Motivational Quotes

सुविचार!

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1-जब तक आप खुद को जीत नहीं लेते, दुनिया जीतने की इच्छा व्यर्थ है।

2-जब तक इंसान में अहंकार है,वो उस बर्फ की तरह हो,जिसका दायरा स्थायी और संकीर्ण है, लेकिन पानी में बदलते ही उसके व्यापक बनने के रास्ते खुल जाते हैं।

3-तुम समस्याओं से बच ही नहीं सकते ,बेहतर यही है,कि तुम अपना साहस पहाड़ जैसा कर लो।

4-आत्म संतुष्टि ही इंसान को व्यापक बना सकती है।

5-आपके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है, कि आप खुद के अस्तित्व को पहचान लो।

6-सत्य का मार्ग लोगों को कठिन इसलिए लगता है, क्योंकि सत्य तक पहुंचने के लिए बहुत सारे कांटो के जैसे झूठ से मुकाबला करना पड़ता है।

7-प्रेम मुक्ति का मार्ग है,लेकिन लोग मोह को प्रेम समझ बैठे हैं, वही उनके दुख का सबसे बड़ा कारण है।

8-सत्य का विरोध इसलिए होता है,क्योंकि झूठ को अस्त्तित्व खत्म होने का डर रहता है।

8-सत्य का विरोध इसलिए होता है,क्योंकि झूठ को अस्त्तित्व खत्म होने का डर रहता है।

9-अधकितर लोगों के दुख का कारण ये हैं, कि वो या तो भविष्य के डर में जी रहे हैं, या अतीत की कल्पनाओं में ।

10-असत्य को स्वीकारने वाला व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है।

11-दुनिया में हर जगह असत्य को इसलिए फैलाया जा रहा है, ताकि मूर्ख लोग आप पर राज कर सकें।

12-अगर कोई आपको धनवान बनने की प्रेरणा देता है, तो उसके पहले आप असली आनंद और शांति की तलाश कर लें।

12-अगर कोई आपको धनवान बनने की प्रेरणा देता है, तो उसके पहले आप असली आनंद और सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा लीजिए, अन्यथा वो आपका धन भी दुख का कारण बनेगा।

13-अगर किसी का सपना डाक्टर इंजीनियर या धनवान बनने का है, उसका पहला सपना इंसान बनने का होना चाहिए।

14–कोशिशें करके हारने का तजुर्बा भी आपको बड़े लक्ष्य तक पहुंचा सकता है,और कोशिश न करके हारना आपके लिए सबसे बड़ी समस्या ।

15-जिंदगी की मुसीबतें, आपको योग्य बनाने के लिए आती हैं,ताकि आप अपनी सफलता को सम्हाल सकें।

16-दुनिया में परोपकार और सेवा ही ऐसा कर्म है,जो खुद के साथ दूसरों को भी खुश ऱखता है।

17-दुनिया में जब लगे कि आप दूसरों से बहुत कमजोर है, तो इसका मतलब केवल यही है, कि आप खुद को बेहतर बनाने की जगह दूसरों के बारे में सोचकर अपना समय खराब कर रहे हैं।

18-दुनिया में झूठ का शोर बहुत ज्यादा होता है,जबकि सच निर्भय और शांत रहता है।

19-दूसरों को अपना आदर्श तभी बनाएं, जब वह व्यक्ति सत्य की राह पर चलता हो, क्योंकि झूठ क्षण भर के लिए सुख देता है,और जीवन भर के लिए दुख।

20-इंसानों के लिए इंसानियत ही उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

21-जो इंसान जितना ठोकर खाता है, उसके सफलता की संभावनाएं उतनी बढ़ती जाती है।

22-इंसान खुद के लिए बेहतर इसलिए नहीं कर पाता क्योंकि वह अधितर दूसरों के बारे में ही सोचता रहता है।

23-जिस दिन आप हार जीत से आगे निकल जाओगे, उस दिन आप बड़े लक्ष्य की औऱ मुड़ जाओगे।

24-ज्यादा सोचना बेहद खतरनाक होता है,अगर उसको प्रय़ोग न किया जाए।

25-आपकी कीमत तभी है, जब आप गलत लोगों के साथ फूलों के जैसे रह सकें, जो कांटो के बीच रहकर भी उनसे अछूता रहता है।

26-किसी को गिराने की कोशिश करना,खुद को ही नीचे गिराना है,क्योंकि जब हम किसी को गिराने की कोशिश करते हैं, तो वास्तव में हम अपनी अयोग्यता से डरते हैं।

27-दुनिया में सच्चे लोगों का विरोध हमेशा होता है,क्योंकि सत्य के सामने झूठ को हमेशा बेनकाब होने का डर रहता है।

29-अपने अच्छे समय पर घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि समय कभी भी बदल सकता है।

30-इंसान की सहनशीलता पहाड़ों जैसी होनी चाहिए, ताकि कोई भी परिस्थितियों का तूफान प्रभावित न कर सके।

31-जो इंसान दूसरों का भला चाहता है,वो कभी दुखी नहीं रहता,क्योंकि वो हमेशा सृजन में लगा रहता है।

32-जब आदमी दूसरों से उम्मीद रखने लगता है, तो उसके असफल होने की संभावना बढ़ जाती है।

33-खुद को कमजोर समझना खुद की क्षमता को कम आंकना है।

34-जब इंसान प्रकृति को नष्ट करने की सोचता है,तो सबसे पहले वही प्रभावित होता है,क्योंकि इंसान प्रकृति का ही बनाया है।खुद को कमजोर समझना खुद की क्षमता को कम आंकना है, क्योंकि दुनिया में इंसान की परिस्थितियां उसके अपने ही कर्मों का परिणाम है।

35-दुनिया में किसी कार्य को करने के संकल्प का होना बहुत जरूरी है।

36-दुनिया में अनावश्यक रास्ते आसानी से मिल जाते हैं, क्योंकि अधिकतर लोग उसी पर चलते हैं,जबकि श्रेष्ठ का चुनाव आपको करना पड़ता है।

37-दुनिया में आपकी सोच से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन आपके कर्मों का प्रभाव जरूर पड़ता है।

37-अगर आप दुनिया में कुछ बदलाव करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको खुद को बदलना पड़ेगा।

38-हमेशा दूसरों के बारे में बात करने वाला व्यक्ति सृजन के लिए नहीं सोचता, क्योंकि उसके पास खुद के लिए समय ही नहीं बचता।

39-रास्ता कोई भी कठिन नहीं होता ,वास्तविकता ये है, कि वो हमारे लिए नया होता है।

40-दुनिया में बदलाव हमेशा होता रहता है,और उसकी स्वीकार्यता जरूरी है,लेकिन आपको खुद पर नियंत्रण रखना बेहद आवश्यक है।

41-दुनिया में विचारक बहुत मिल जाते हैं, लेकिन सत्य को जानने वाले विरले ही मिलते हैं।

42-ईमानदारी एक ऐसा गुण है, जो आपको कभी झुकने नहीं देता।

43-ईश्वर कभी आपका बुरा नहीं करता , केवल हमारे कर्म ही जिनका परिणाम हमें मिलता रहता है।

44-आप कितनी भी तरक्की कर लें ,लेकिन घमंड कभी मत करिए, क्योंकि घमंड एक चिंगारी की तरह है, जो आपकी सफलता को खाक कर देगा।

45-हालातों को कोसने का रास्ता वही लोग अपनाते हैं, जो कर्म करने के लिए नहीं सोचते।

46-आपको समस्याओं के बारे में सोचने से ज्यादा समाधान की तरफ कदम बढ़ाने की जरूरत है।

47-ठोकरों को दोष देने से जिंदगी नहीं बदलती ,बल्कि ठोकरे खाकर सम्हलने से जिंंदगी बदलती है।

48-सत्य का रास्ता आपको एक ही बार चुनना होता है, लेकिन अगर आप झूठ चुनते हैं, तो आपको जिंदगी भर झूठ चुनना पड़ता है।

49-कोई अगर आपके हालात न समझे तो कोई बात नहीं , लेकिन अगर आप खुद को नहीं समझते ये गंभीर समस्या है।

50-आपकी शिक्षा अगर संस्कार विहीन है, तो उस शिक्षा का कोई मतलब नहीं है।

51-दूसरों का आदर करने वाला व्यक्ति हमेशा आदर प्राप्त  करता है,क्योंकि प्रकृति आपको लौटा देती है,जो आप देते हैं।

52-इंसान का लिबास देखकर अगर इज्जत की जाए, तो आप धोखा खा जाएंगे, क्योंकि इंसान की असली कीमत उसका चरित्र और व्यवहार निर्धारित करता है।

53-अगर आप सही रास्ते पर चल रहे हैं, तो आपका विरोध होना निश्चित है,क्योंकि झूठ आपको हमेशा परास्त करने की कोशिश करेगा।

54-आपकी तरक्की इस बात से निर्धारित नहीं होती कि आप कितने धनवान है, ब्लकि आपका दूसरों के प्रति उदारता की भावना आपकी तरक्की निर्धारित करती है।

55-अक्सर ज्यादा बोलने वाले लोग अनावश्यक बोल जाते हैं, क्योंकि वो हर समय खुद को साबित करने में लगे होते हैं।

56-जितनी पकड़ आपकी दूसरों की गलतिया निकालने में है,उतनी अगर खुद की नजर आने लगे तो आप बहुत जल्दी तरक्की कर लेंगे।

57-दूसरों की परेशानी को अगर आप समझने लगे हैं, इसका मतलब ये है,कि आप अब बदलाव लाने के योग्य बन चुके हैं।

58-ईर्ष्या एक अदृश्य बीमारी है, जो दिखाई नहीं देती ,लेकिन आपके मन को जहरीला बना देती है।

59-प्रयास करने से अनुभव मिलता है, और अनुभव से सफलता , लेकिन केवल सोचते रहने से निराशा ही मिलती है।

60-तरक्की करना लेकिन इतनी नहीं कि लोग आपसे दूर हो जाएं, बल्कि हर कोई आपके साथ बैठ सके।

