आपके कर्तव्य के लिए आप ही जिम्मेदार हैं, कोई दूसरा नहीं ।

80-दूसरों की गलतियों का मनन मन को इतना गंदा कर देता है, कि इंसान सोचने समझने की क्षमता ही खो बैठता है।

81-अपने भविष्य की खराब कल्पना करके दुखी होने की जगह वर्तमान को अच्छा बनाइए, भविष्य अच्छा ही होगा।

82- पैसे वालों से ज्यादा रिश्ते गरीबों के चलते हैं, क्योंकि गरीब इंसानो को महत्व देते हैं, न कि पैसों को।

83-इंसान की सबसे बड़ी गलती यही है, कि जब मन अशांत होता है, तो दुनिया में ढूढ़ता है, जबकि दुनिया से जुड़ाव के कारण ही वह अशांत महसूस करता है।

84- आपका मन ही आपको फंसाता रहता है, इससे सावधान रहें।

85- अपने विचारों से प्रभावित होना छोड़ दीजिए, आप हमेशा ही खुश रहेंगे।

86-आप जब तक मान अपमान से प्रभावित होते रहेंगे, तब तक आप सही रास्ता नहीं चुन पाएंगे।

87-सच्चा सुख तो भगवान के स्मरण में ही है, संसार में तो केवल सुख का भ्रम है।

88- दूसरों को दिखाने के लिए कभी कोई काम मत करिेए , क्योंकि लोगों की पसंद रोज बदलती है, और उसका सत्य से कोई संबंध नहीं होता।

89- दुनिया में सबसे सरल काम है दूसरों में दोष निकालना, और सबसे कठिन काम है, खुद के दोषों को स्वीकार करना।

90-दूसरों के दोष देखने से बचें, क्योंकि दोष दूसरों में होते हैं, लेकिन दोष देखने से मन आपका दूषित होगा 

91-दुनिया में सबसे सरल काम है दूसरों में दोष निकालना, और सबसे कठिन काम है, खुद के दोषों को स्वीकार करना।

92- संसार में जिस व्यक्ति या वस्तु से सुख की उम्मीद की जाती है, वास्तव में वही दुख का कारण बनती है।

93-भगवान का स्मरण ही सच्चा सुख देता है, दुनिया का सुख तो केवल भ्रम है।

94-तनाव दूर करने के िलए हरि स्मृति से अच्छी औषधि कोई नहीं है।

95-सत्य के रास्ते पर निर्भय होकर चलिए, क्योंकि आपके साथ जो होना है वही होगा, और जो नहीं होना वो कभी नहीं होगा, औऱ जो गलत भी होगा तो उसमें ईश्वर आपको सम्भाल लेगा।

96-कर्म हमेशा सोच समझकर करना चाहिए,क्योंकि आपके बुरे कर्म का सुख एक दिन का होगा, लेकिन उस बुरे कर्म का फल जीवन भर भुगतना पड़ सकता है।

97-जब तक आप अपने मन की बात मानते रहेंगे, आपको दुख परेशान करता रहेगा।

98-किसी के बारे में कभी कोई राय मत बनाइए, क्योंकि किसी की एक बात या एक काम से आप उसके पूरे चरित्र को नहीं जान सकते ।

99-संसार आपकी क्रिया -प्रतिक्रिया को महत्त्व देता है, और ईश्वर केवल आपका समर्पण देखता हैं !

100-आगे क्या होगा ये सोचने से ज्यादा जरूरी हैं, कि हम सोचें कि आज क्या कर सकते हैं!

101-बेईमानी से कमाए गए धन का सुुख तो कुछ दिनोे का होता है, लेकिन उसका दुख कई पीढ़ियों को झेलना पड़ता है।

102-अपने जीवन की तुलना दूसरों से न करें, क्योकि आप जैसे हैं, आपके कर्मों के फलस्वरूप अच्छे हैं, इसलिए तुलना न करें, केवल कर्म करें!

103-अगर आप धन की कमी से दुखी हैं, तो एक बार धनवान लोगों का जीवन देखिए, कि क्या वो धन रहने से सुखी हैं।

104-पैसे को कभी भी अपनी खुशी का आधार न बनाएं, अन्यथा आप जीवन भऱ दुखी ही रहेंगे क्योंकि आज पैसा है, तो कल की चिंता रहेगी, और आज नहीं है तो उसके लिए दुखी रहेंगे, और ज्यादा है, तो खोने की चिंता रहेगी।

105-कल की चिंता में अपना आज बर्बाद मत करिए, क्योंकि आप भले ही भविष्य में सुख ढूढ़ रहे हों लेकिन जब भविष्य आएगा तब तक आपको चिंतित रहने की आदत पड़ चुकी होगी।

106-अधिकांश लोगों के जीवन में उनकी कोई समस्या नहीं है, वो केवल एक अंधी होड़ में शामिल हो गएं है, दूसरों की नजरों में महान दिखने की और ये होड़ कभी खत्म नहीं होने वाली ।

107-जीवन में शांति किसी भी इच्छा की प्राप्ति से कभी नहीं मिलती , शांति तोे केवल इच्छाओं से खुद को अलग करने से ही मिलती है।

108-इंसान को अपना धन और अपनी कमजोरी हमेशा छुपाकर रखना चाहिए, क्योंकि दोनो ही आपके पतन का कारण बन सकता है।

109-जीवन में भौतिक चीजों से इतना लगाव मत रखिए कि उसके न होने पर आप दुखी हो जाएं क्योंकि सबकुछ एक दिन नष्ट होना ही है।

110-अधिकांश लोगों को ये अफसोस रहता है, कि कोई उनको नहीं समझता , जबकि वास्तविकता ये है कि, आपको खुद के अलावा कोई समझ ही नहीं सकता, क्योंकि आपके मन और भावनाओं में कोई प्रवेश नहीं कर सकता ।

111-लोभी और निंदा करने वाले से दूरी बनाकर रखना चाहिए, क्योंकि निंदक का संग करने से मन गंदा होता है, और लोभी व्यक्ति कभी भी हमे गलत रास्ते पर ले जा सकता है।

112-जिससे इंसान सुख चाहेगा तो उससे दुख मिलेगा ही, क्योंकि हर स्थिति के दो पहलू हैं, बेहतर है कि वो खुद को हर स्थिति में सामान्य रखे!

113-ऱिश्ते में शब्दों से ज्यादा मौन जरूरी होता है, क्योंंकि शब्द कई बार विवाद पैदा करते हैं, और मौन विवाद होने ही नहीं देता।

114-जब इंसान के मन में पहला स्थान (ईश्वर) की जगह पैसा ले लेता है, तो उसके जीवन से खुशी खत्म हो जाती है, केवल निराशा बचती है।

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