61-जो लोग केवल सलाह देते हैं, उनका मूल्य कुछ नहीं है, क्योंकि सलाह देने से अच्छा किसी को सहयोग देना अच्छा है।

62-अगर आप अपनी हार का फैसला बिना प्रय़ास किये ही कर लेते हैं, इसका मतलब केवल यही है, कि आप मेहनत करना नहीं चाहते ।

63-अगर आप किसी चीज के खत्म होने से दुखी हैं, तो ये केवल आपकी नादानी है, क्योंकि सत्य केवल ये है, कि सबकुछ नष्ट होना ही है, बेहतर है, आप उसे स्वीकार कर लें।

64-मुश्किलों से जितना दूर भागोगे वो आपको उतनी परेशान करेंगी,बेहतर यही है, कि आप उसको समझकर समाधान करें।

65-जिस दिन आपको खोने का भय और पाने की खुशी का प्रभाव नहीं होगा,आप बड़े लक्ष्य की तरफ मुड़ जाएंगे।

66-दूसरों की हंसी उड़ाना खुद का उपहास करना है,क्योंकि सभी को एक ही प्रकृति ने बनाया है, इंसान का वक्त कभी भी बदल सकता है।

66-दूसरों की हंसी उड़ाना खुद का उपहास करना है,क्योंकि सभी को एक ही प्रकृति ने बनाया है, इंसान का वक्त कभी भी बदल सकता है।

68-इंसान की मूल प्रकृति आनंद है,लेकिन वो इसको भुलाकर हमेशा चिंता में डूबा रहता है।

69-दूसरों को दी हुई मुस्कान सामने वाले से पहले आपको खुशी देती है, क्योंकि दूसरों के कारण आपको भी मुस्कुराने का मौका मिल जाता है।

70-अगर आप बेवजह दुखी हो जाते हैं, इसका मतलब ये है कि आपके मन में कुछ नकारात्मक विचार है,बेहतर है, कि आप आध्यात्मिक कहानियां सुनिए,औऱ आध्यात्मिक ग्रंथों को पढ़िए,ताकि आपके दिमाग में अच्छे विचार आ जाएं।

71-किताबें आपकी अच्छी दोस्त हैं, जो आपको हमेशा मार्गदर्शन देती रहती हैं।

72-इंसान की तरक्की का सबसे बड़ा दुश्मन उसी की आदत है, जो वह छोड़ना नहीं चाहता।

73-क्रोध इ्ंसान का सबसे बड़ा शत्रु है,जो इंसान को उसकी गलती का अहसास नहीं होने देता ।

74-दुनिया में पैसे का मूल्य केवल उतना है,जितने की जरूरत है।

75-इच्छाओं का नियंत्रण जीवन का नियंत्रण है, अगर आप इन पर महारत हांसलि कर लेते हैं, तो आपकी जिंदगी शानदार होगी।

76-जिस दिन आपको ये यकीन हो जाए कि आप सबकुछ जान चुके हैं, उस दिन आपकी संभावनाओं के रास्ते बंद हो जाएंगे।

77-कोई व्यक्ति जब महान बनने की तरफ कदम बढ़ाता है,तो सबसे पहले वो खुद को सुदृढ़ बनाता है।

78-इंसान का हर कदम उसका भाग्य निर्धारित करता है, बेहतर यही है कि आप सोच समझकर फैंसला लें।

79-दूसरों की बातें सुनने लायक तभी होती हैं,जब वो आपके काम की हों।

80-आप जब भी नकारात्मक कल्पना करते हैं, आप खुद को अंधेरे की तरफ मोड़ देते हैं।

81-भयभीत होना केवल आपका वह्म है,क्योंकि मृत्यु निश्चित है,आप उससे नहीं बच पाएंगे।

82-जब तक आप इच्छा पूर्ति के लिए कार्य करेंगे, आप खुश नहीं रह पाएंगे, लेकिन जब आप

83-जो कोई वास्तव में खुश रहना चाहता है,उसको अपने विचारों और भावनाओं पर पूरा नियंत्रण ऱखने की आवश्यकता है।

84-अगर आप हर पल दुखी रहने का कारण खोज लेते हैं, तो बेहतर है, कि आप उन कारणों को खुद से अलग कर लें।

85-दूसरे आपको गुलाम तभी बना पाते हैं, जब आप खुद के लिए मेहनत करना छोड़ देते हैं।

86-आप किसी के लिए कुछ तभी कर सकते हैं, जब आपने खुद के लिए बहुत कुछ किया हो।

87-जीवन की नाव तभी डगमगाती है, जब आप ईश्वर को भूल जाते हैं।

89-आपकी तरक्की में आपसे ज्यादा ईश्वर का योगदान है,क्योंकि आपको सारे संसाधन ईश्वर ही उपलब्ध कराता है।

90-दूसरों के लिए आभारी जरूर रहे , जिन्होने आपके लिए कुछ किया है, क्योंकि उन्होने आपको अपने समय से ज्यादा मूल्यवान समझा।

91-जीवन में अगर कुछ बड़ा हांसिल करना हो तो कुछ ऐसा जरूर करना जिससे खुद के साथ देश औऱ समाज का भला हो सके।

92-दूसरों के कार्यों का श्रेय़ कभी मत लीजिए,अन्यथा आप सीखने की अवसर खो देंगे।

93-निंदा करना उस कीचड़ की तरह है, जिसको दूसरों पर उछालने से पहले खुद उठाना पड़ता है।

94-बेवजह खुश रहना आपके जीवन की उपलब्धि है,क्योंकि वजह दुख लाती है।

95-विपरीत परिस्थितियां अंधेरे की तरह होती हैं,जिनसे दूर का रास्ता दिखाई नहीं देता,लेकिन आगे बढ़ने पर रास्ता दिखाई देने लगता है।

96-वहां कभी मत जाइए, जहां लोग आपको बर्दाश्त करते हों, बल्कि वहां जरूर जाइए जहां लोग आपका इंतजार करते हों।

97-खुद को कमजोर कभी मत समझिए, क्योंकि आप अपने हालातों को बदलने में सक्षम हैं।

98-किसी अवसर का इंतजार करने से अच्छा है, उसका निर्माण किया जाएं।

99-दूसरों के दुख का कारण कभी मत बनिए, क्योंकि वो दुख आपके जीवन की हिस्सा भी बन सकता है।

100-जब आप किसी का बुरा करते हैं, तो सबसे पहले आप खुद के मन को दूषित कर लेते हैं, जिसकी वजह से आप हमेशा दुखी रहते हैं।

101-दूसरों का सहारा तभी लीजिए,जब आप असमर्थ हों, क्योंकि अनावश्यक सहारा भी आपको कमजोर बना देता है।

102-आप बेहतर जगह तभी पहुंच सकते हैं, जब आप बेहतर रास्ता चुनें।

103-जो व्यक्ति दूसरों के बारे में ज्यादा बातें करते हैं,वो अक्सर खुद को बेहतर बनाना भूल जाते हैं।

104-लोग आपसे तभी खुश ऱह सकते हैं, जब आप उनके लिए अच्छा करते हैं,लेकिन उनसे कोई उम्मीद नहीं रखते।

105-अगर आप खुश रहना चाहते हैं, तो आपके पास जो नहीं है,उसके लिए दुखी होने की जगह जो आपके पास उसके लिए ईश्वर के आभारी रहिए।

106-दूसरों के किरदार को परखने से पहले खुद के किरदार को बेहतर बनाने का प्रयास करें।

107-दूसरों को खुश रखने से पहले खुद को खुद रखना बेहद जरूरी है।

108-जो इंसान अपनी खुशी का जिम्मेदार दूसरों को बनाता है,वह हमेशा दुखी रहता है।

109-दूसरों से ज्यादा उम्मीद रखना कभी कभी खुद को अपाहिज बना देता है।

110-जो परोपकार करके दूसरों से भी वैसा करने की उम्मीद करता है,उसको दुख ही मिलेगा,क्योंकि दुनिया में उसके जैसे अच्छे लोग बिरले हैं।

111-अगर आप अपनी जिंदगी किसी लड़की या लड़के के चक्कर में बर्बाद कर हैं,इसका मतलब ये है कि आप खुद को किसी का गुलाम बना चुके हैं।

112-अपना कीमती समय मनोरंजन के साधनो में गंवाने का मतलब है,अपनी जिंदगी को बर्बाद करना।

113-जीवन में लक्ष्यहीन व्यक्ति के लिए सारे संसाधन बेकार हैं।

114-नशा करना अपने दिमाग को किसी मूर्खतापूर्ण गतिविधि का आदी बनाना है।

115-अपने अनमोल समय को दूसरों की निंदा और कमियां निकालने में खराब न करें,अन्यथा आप खुद को बेहतर नहीं बना पाएंगे।

116-ईश्वर को भूल जाने का मतलब खुद की श्रेष्ठता को नजरअंदाज करना है।

117–जीवन का आनंद केवल भक्ति और परोपकार में है,क्योंकि जिसमें आप सुख समझते हैं,वो आपके दुख का कारण भी बनेगा ।

118-आपकी वास्तविक खुशी का मार्ग यही है,कि आप अपना मन भगवान में लगाइए।

119-रिश्ते की कामयाबी का राज ये है,कि आप सामने वाले से निस्वार्थ और बिना किसी उम्मीद के रिश्ते निभाइए, क्योंकि उम्मीद ही दुख देती है।

120-आप दुनिया की बराबरी कभी नहीं कर पाएंगे,बेहतर है,कि आप अपने मन की स्थिति को सही रखिए।

121-क्रोध आग से ज्यादा खतरनाक होता है,क्योंकि आग को फैलने में समय लगता है,जबकि क्रोध आपकी खुशियों को तुरंत जला देता है।

122-दूसरों के खिलाफ द्वेष रखने का मतलब है,आग के गोले को मन में रखना ,जो आपके अच्छे विचारों को नष्ट कर देता है।

123-विरोध हमेशा श्रेष्ठ व्यक्तियों का होता है,क्योंकि सामान्य लोगों की बुद्धि उनको समझने में असमर्थ होती है।

124-भयभीत लोग हमेशा दूसरों को डराने में ही अपना समय नष्ट कर देते हैं।

125-ईश्वर के बिना इंसान उस गिरे हुए पेड़ के पत्ते जैसा है,जिसके अलग होने पर उसका अस्तित्व खत्म हो जाता है।

126-सत्य हमेशा अकेला ही मैदान में खड़ा होता है,जबकि झूठ को बैसाखी के सहारे की जरूरत पड़ती है।

127-आपके विचार और कर्म तभी सफल हो सकते हैं,जब आपके साथ ईश्वर की कृपा हो,क्योंकि कर्मो का फल ईश्वर के हाथ में होता है।

128-दुनिया के अधिकतर लोग दूसरों की गलतियां निकालने में महारथी हैं,जबकि वास्तव में वो सुधारने की तरकीब नहीं जानते।

129-लोभ किसी भी इंसान को शैतान बनाने के लिए काफी है।

132-इंसान का अह्म और वह्म दोनो दोनो उसको बर्बाद करने के लिए पर्याप्त हैं।

133-इंसान परिस्थितियों का दास नहीं है,बल्कि परिस्थितियां उसके कर्मों की दासी हैं।

134-विचारों को संतुलित करने के लिए ध्यान आवश्यक है।

135-शास्त्रों की नीतियां मनुष्य को महापुरुष बनाने के लिए पर्याप्त है।

136-सफल इम्तिहान अक्सर बड़े संघर्ष का परिणाम होते हैं।

137-सफर में धूप भी उसी के हिस्से में आती है, जो अपने लक्ष्य के लिए निरंतर प्रयास करते रहते हैं।

138-अगर आपके रास्ते में बाधाएं नहीं है तो समझ लीजिए आपके हाथ सफलता भी नहीं आएगी।

139- आपका संघर्ष उस मौसम की तरह है जिसका बदलना तय हैं , अगर आप इस स्थिति में अपने आपको बनाए रखते हैं तो सफलता निश्चित है, लेकिन अगर आप मैदान छोड़ देते हैं तो हारना तय है।

140-आपकी कामयाबी के समय आपके साथ लाखों लोग होंगे लेकिन संघर्ष के समय कोई साथ नहीं देगा।

141-आपकी सफलता हर किसी के लिए बड़ी नहीं हो सकती क्योंकि जिसने आपका संघर्ष देखा है केवल वही अनुमान लगा सकता है।

142-आपका किसी भी संघर्ष में भयभीत होना केवल ये साबित करता है कि आप सफलता सम्हालने लायक नहीं है , इसीलिए हमेशा बहादुरों की तरह संघर्ष करिए।

143-इस दुनिया में उपयोगिता केवल कर्मो की है, अगर किसी पौधे के आसपास घांस उगती है तो काट दी जाती है क्योंकि उपयोगिता उस पौधे की है जो फल देगा , न कि उस घांस की।

144-संघर्षों का सिलसिला उस कोहरे की तरह है जिसकी वजह से दूर का रास्ता दिखाई नहीं देता लेकिन जैसे जैसे साहस करके आप आगे बढ़ते हैं आगे का रास्ता दिखाई देने लगता है।

145- किसी को सफलता विरासत में नहीं मिलती इंसान इसे संघर्षों से प्राप्त करता है।

145-अगर लोग आपकी आलोचना करते हैं तो उनको करने दीजिए क्योंकि लोगों की राय आपकी सफलता मिलने के बाद बदल जायेगी।

146- जब आपको लगे कि आप हार रहे हैं तो एक बार रुक कर सोचिए कि आपने फिर शुरुआत ही क्यों की थी और अगर आप अपना  लक्ष्य छोड़ देगें तो क्या आप दूसरे लक्ष्य के लिए कभी कार्य कर पायेंगे।

147-अगर आप संघर्षों से भयभीत हो जाते हैं तो समझ जाइए आपको अभी बहुत कुछ सीखना है।

148-उस इंसान से जीतने की कोशिश मत कीजिए जो आपकी खुशी के लिए हार जाना चाहता है।

149- जब भी मौका मिले लोगों की सहायता जरूर करें ताकि आपकी मुस्कान बरकरार रहे।

150- गलतियां स्वीकार करना और दूसरों को माफ करना सीखें।

151-आपके पास क्या है इसके लिए दुखी होने से अच्छा आपके पास जो है उसके लिए आभारी रहें क्योंकि दुनिया में बहुत सारे लोगों के पास वो भी नहीं है।

152-जिंदगी का हर पल बहुत कीमती है इसे व्यर्थ के कार्यों मे न लगाएं।

153- किसी आदमी के जीतने का संभावना तब तक रहती है, जब तक उसका जीवन रहता है।

154- सपने हमेशा बड़े होने चाहिए,छोटे तो हर कोई सच कर लेता है।

155-अपनी काबिलियत को इतना बढ़ाओ,कि हर समस्याएं छोटी लगने लगें।

156- इंसान अपने कर्मो से महान बनता है,जायदाद तो खायरात में भी मिल जाती है।

157- दुनिया में सबसे प्रभावशाली भाषा कर्म की होती है, फूल भी अपनी खुश्बू के कारण जाने जाते है, वो किसी से बोलते नहीं हैं।

158- सफलता के रास्ते में सबसे बड़ा भ्रम केवल हार का डर है, जिसको बिना सामना किए दूर नहीं किया जा सकता।

159- प्रतिभा पैसे की मोहताज नहीं होती , वो तो इंसान की लगन और ईमानदारी से ही अर्जित की जा सकती है।

160- आपके सपने जितने बड़े होंगे, संघर्ष उतना ही कठिन होगा, क्योंकि महगी चीजों के दाम भी महगे होते हैं।

161- लोगों के असफल होने की बड़ी वजह ये भी है, कि वो अपने लक्ष्य से ज्यादा लोगों की बातों को महत्व देते हैं।

162- आपको लक्ष्य बदलने से कभी सफलता नहीं मिलेगी, बल्कि लक्ष्य प्राप्त के लिए आपको तरीका बदलना पडे़गा।

163- कोई भी लक्ष्य तब तक हमें प्राप्त नहीं होता, जब तक हम उसके योग्य नहीं हो जाते ।

164- दूसरों के इशारे पर चलने वाले लोग कभी सफल नहीं होते, क्योंकि वो दूसरे के पीछे चलने के कारण अपना हुनर भूल जाते हैं।

165- किसी इंसान की परिस्थितियां उसका भविष्य निर्धारित नहीं करती,लेकिन वो उन परिस्थितियों के प्रति उसका नजरिया जरूर उसका भविष्य निर्धारित करता है।

166- अपनी कमजोरियों को पहचान कर उन्हे सुधारने की कोशिश करिए, क्योंकि असफलता का मूल कारण आपकी कमजोरियां ही हैं।

167- किसी कार्य को कल पर टालने की आदत छोड़ दीजिए, ताकि आप अपने कल का उपयोग किसी और कार्य के लिए कर पाएं।

168- किसी के नेक कार्यों में सहायता अवश्य करिए, इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

169-अपने रास्ते खुद चुनिये, क्योंकि आपके सिवा आपके किरदार को कोई निभा सकता ।

170-शब्दों से खुद को साबित करने के बजाय,खुद को अपनी काबिलियत से साबित करिए।

171-अगर आपको जो मिला है, आप उससे खुश नहीं हैं, तो आप खुद संभावनाएं देखने का नजरिया खो देंगे।

172-अगर आप अपने दुख का जिम्मेदार खुद को मानते हैं,तो आपकी खुशी भी उसी के हांथो में है।

173-विश्वास किसी पर रखिए, लेकिन इतना नहीं कि धोखा मिलने पर निराश हो जाएं।

174–अगर आप अपना निर्णय दूसरों के अनुसार लेते हैं, तो आप खुद के वजूद से दूर हो जाएंगे।

175-आपकी किस्मत वो नहीं है , जो पहले से मिली हैं, बल्कि आपकी किस्मत वो है, जो आपने प्रयासों से बनाई है।

176-अगर आपको कोई समझ नहीं पाता तो निराश न हों, क्योंकि कठिन चीजें हमेशा बाद में समझ में आती हैं।

177-उम्मीद छोड़ना खुद के वजूद पर शक करना है, क्योंकि प्रकृति तो पेड़ से गिरे बीजों को भी उगने का मौका देती है।

178-घमंड करना खुद को संभावनाओं से दूर करना है,जिससे इंसान की कीमत धीरे धीरे कम हो जाती है।

179-आपने जो सोचा है, उसे आज ही कर डालिए, क्योंकि क्या पता कल आपको फिर मौका न मिले।

180-कोई व्यक्ति एक दिन में महान नहीं बन जाता, लोहे को भी सही आकार देने के लिए कई बार आग में तपाना पड़ता है।

181-जीवन में ज्यादा धन होना महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण ये है, कि उसका आप कहां इस्तेमाल करते हैं।

182-उस व्यक्ति की सख्ती भी आपके लिए फायदेमंद है, जो आपको सही रास्ते पर चलने के लिए बाध्य करे।

183-अगर आपको किसी  भी प्रकार है, तो आप उस क्षेत्र में माहिर बनने की कोशिश करिए।

183-किस्मत का बदलना स्वाभाविक है, लेकिन शर्त केवल इतनी है, कि आप उसकी कीमत चुकाने को तैयार हों।

184-हंसना कुदरत का नायाब तोहफा है, इसे खोइए मत।

185-किसी इंसान की कीमत समय आने पर ही होती है।

186-बुरे विचारों से बचने का तरीका है, कि उनको ग्रहण न किया जाए।

187-विचार और ज्ञान में फर्क करना सीख लीजिए,आप कभी गलत रास्ते पर नहीं जाएंगे।

188-अधिकतर लोग केवल आपको गुमराह करेंगे, बेहतर है, आप अपना रास्ता खुद निर्धारित करें।

189-कभी दूसरों के जैसा बनने की कोशिश मत करिए, अन्यथा आप खुद को खो देंगे।

190- सच बोलने के लिए आपको सोचना नहीं पड़ता , और सोच कर बोला गया झूठ भी आपको गुनहगार बना देता है।

191-जिंदगी में कुछ खोने का दुख कभी न करना , क्योंकि आप हमेशा इतने मजबूत रहते हो, कि किसी की जिंदगी को खुशियों से भर सकते हो।

192- अपनी जिंदगी से निराश कभी मत होना , क्योंकि आप जैसी जिंदगी के लिए भी पता नहीं कितनो ने सपने संजोए हैं।

193-दूसरों के लिए कोई राय बनाने से पहले खुद को उसी परिस्थिति में ऱखकर देखना , तो पता चलेगा, कि निर्णय सही है, या नहीं।

194-दूसरों से कभी ये उम्मीद न ऱखें, कि वो आपकी इज्जत करेगा, क्योंकि जरूरी नहीं, कि हर कोई आपके जैसा हो।

195-जो लोग उम्मीद खो देते हैं, ऐसा नहीं है, कि उनके लिए रास्ते खत्म हो जाते हैं, वास्तविकता ये है, कि वो अपनी सोच के दायरे से बाहर नहीं निकलना चाहते।

196-जो लोग उदारवादी होते हैं, वो दुनिया में हर किसी को खुश देखना चाहते हैं।

197-धोखा देना एक बीमारी की तरह है, जो इंसान की वास्तविक क्षमता को खत्म कर, उसको खुद की नजरों में गिरा देता है।

198-समस्याएं उनके लिए बहुत बड़ी लगती हैं, जो लोग उनमें संभावनाएं देखने के बजाय केवल समस्या के तौर पर देखते हैं।

199-जिंदगी का दौर कभी बुरा नहीं होता, केवल हम अपनी इच्छा पूरी न होने की वजह से दुखी रहते हैं।

200-किसी इंसान की नकारात्मक बातें तुरंत भूल जाना चाहिए, अन्यथा वो बातें, जहर की तरह हमारे दिमाग को दूषित करेंगी।

201-जब कभी आपका मन भारी लगे,तो किसी जीव की सेवा करें, आप खुद को ऊर्जान्वित महसूस करेंगे।

202-दूसरों की बातों का जवाब तभी देने की कोशिश करें, जब आपका जवाब किसी को चोट न पहुंचाए, अन्यथा वो जवाब भी आपको परेशान करेगा।

203-अपने ईश्वर को हमेशा याद करते रहें, ताकि आप परमतत्व से हमेशा जुड़े रह सकें।

204-परोपकार करने की आदत डालें, आप कभी कमजोर नहीं पड़ेंगे।

205-परेशानियों में कभी खुद को भयभीत न होने दें, क्योंकि वो आपको तभी प्रभावित कर पाएंगी, जब आप उनके सामने घुटने टेक देंगे।

206-दुनिया में हर इंसान के पास कुछ न कुछ समस्या जरूर है, इसलिए सभी के प्रति सहानुभूति रखें।

207-जीवन में भगवान का नाम आपको हर मुसीबत से लड़ने की शक्ति देता है, इसलिए हमेशा हरि का नाम लेते रहें।

208-इंसान जैसा सोचता है, वैसा बन जाता है,इसलिए कभी वो न सोचें जो आप नहीं बनना चाहते।

209-हालातों को कोसने वाले कभी आगे नहीं बढ़ते, क्योंकि उनकी ऊर्जा विपरीत दिशाओं में उपयोग होने लगती है।

210-जीवन में उत्साही व्यक्ति कभी नहीं हारता , क्योंकि वह हर परिस्थिति में उत्साह के साथ कर्म करता रहता है।

211-विपरीत परिस्थितियों में समस्याओं की चिंता करने से ज्यादा खुद को मजबूत रखना जरूरी होता है।

212-आप तब कमजोर नहीं पड़ते , जब हार जाते हैं, बल्कि न जीतने की सोच आपको कमजोर बना देती है।

213-अगर आपको दूसरों से कुछ ज्यादा चाहिए,तो आपको दूसरों से ज्यादा दृढ़ संकल्प की जरूरत है।

214-हर उस व्यक्ति या वस्तु का मूल्य खत्म होने लगता है, जिसके बारे में आप गलत धारणा बनाने लगते है।

215-किस्मत का कोई दोष नहीं कि आपको कुछ नहीं मिला,क्योंकि आपके कर्मों में इतनी ताकत है, कि आपकी किस्मत बदल सके।

216-आपके जीवन की चुनौतियां ही आपको महान बनाती हैं, क्योंकि चुनौतियां ही आपको काबिलियत दिखाने का मौका देती हैं।

217-इस दुनिया में दूसरों के जीवन से तुलना करना व्यर्थ है, क्योंकि न तो आप उसकी जगह ले पाएंगे, न वो आपकी ।

218-आपको विचारों में इतनी ताकत है, कि आपका भविष्य निर्धारित कर सकें, लेकिन शर्त केवल इतनी है, कि उसका प्रयोग केवल सृजन के लिए किया जाए।

219-जब आप खुद के द्वारा किये गए नेक कार्यों को गिनना बंद कर देते हैं, तो ईश्वर आपको बेहिसाब देना शुरू कर देता है।

220-ईश्वर कभी नहीं चाहता कि हम दुखी रहें, पर गलती केवल इतनी है,कि हम ईश्वर को भूल जाते हैं, और दुख को अपना समझने लगते हैं।

221-अगर आपको कोई छोड़ देता है, तो दुखी न हों, क्योंकि आपकी पहली जिम्मेदारी खुद को खुश रखना है।

222-दुनिया में असली शांति और आनंद भगवान की भक्ति में है, लेकिन आधुनिकता के चक्कर में इंसान पैसे को सबकुछ समझने लगा है।

223-हर इंसान की किस्मत उसके कर्म के प्रारब्ध अनुसार बनती है,जैसे किसी वृक्ष का फल पकने पर खाने योग्य हो जाता है,इसलिए हमें अपने मन वाणी और कर्म से केवल अच्छा ही करना चाहिए।

224-किसी भी समस्या का हल आप शांत मन से निकाल सकते हैं, इसलिए किसी भी कार्य को आवेश में आकर न करें।

225-दुनिया की सच्ची दौलत आपकी मुस्कान है, जो लाखों लोगों का दिल जीत सकती है,इसलिए इसको खोने न दें।

226-दुनिया आपको दिखावे से जानती है, पर आपका ईश्वर आपकी नियति से पहचानता है।

227-आप अच्छे कर्म करते जाओ,उचित समय आने पर वह ईश्वर
आपको फल जरूर देगा।

228-खुद का आईना बनना दूसरों को दाग दिखाने से बेहतर है।

229- भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है, और दूसरों पर रखो तो कमजोरी।

230-किसी भी कार्य को खुद से बड़ा न समझें, क्योंकि हांथी की पूंछ कभी हांथी से बड़ी नहीं होती।

231-समय के पाबंद रहें, ताकि हर मौके को भुना सकें।

232-अपनी हार के लिए पश्चाताप न करें, बल्कि जिस वजह से आप असफल हुए हैं, उसको सुधार कर मजबूत हो जाइए।

234-एक सफलता मिलने पर कभी न रुकें,बल्कि और बड़े लक्ष्य की तैयारी करें।

235-किसी को अपना दुश्मन न समझें,अन्यथा वो आपके दिमाग में
जगह बना लेगा।

236-किसी को अपना दुश्मन न समझें,अन्यथा वो आपके दिमाग में जगह बना लेगा।

237-बार बार अवसर का इंतजार करने से अच्छा है,अवसरों का ही निर्माण किया जाए।

238-लोग जितना भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं, अगर उतने समय का सदुपयोग करना सीख जाएं, तो किस्मत बदलते देर नहीं लगेगी।

239-आपकी मंजिलें जरूर बुलंदियों पर होंगी, पर आपके साहस के सामने वो कुछ भी नहीं हैं।
वक्त का बदलना निश्चित हैं, लेकिन उसके लिए प्रय़ास करना ही पड़ेगा।

240–किस्मत का न बदलना आपके लिए उतना घातक नहीं हैं,जितना कि मन से हार मान लेना।

241–हार का डर केवल भ्रम हैं, क्योंकि आपकी जीत और हार का फैसला केवल आपके प्रयास से ही संभव है।

242-प्रय़ास करने के बाद आपको दो परिणाम मिलते हैं,या तो जीत या तो सीख, क्योंकि हार तो केवल आपके मन के विचार हैं।

243-लोगों की नकारात्मक बातें, आपको तभी दुख दे सकती हैं, जब आप उन बातों की कीमत करेंगे।

244-आपका प्रय़ास कभी बेकार नहीं जाता, क्योंकि उसका अनुभव आपके जीवन में सम्मिलित हो जाता है।

245-एक बार की गलती आपके लिए सीख हो सकती है, लेकिन दोबारा वही गलती आपकी सबसे बड़ी परेशानी।

246-सीख हमेशा अनुभवी व्यक्ति से लेनी चाहिए, क्योंकि समुंदर की गहराई केवल वही बता सकता है, जिसने तैरनी की कोशिश की हो।

247-आप अपना लक्ष्य तभी बदलें, जब आप उस लक्ष्य का पूर्ण अनुभव ले चुके हों, और उससे बड़े लक्ष्य के लिए आप सक्षम हों।

248-घमंड केवल भ्रम हैं, जिसमें इंसान खुद को सर्वश्रेष्ठ समझने लगता हैं, जिससे उसके आगे बढ़ने की संभावना ही खत्म हो जाती है।

249-घमंड केवल भ्रम हैं, जिसमें इंसान खुद को सर्वश्रेष्ठ समझने लगता हैं, जिससे उसके आगे बढ़ने की संभावना ही खत्म हो जाती है।

250- जब तक आपके फैसले सत्य के आधार पर न होकर विचारों के अनुसार होंगे,आप कभी खुश नहीं रह पाएंगे।

251-जब तक आप केवल बाहर की स्थिति को सम्हालने की कोशिश करते रहेंगे,आप दुखी ही रहेंगे, बेहतर है,आप अपने मन की स्थिति सही करके निर्णय लेनी की क्षमता विकसित करें।

252-अगर आप शब्दों पर इतनी महारत हासिल कर लें, कि आपके शब्द दूसरों को दुख न पहुंचाए , तो ये आपके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

253-फिक्र करना छोड़ दीजिए, और परिस्थितियों को सहजता से स्वीकार करके कर्म करते रहिए,क्योंकि फिक्र से केवल मन दुखी होता है।

254-ईश्वर पर पूर्ण विश्वास रखिए, ताकि विपरीत परिस्थितियों में खुद को अकेला न महसूस करें।

255-अगर आप किसी विशेष उपलब्धि की तलाश में हैं, तो आपको कठिन रास्तों से गुजरना ही पड़ेगा।

256-दुनिया में एक प्रेम ही है, जिससे आप दूसरों का दिल जीत सकते
हैं।

257-दूसरों को अपनी खुशी का जिम्मेदार न बनाएं, अन्यथा वो आपके दुख का भी कारण बनेगा।

258-किसी को नियंत्रित करने की इच्छा आपके दुख का कारण बनेगी, बेहतर है, आप उसको उसी तरह ही स्वीकार करना सीख जाएं।

259-आपके रिश्ते में शब्दों से ज्यादा भावनाओं की अहमियत होती है, इसलिए व्यक्ति की शब्दों से ज्यादा उसके पीछे की भावनाएं समझने की कोशिश करिए।

260-क्रोध में आकर कोई निर्णय मत लीजिए, क्योंकि क्रोध में लिया गया निर्णय हमेशा गलत होता है।

261-किसी की गलतियों के लिए उसको अपनी तरफ से माफ करने की आदत डालिए, ताकि उसके नकारात्मक विचारों से आपका मन दूषित न हो।

262-गर आपको वाकई खुद के लिए कुछ करना हैं, तो सबसे पहले दूसरों के बारे में बातें करना बंद कर दीजिए।

263-अगर आप सही रास्ते को चुन नहीं पा रहे हैं,तो सबसे पहले अनावश्यक जरूरी रास्तों को छोड़ दीजिए।

264-जीवन में दुख का कारण कर्म से कई गुना अधिक पाने की इच्छाएं हैं

265-अगर प्रयास करने के बाद भी सफलता न मिले , तो भी धैर्य के साथ प्रयास करते रहें, क्योंकि कई बार हम सफलता की कीमत कम आंकते हैं, जबकि हमें ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता होती है।

266-अपने प्रयास को कभी भी प्रशंसा की वस्तु न समझें, अन्यथा, आपकी आगे बढ़ने की संभावना खत्म हो जाएगी।

267-अपनी आदतों पर हमेशा निगरानी बना कर रखें, ताकि आप खराब आदतों का शिकार न बनें।

268-मुश्किलें केवल उनके लिए चुनौतियां हैं, जो खुद को बदलना नहीं चाहते।

269- सफलता एक दिन में नहीं मिलेगी, पर प्रयास करने पर एक दिन जरूर मिलेगी।

270-मुश्किलें, परेशान होने से बढ़ जाती हैं, शांत रहने से कम हो जाती हैं, और भगवान का स्मरण करने से खत्म होने लगती है।

271-इंसान की अधिकतर समस्याएं केवल उसके विचारों की हैं, अगर वह विचार से ऊपर उठकर अपना कर्म करे, तो सारी समस्याएं खत्म हो जाएं।

272-जिस खुशी की हम दूसरों से कामना करते हैं, वो हमारे अंदर ही हैं, लेकिन उसके लिए हमे अपने मैं (अह्म) को छोड़ना पड़ता है।

273-खुद को खुश रखने के साथ,अगर आप दूसरों की मदद के लिए हाथ बढ़ाते हैं, तो ये आपकी और खुशी देगी।

274-दूसरों की कही बातें तभी आप पर प्रभाव डालती हैं, जब आप उन पर प्रतिक्रिया करते हैं।

275-लक्ष्य को अधूरा छोड़ना खुद की काबिलियत पर शक करना है।

276-असंभव की परिभाषा केवल आलसी दिगाग की उपज है, क्योंकि आपके पास अनगिनत संभावनाओं को सच करने की क्षमता है।

277-बड़ी संभावनाएं तब तक असंभव लगती हैं, जब आप उन्हे सच करने के लिए आगे नहीं बढ़ते।

278-अगर आप खुद की योग्यता में रोज थोड़ा सा भी परिवर्तन लाने की कोशिश करते हैं, तो एक दिन आफ सफलता के शिखर पर होंगे।

279-आपका हर लक्ष्य के लिए दौड़ना जरूरी नहीं होता, क्योंकि दूर का सफल अक्सर धीरे चलने वाले ही तय कर पाते हैं।

280-जीवन में जरूरी नहीं कि आपके पास बड़े लक्ष्य हो, क्योंकि अगर आप छोटे लक्ष्य को विशेष बना देते हैं, तो ये भी आपके लिए उपलब्धि होगी।

281-अपने प्रयास को असफलता के डर के बिना जारी रखें,अन्यथा आप पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पाएंगे।

282-किसी व्यक्ति की कमजोरी ही उसकी ताकत बन सकती है, अगर आप उसको पहचान कर सुधारने की कोशिश करते हैं।

283-समस्याएं हमेशा साहसी लोगों के हिस्से में आती हैं, क्योंकि वो लोग ही हमेशा चुनौतियों को स्वीकार करते हैं।

284-आपका प्रयास लगाए गए पेड़ की तरह है, जो समय आने पर फल जरूर देगा।

285-अगर आपकी योजना भविष्य बनाती है, तो अच्छी बात हैं, लेकिन अगर आप किस्मत के भरोसे बैठे हैं, तो ये गंभीर समस्या है।

286-अगर आप अपने कार्य के लिए वक्त नहीं निर्धारित करते , तो वक्त निर्धारित कर लेगा,कि आपको क्या करना है।

287-दूसरों से ली गई सलाह गंभीर समस्या हो सकती है, अगर आपने अयोग्य व्यक्ति से सलाह ली है।

288-अगर आप खुद को कमजोर समझते हैं, इसका मतलब आपने कभी खुद को आजमाया नहीं है।

289-विपरीत परिस्थितियों में शांत रहना बेहतर है,तभी आप परिस्थितियों को अच्छी तरह समझ सकते हैं।

290-आपकी खुशी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं है, अपितु परिस्थितियों के प्रति आपके नजरिए पर निर्भर है।

291-आप कोई कार्य कर सकते हैं, ये आपका आत्मविश्वास है, लेकिन वो कार्य कोई और नहीं कर सकता ये आपका अह्म है।

292-आप नेक कार्य करके दूसरों से उम्मीद न रखें, क्योंकि उसका हिसाब ईश्वर रखता है,वह आपको फल जरूर देगा।

293-बीते हुए कल के लिए दुखी होना बेकार है, क्योंकि उसका अस्तित्व अब खत्म हो गया है।

294-अगर आप भविष्य की चिंता करते हैं, इसका मतलब आप अपने वर्तमान को खराब कर रहे हैं।

295-अगर आप अकेले हैं, तो खुद को बेहतर बनाने के लिए योजना बनाइए।

296-कोई भी शब्द बोलने से पहले सोचें, कि वो आप पर क्या प्रभाव डालेगें, तभी दूसरों से बोलें।

297-दूसरों को समझाना मुश्किल नहीं है, लेकिन उसकी शुरुआत खुद को समझने से करनी पड़ेगी।

298-आप अपने कर्मो का हिसाब रखना छोड़ दो, और केवल कर्म करते रहो,क्योंकि कर्मों का हिसाब ईश्वर रखता है, वो सही समय आने पर फल जरूर देगा।

299-जब आप मजबूरियों को कोसना शुरू करते हैं, तब आप संभावनाएं देखने का नजरिया खो देते हैं।

300-जब आप बिना किसी उम्मीद के किसी की सहायता करते हैं,तब आप खुद में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।

301-जब आपके कार्य करने का उत्साह आपके बहाने से बड़ा हो जाएगा,आपकी सफलता निश्चित है।

302-परिस्थितियां आपको तभी तक परेशान करेंगी, जब तक आप उन्हे बड़ा समझते रहेंगे।

303-आपकी मुस्कान आपकी सच्ची दौलत है, इसे किसी भी हाल में खोने न दें।

304-इरादे बदल लेने से कभी सफलता नहीं मिलती,बल्कि लक्ष्य के लिए तरीके बदलने से सफलता मिलती है।

305-किसी असफलता से निराश होने के बजाय , अपना प्रय़ास जारी रखें, क्योंकि समय आने पर आपका प्रयास परिणाम अवश्य देगा।

306-ईमानदारी एक ऐसा गुण है, जिसे अपनाने के बाद आपकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है।

307-हार का भय कोरी कल्पना है, क्योकि जिस लक्ष्य के लिए आपने प्रयास नही किया, उससे आप हार कैसे सकते हैं।

308-आपको क्या मिला ये मायने नहीं रखता,लेकिन आपने क्या अर्जित किया, ये जरूर मायने रखता है।

309-आप परिस्तिथियों से जितना सीखने की कोशिश करते हैं,आपकी सफलता की संभावनाएं उतनी रहती हैं।

310-लोगों की राय बदलने की कोशिश कभी न करें, वक्त बदलने पर लोगों की राय स्वत: ही बदल जाती है।

311-आप हर परिस्थितियों को संभावना में बदल सकते हैं, अगर आप परिस्थितियों को शांति से समझने की कला विकसित कर लें।

312-वक्त बदलने का कोई वक्त नहीं होता , क्योंकि हर वक्त कुछ करने के लिए विशेष होता है।

313-विपरीत परिस्थितियों में खुद को सागर जैसा बनाकर रखें, ताकि नदी जैसी समस्याएं आपको प्रभावित न कर पाएं।

314-बीता हुआ कल मिट्टी के घड़े जैसा है, जिसके टूटने पर उसको दोबारा नहीं बनाया जा सकता , पर दूसरी मिट्टी से फिर सृजन किया जा सकता है।

315-किसी को देने के लिए सबसे अच्छा तोहफा आपकी मुस्कान है, जिसको देखकर दूसरे अपना दुख भूल सकें।

316-हर किसी से नाराजगी जाहिर मत करिए, जरूरी नहीं कि हर कोई आपके हालात समझे।

317-जो लोग किसी के काम आते हैं, ऐसा नहीं हैं, कि वो बहुत बलवान है, दरअसल वो हर किसी को खुश देखना चाहते हैं।

318-आप कितनी भी तरक्की कर लें, पर इंसान ही इंसान के काम आएगा,दौलत से वस्तुएं तो खरीदी जा सकती हैं, पर सुकून तो मन की शांति में ही है।

319-कभी भी किसी चीज की कमी से दुख लगे, तो एक बार उनके बारे में सोचना जिनको दो वक्त का भोजन भी मुश्किल से मिलता है।

320-जब भी कोई चीज मिले तो ईश्वर का धन्यवाद जरूर करना, कि उसने आपको योग्य समझा।

321-आप जिस हाल में है, खुद को खुश रखें, ताकि दूसरे आपको देखकर दुखी न हों।

322-तरक्की कितनी भी कर लो, पर इतना ध्यान रखना कि आपकी वजह से कोई दुखी न हो।

323–हर वो चीज अपना मूल्य खो देती है, जो किसी को दुख देकर आती है।

324-बड़े इतने बनो कि हर कोई आपसे मिलना चाहे, और छोटे इतने बनो, कि हर किसी की पहुंच में रहो।

325-जिसके पास उम्मीद है, वो हारी हुई बाजी भी जीत सकता है।

326-बिना कर्म किए, सकारात्मक रहना खुद को धोखा देना है, जिससे केवल धोखा ही मिलेगा।

327-अगर आप परिस्थितियों से भागना चाहते हैं, तो आप कभी कुशलता हासिल नहीं कर सकते।

328-अगर आपको किसी भी परिस्थिति अथवा , लक्ष्य से डर लगता है,तो आप उस क्षेत्र में ज्ञान और अनुभव अर्जित करिए।

329-मुश्किलों का धराशाई होना इस बात पर निर्भर करता है,कि आपकी तैयारी कितनी है।

330-किसी पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता आपको अयोग्य बना देती है।

331-आपकी खुशी इस बात पर निर्भर करती है, कि आप खुद का कितना ख्याल रखते हैं।

331-आपकी खुशी इस बात पर निर्भर करती है, कि आप खुद का कितना ख्याल रखते हैं।

332-घमंड केवल भ्रम है, जिसमें इंसान खुद को सर्वश्रेष्ठ समझने लगता है, जिससे उसके आगे बढ़ने की संभावना खत्म हो जाती है।

323-अगर आप अपनी पसंद या न पसंद को महत्व देने लगे हैं, तो आपको बेहतर मिलने की संभावना बहुत कम है।

324-जब तक आपके फैसले सत्य के आधार पर न होकर , विचारों के आधार पर होंगे, आप कभी खुश नहीं रह पाएंगे।

325-जब तक आप केवल बाहर की स्थिति को सम्हालने की कोशिश करते रहेंगे, आप दुखी ही रहेंगे, बेहतर है, आप अपने मन की स्थिति को ठीक रखने की कोशिश करिए।

326-इंसान के दुख की मुख्य वजह यह है,कि वह अपने दुख से दुखी नहीं बल्कि दूसरों के सुख से दुखी है।

327-फिक्र करना छोड़ दीजिए, और परिस्थितियों को सहजता से स्वीकार करके कर्म करते रहिए, क्योंकि फिक्र से केवल मन दुखी होता है।

328-ईश्वर पर पूर्ण विश्वास रखिए, ताकि विपरीत परिस्थितियों में खुद को अकेला न महसूस करें।

329-खुद को खुश रखने के साथ अगर आप दूसरों की मदद के लिए हांथ बढाते हैं,तो ये आपकी खुशी को दोगुना कर देगा।

330-दुनिया में एक प्रेम ही है, जिससे आप दूसरों का दिल जीत सकते हैं।

331-दूसरों को अपनी खुशी का जिम्मेदार न बनाएं , अन्यथा वो आपके दुख का भी कारण बनेगा।

332-किसी को नियंत्रित करने की इच्छा आपके दुख का कारण बनेगी,बेहतर है, आप उसको उसी तरह स्वीकार कर लें।

333-आपके रिश्ते में शब्दों से ज्यादा भावनाओं की अहमियत होती है, इसलिए शब्दों से ज्यादा उसके पीछे की भावनाओं को समझने की कोशिश कीजिए।

334-क्रोध में आकर कोई निर्णय मत लीजिए,क्योकि क्रोघ में लिया गया निर्णय हमेशा गलत होता है।

335-किसी की गलतियों के लिए उसको अपनी तरफ से माफ करना सीखें, ताकि उसके नकारात्मक विचारों से आपका मन दूषित न हो।

336-अगर आप शब्दों पर इतनी महारत हासिल कर लें,कि आपको शब्द दूसरों को दुख न पहुचाएं , तो ये आपके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

337-सफलता एक दिन में नहीं मिलेगी, पर प्रयास करने पर एक दिन जरूर मिलेगी।

338-मुश्किलें परेशान होने से बढ़ जाती हैं,शांत रहने से कम हो जाती हैं,और ईश्वर का स्मरण करने से खत्म होने लगती हैं।

339-इंसान की अधिकतर समस्याएं उसके विचारों की हैं, अगर वह विचार से ऊपर उठकर केवल अपना कर्म करे,तो सारी समस्याएं खत्म हो जाएं।

340-जिस खुशी की हम दूसरों से कामना करते हैं, वो हमारे अंदर ही है,लेकिन उसके लिए हमें, अपने मैं (अह्म) को छोड़ना पड़ता है।

341-मुश्किलें केवल उनके लिए चुनौतियां हैं, जो खुद को बदलना नहीं चाहते।

342-मुश्किलें केवल उनके लिए चुनौतियां हैं, जो खुद को बदलना नहीं चाहते।

343-मुश्किलें केवल उनके लिए चुनौतियां हैं, जो खुद को बदलना नहीं चाहते।

344-जो खुशी किसी की सहायता करने में है, वो किसी और कार्य में नहीं है।

345-खुद के चरित्र को फूलों जैसा बनाकर रखें, ताकि आपकी संगति से दूसरों की जिंदगी महकती रहे।

346-अगर आप इतनी योग्यता विकसित कर लें, कि कोई आपको देखकर गलत आदत न सीखे, तो ये भी आपके लिए उपलब्धि होगी।

347-दुनिया में देने के लिए ज्ञान श्रेष्ठ है, जिससे किसी के भी जीवन के अंधकार को दूर किया जा सकता है।

348-जब आपको लगे कि ईश्वर ने आपको कुछ नहीं दिया, तो एक बार ये देखने की कोशिश जरूर करें, कि जो आपके पास है, क्या दुनिया में सभी के पास है।

349-आपकी हार कोई अंतिम पड़ाव नहीं है, बल्कि वो केवल सीखने की जरिया है,ताकि आप खुद को सफलता के योग्य बना सकें।

350-कोई अगर आपको मुसीबत में याद करता है, इसका मतलब वो खुद से ज्यादा आप पर भरोसा करता है।

351-किसी की नेकी को उसकी कमजोरी न समझें, वो वास्तव में इंसान होने की योग्यता रखता है।

352-आपके जीवन की परिस्थितिय़ां आपका भविष्य नहीं निर्धारित करती ,लेकिन आप उन परिस्थितियों को संभावनाओं में कितना बदल पाते हैं, ये जरूर आपका भविष्य निर्धारित करता है।

353-अगर लोग आपके अच्छा करने पर भी आपका विरोध करते हैं, तो उनसे उलझने के बजाय आप लक्ष्य पर ध्यान दें।

354-ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहें, जो आपको हमेशा हतोत्साहित करते हैं।

355-असफलता के बाद भी हतोत्साहित न हों,बल्कि पूरे उत्साह से कर्म करते रहें,क्योकि आपका प्रयास समय आने पर परिणाम अवश्य देगा।

356-आपका असली मुकाबला खुद से है,अगर आप अपने विचारों को लक्ष्य के लिए बेहतर इस्तेमाल कर लेते हैं, तो आपकी सफलता निश्चित है।

357-आपकी खुशियों की चाबी आपके पास है, दूसरों से इसकी उम्मीद न करें।

358-आप हर कार्य नहीं कर सकते , लेकिन जो आप कर सकते हैं, वो कोई और नहीं कर सकता।

359-आप जितने आत्मनिर्भर बनेंगे, आपकी सफलता की संभावनाएं उतनी ज्यादा होगी।

360-वास्तव में बुरा वक्त कभी नहीं आता, हम केवल संंभावनाएं देखना बंद कर देते हैं।

361-अगर आप सत्यता की जांच किए बिना ,हर बात पर भरोसा करते हैं, तो आप धोखा खा जाएंगे।

362-दुनिया में लोग आपसे महान हो सकते हैं, लेकिन आप भी किसी से कम नहीं हैं।

363-लोगों की इज्जत उनकी आय अनुसार मत निर्धारित करिए, क्योंकि इंसान की कीमत उसके चरित्र,ज्ञान और व्यवहार से होती है, जो कि अनमोल है।

364-अगर आप अच्छी संगति की तलाश कर रहे हैं, तो बेहतर है, वो गुणवत्ता पहले खुद में लाइए जो आप दूसरों में ढूढ़ रहे हैं।

365-अपनी आदतें, और वाणी पर पूर्ण नियंत्रण रखिए,ताकि आप परिस्थितियों को बदल सकें।

366-जब तक आप दुनिया के सामने झुकते रहेंगे,आपको ठोकरें, मिलती रहेंगी,बेहतर है, आप अपनी स्थिति को बरकरार रखें।

367-इंसान के दुख का एक कारण ये भी है, उसके फैसले अब खुद को खुश रखने के लिए नहीं बल्कि दूसरों को दिखाने के लिए होते हैं।

368-दुनिया में अधिकतर लोग अपना समय केवल दूसरों की, गलतियां निकालने में ही बिता देते हैं, इसलिए दुखी रहते हैं।

369-आपकी अगर अनावश्यक सुनने की आदत हो गई है, तो आपसे आवश्यक चीजें छूट जाएंगी।

370-अधितकर इंसान आवश्यक चीजों के लिए परेशान नहीं हैं, बल्कि आवश्यकता से अधिक पाने की इच्छा उनके दुख का कारण है।

371-इंसान को कभी भी विचलित होने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि परिस्थितियां उसके कर्मो का परिणाम है, उनको केवल अच्छे कर्म करके, और धैर्य ऱखकर सम्हाला जा सकता है।

372-जीवन में फूलों जैसे बनने की कोशिश करिए, जो कहीं भी रहे, दूसरों की जिंदगी महकाता रहे।

373-लालच एक ऐसा अवगुण है, जो इंसान के सही रास्ते को चुनने की योग्यता को नष्ट कर देता है।

374-दूसरों को देने के लिए सहयोग से बढ़कर कुछ भी नहीं है।

375-दुनिया में अगर कोई आपकी किस्मत बदल सकता है, तो वो आप खुद हैं।

376-सफल और असफल व्यक्ति में केवल इतना अंतर है,कि सफल व्यक्ति हर परिस्थितियों को अवसर के रूप में देखता है, जबकि असफल व्यक्ति अवसर को भी समस्याओं के तौर पर देखता है।

377-किसी इंसान की कीमत वक्त आने पर होती है,जिस सूरज का सर्दियों में इंतजार होता है, गर्मियों में उसी का तिरस्कार भी होता है।

378-आपकी खुशियों की चाबी आपके पास ही है, दूसरों को इसकी जिम्मेदारी न दें।

379-संघर्ष कोई ऐसी वैसी  चीज नहीं है, जो मिली है, बल्कि हमारे द्वारा चुना गया सफलता का माध्यम है।

380-दुनिया में सलाह देने वालों की कमी नहीं है, लेकिन सलाह विरले ही देते हैं,इसीलिए खुद को हर परिस्थिति के लिए मजबूत बनाकर रखें।

381-आप इतने समझदार जरूर बनें , कि आपके फैसले दूसरे न लें।

382-ठोकरों को अपना गुरू बनाने वाला इंसान कभी नहीं हारता ।

383-एक सच्चा और अच्छा मित्र चरित्र निर्माण में सहायक होता है,वह एक फूल की तरह होता है, जिसके साथ रहने से आपका चरित्र भी महकने लगता है।

384-अगर आपको लक्ष्य जल्दी प्राप्त करना है, तो किसी ऐसे व्यक्ति को मित्र बनाइए जो पहले से उस मुकाम पर हो।

385-हर किसी को अपना सलाहकार न बनाएं, क्योंकि समुंदर की गहराइयां केवल उसी को मालूम होती हैं, जिसने कभी तैरने की कोशिश की है।

386-किसी को कम आंकने की आदत हमें खुद को बेहतर बनाने से रोकती है।

387-साहसी लोग अपना रास्ता खुद चुनते हैं, जबकि कमजोर लोग असफलता के डर से अपना रास्ता बदल लेते हैं।

388-जो काम आप कर सकते हैं, उसको दुनिया में कोई नहीं कर सकता ,क्योंकि हर व्यक्ति के पास अलग अलग क्षमता है,आपको केवल उसको पहचानने की जरूरत है

389-वो जो अक्सर फकीरी में जीते हैं, होंठो पर दुआएं और मुस्कान साथ में रखते हैं।

390-आसमानो को वही छूते हैं, जो अपनी जमीन को बनाकर रखते हैं,क्योंकि हर मंजिल की सीढ़ी जमीन पर ही टिकी होती है।

391-खुद का आईना बनना दूसरों को दाग दिखाने से कहीं बेहतर है।

392-आप जितने ही सरल बनेगे,सफल बनने की संभावनाएं बढ़ती जाएंगी , क्योंकि सरलता स्पष्टता लाती है।

393-कोई इंसान लक्ष्य की प्राप्ति न होने से असफल नहीं होता , बल्कि जीतने की उम्मीद खोने से होता है।

394-जिंदगी की बड़ी मुश्किलें भी धराशाई हो जाती हैं, जब आपका हौसला बुलंदियों पर होता है।

395-हमेशा अपनी तैयारी बड़े लक्ष्य के लिए करें, क्योकि कोई भी लक्ष्य प्राप्त होने के बाद छोटा लगने लगता है।

396-जिंदगी का हर पल कीमती है, इसे व्यर्थ के कार्यों में न लगाएं।

397-इंसान की असली पहचान उसका व्यवहार और चरित्र है, लोग अक्सर सूरत को देखकर धोखा खा जाते हैं।

398-आपकी सफलता हर किसी के लिए बड़ी नहीं हो सकती , क्योंकि जिसने आपका संघर्ष देखा है, केवल वही कीमत का अनुमान लगा सकता है।

399-आपकी कामयाबी के समय आपके साथ लाखो लोग होंगे, लेकिन संघर्ष के समय कोई साथ नहीं देगा।

400-आने वाली परिस्थिति कैसी होगी, ये आपके हांथो में नहीं है, लेकिन उससे आप क्या निर्मित करेंगे, ये जरूर आपके हांथो में है।

401-जिंदगी में आगे वही बढ़ता है, जो बोझ कम रखता हैं,इसलिए अपने अतीत का बोझ इतना मत रखिए कि आप आगे ही न बढ़ पाएं।

402-जीतने की कला किसी को विरासत में नहीं मिलती , इंसान इसे संघर्षों से प्राप्त करता है।

403-अगर आपकी इच्छा शक्ति मजबूत है, तो आपके लिए कठिन रास्ते भी आसान होे जाते हैं।

404-जिस तरह एक नोट की कीमत बार बार मोड़ने पर भी कम नहीं होती , उसी प्रकार किसी इंसान की कीमत बार असफल होने पर भी कम नहीं होती ।

405-किसी अवसर का इतंजार करने से अच्छा है, आप खुद ही अवसर के निर्माता बन जाइए।

406-दुनिया में बदलाव आपके विचारों से आए न आए, आपके अच्छे कर्मों से जरूर आएगा।

407-किसी भी बात का जवाब देना सरल है, लेकिन समझना मुश्किल,जिसने समझ विकसित कर ली वो विजेता।

408-बुलंदियों की कोई कीमत नहीं होती, शर्त केवल यह है, कि आपकी जमीन मजबूत हो।

409-दुनिया में अगर कुछ नियंत्रित करने के लिए है, तो वो हैं, आपके विचार,अगर आपने ये कला सीख ली तो आपके लिए हर चीज शानदार हो जाएगी।

410-जीतने के लिए मन जिद्दी सा होना चाहिए , ताकि तकलीफें घुटने टेक सकें।

411-अतीत में जीने का मतलब है, अपने आज को गिरबी रखना और आने वाले कल को को बर्बाद रखना।

412-दुनिया में खुशनसीब वही है, जिसे भरोसा है, कि आज अगर संघर्ष है, तो कल बेहतर जरूर होगा।

413-जीवन में आपको इतनी समझ होने चाहिए कि कब क्या छोड़ना है, और क्या अपनाना है।

414-जितना लोग चेहरा चमकाने के लिए प्रय़ास करते हैं, उतना मन को चमकाने की कोशिश करें,तो बेशक उनकी कीमत चमकते चेहरे से ज्यादा होगी।

415-किसी भी ज्ञान को स्वीकार करने से पहले उसका प्रभाव समझना और परीक्षण करना बेहद आवश्यक है।

416-जो शब्द हम बोलते हैं, और जैसा व्यवहार करते हैं, वो हमारी आदत में शामिल हो जाता है,इस पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।

417-जो गुजर गया उसके लिए शोक मत करिए।

418-लक्ष्य कितना भी बड़ा हो,कोशिश करते रहिए, क्योंकि लक्ष्य को छोड़ना खुद की काबिलियत पर शक करना है।

419-जिस चीज पर विश्वास हो, उसके लिए अडिग रहिए।

420-आप जैसे है, वैसे ही खुद को स्वीकार करिए,क्योंकि आप जैसे हैं, खुद के लिए श्रेष्ठ है।

421-कोई भी व्यक्ति जन्म से महान नहीं होता , लोग अपनी आदतें बदलकर महान बन जाते हैं।

422-अगर किसी लक्ष्य से आपको डर लगता है, समझिए आपको बहुत कुछ सीखना है,इसलिए उस लक्ष्य के लिए प्रयास करिए, ताकि आप निपुण हो सकें।

423-किसी का भाग्य उसके हांथ में तब तक नहीं होता , जब तक वह अपने कर्मों की जिम्मेदारी नहीं लेता।

424-अगर आप किसी की मदद कर सकते हैं, तो जरूर करिए।

425-सीखने की आदत आपको कभी असफल नहीं होने देगी।

426-ऐसी बाते किसी को न बोलें, जो आप खुद के बारे में नहीं सुन सकते ।

427-किसी की बातों को सुनने की भी कोशिश करें, क्योंकि जब आप सुनते हैं, तब आप कुछ नया सीखते हैं।

428-आपकी कोशिशों में ठहराव नहीं आना चाहिए, क्योकि आपका काम सफर तय करना है, फिर मंजिल तो कई गुजर ही जानी है।

429-ज्ञान बिना अनुभव में आए व्यर्थ है, इसलिए हमेशा उपयोग करते रहिए, ताकि उसका प्रभाव बना रहे।

430-अपने आज के समय को बेहतर कार्यो में लगाएं ताकि कल पछतावा न हो।

431-दूषित विचार के व्यक्ति का साथ छोड़ने में देर न करें , क्योंकि आपकी जैसी संगत होगी, आपका स्वभाव वैसा ही हो जाएगा।

432-कोई कार्य कल पर न टालें, ताकि आप आने वाले कल का बेहतर सदुपयोग कर पाएं।

433-विश्वास में ऐसी शक्ति है, जिससे कल्पनाओं को साकार रूप दिया जा सकता है।

434-वो जिनको खौफ है, गिरने का उनको कोई हक नहीं हैं, मशहूर होने का।

435-इंसान और किस्मत के बीच केवल इतना फांसला है, कि इंसान विचार बदलने की कोशिश नहीं करता और किस्मत अपनी जिद।

436-जो जैसा देखता , सुनता,पढ़ता और महसूस करता है, वैसे ही उसके विचार बनते हैं,और ये विचार ही उसके कर्मों के लिए जिम्मेदार हैं।

437-इंसान केवल इसलिए हार जाता है, क्योंकि वो हर किसी में अपना वजूद तलाशता है, लेकिन अपने ईश्वर से मिलने का समय नहीं निकाल पाता।

438-अक्सर जो लोग आपकी बुराई करते हैं, वो आपको अपने से बड़ा मान चुके हैं।

439-इंसान की सफलता बरसात की तरह होती है,धीरे धीरे हम अपने प्रयासों के रूप में हम उन्हे संचित करते हैं,और समयानुसार वो सभी सफलता के रूप में हमें मिल जाते हैं।

440-आपको आगे बढ़ने से रोकने वाले आपके विचारे हैं, न कि लोग।

441-अक्सर जो लोग आसमान को छूते हैं, अपनी जमीन से बेहद लगाव रखते हैं।

442-जिस विचार पर हम सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया करते हैं, वही कार्य के रूप में हमारे सामने आता है, हम विचार बदलकर किस्मत बदल सकते हैं।

443-जिंदगी जीने के लिए खुशी और मन में उत्साह होना चाहिए, पैसा तो केवल जरूरतें पूरी करने के लिए है।

445-क्रोध का काम केवल नष्ट करना है, पहले बुद्धि का , बल का, खुशियों का और फिर रिश्तों का, क्रोध से सृजन की उम्मीद बेमानी है।

446-जितना समय लोग समस्या के बारे में बात करने में लगाते  हैं, उतना अगर समाधान ढूढ़ने औऱ सृजन में लगा दें, तो किसी भी समस्या को खत्म किया जा सकता है।

447-जिक्र जब मुश्किलों का होता है, बेशक उसकी कहानियां भी मशहूर हुआ करती हैं।

448-इंसान का किरदार शानदार होना चाहिए, किस्मत तो कभी भी बदल सकती है।

449-जब तक नसीब को कोसा , अक्सर मायूसी मिली, जब खुद को तराशा तब जाकर जिंदगी मिली।

450–ये जो आपके हिस्से में इम्तिहान हैं वास्तव में यही सफलता की अंतिम सीढ़ी है।

451-अगर आप सफल होने का कोई सरल रास्ता ढूढ़ रहे हैं, तो आपके सफलता की कीमत भी कम होगी।

452-आप जैसी सोच रखते हैं, उसका प्रतिबिम्ब आपके शब्दों और व्यवहार में झलकता है,इसलिए हमेशा अच्छा सोचें।

453-आसमान की तरफ देखने का मेरा इरादा बिल्कुल भी न था , लेकिन इसमें मेरी नजरों की तौहीन हो जाती।

454-इंसान की किस्मत कभी धोखा नहीं करती , ये तो उसका धैर्य है, जो डगमगाता रहता है।

455-संघर्षों का सिलसिला उस कोहरे की तरह है, जिसकी वजह से दूर का रास्ता दिखाई नहीं देता , लेकिन साहस करके जैसे जैसे आप आगे बढ़ते हैं,आगे का रास्ता दिखाई देने लगता है।

456-दूसरे की गलतियों का जज बनने से अच्छा है, हम अपनी गलतियों के सच्चे गवाह बन जाएं।

457-किसी भी सृजन के लिए शांति की आवश्यकता होती है,आवेश और विरोध में लिया गया निर्णय हमेशा विनाशकारी होता है

458-लक्ष्य के लिए निष्क्रियता ही आपके रास्ते में सबसे बड़ी बाधक है।

459-उम्मीद की बूंदे जब आपके जीवन में उतरती हैं, आपको असीम साहस से भर देती हैं।

460-बुराइयों की दास्ता कभी खत्म नहीं होगी , बेहतर है, हम हर किसी की अच्छाईयां संजोना सीख लें।

461-आपके भाग्य की इमारत आपके विचारों और कर्मों की देन है,इसलिए अपने विचारों और कर्मों का सावधानी पूर्वक उपयोग करिए।

462-जब हम किसी की आलोचना सुन या कर रहे होते हैं, उस समय हम अपना कीमती वक्त खुद के दिमाग को दूषित करने में लगा रहे होते हैं।

463-आपकी कोशिशें कभी बेकार नहीं जाती,बल्कि आपकी हार भी आपके अनुभव में चार चांद लगा देती है, केवल आपको एक बार जीतने की जरूरत है।

464-जब तक आप अपने फैसले खुद लेना नहीं सीख लेते , आपके हांथ बड़ी सफलता नहीं आएगी।

465-जिस दिन आप खुद पर विश्वास करना सीख लेंगे,उस दिन से आपकी किस्मत बदलना शुरू हो जाएगी।

466-अपने आप से जब भी मिलो, ईमानदारी से मिलना , क्योंकि दुनिया को धोखा देना आसान है, खुद को नहीं।

467-किसी की गलतियों का हिसाब रखने से अच्छा है, खुद का दामन साफ ऱखना।जिसमें हर किसी का प्रतिबिम्ब अच्छा दिख सके।

468-जिस दिन आप मुस्कुराना सीख लेंगे, मुश्किलें आपसे हार मान लेंगी।

467-असंभव की परिभाषा केवल आलसी दिमाग की उपज है,जो वास्तविकता में एक भ्रम जैसा है,जो लगातार निष्क्रियता के कारण व्यक्ति के नजरिए में शामिल हो जाता है।

468-शब्दों को सोच समझकर बोलिए,क्योकि आपका सहानुभूति भरा शब्द अनगिनत दुआएं लेकर आता है, और एक कड़वा शब्द अनगिनत बददुआएं।

469-जब तक आप खुद को श्रेष्ठ नहीं मानते , आपके व्यापक होने की संभावना बनी रहती है।

470-समस्या ये नहीं हैं, कि लोग काबिल नहीं हैं, बल्कि समस्या ये हैं, कि लोग चरित्र से ज्यादा चेहरे,व्यवहार की जगह दिखावे को,ज्ञान की जगह अफवाहों को ज्ञानियों की जगह धनी व्यक्तियों को तरजीह देने लगे हैं।

471-अगर आपके हिस्से में परेशानियां आती हैं, इसका मतलब ये है कि आप लक्ष्य की और अग्रसर है।

472-जितनी उम्मीद हम दूसरों से करते हैं, उतना प्रय़ास हम काबिलियत बढ़ाने के लिए करें, तो हमारे लिए हर मुश्किल आसान हो जाएगी।

478-जब आपकी निंदा हो रही होती है, वही सही समय होता है, अपनी काबिलियत का प्रदर्शन करने और उन्हे अपना प्रशंसक बनाने का।

479-एक लक्ष्य की प्राप्ति के बाद अगर आप रुक गए, तो आप अपना वजूद खो देंगे,बेहतर है, आप दूसरे लक्ष्य की तैयारी करें।

480-आपके वजूद पर खतरा तब आता है, जब आप खुद को भुलाकर दूसरों में अपना अस्तित्व ढूढ़ते हैं।

481-क्रोध का प्रयोग केवल नष्ट करने के लिए होता है, बांकि सृजन के लिए तो शांति अकेली काफी है।

482-अक्सर वही लोग आपके सघर्षों का मजाक उड़ाते हैं,जिन्होने कभी प्रयास नहीं किया होता,बेहतर है, उन्हे नजर अंदाज करिए।

483-जो लोग अपना कर्म ईमानदारी से नहीं करते , वो दूसरों के कर्मों का हिसाब बखूबी रखते हैं।

484-वास्तव में श्रेष्ठ कर्म वही है, जिसको देखने , सुनने, और मनन करने से असीमति उत्साह और खुशी प्राप्त हो।

485-आपके भाग्य के उदय और अस्त की शुरुआत आपके विचारों से होती है,बेहतर होगा आप सृजनात्मक विचारों का संग्रह करें।

486-मंजिलों की तो फितरत ही ठहरना है, वो तो इंसान है, जो अपने चलने की फितरत भूल गया है।

487-असफलता का डर किसी हार का परिचायक नहीं है,बल्कि लक्ष्य के लिए संकल्प और तैयारी न होने का प्रतीक है।

487-आपके द्वारा बोला गया शब्द या तो अच्छा करेगा या बुरा,लेकिन उसका प्रभाव कहीं न कहीं जरूर होगा,इसलिए शब्दों का इस्तेमाल सावधानी से करें, चाहे वो खुद के लिए हो या दूसरे के लिए।

488-हमारे पास खुश रहने के अनेको कारण होते हैं,लेकिन समस्या ये है, कि हम एक दुख वाले विचार को इतना याद करते हैं, कि खुशी वाले विचार ही खत्म हो जाते हैं।

489-ख्वाइशें आपकी कभी खत्म नहीं होंगी, बेहतर यही है, कि जो कर्म से मिले उसमें खुश रहें।

490-जितना हम दुनिया के बारे में सोचते हैं, और बात करते हैं, उतना समय हम खुद की बेहतरी के लिए इस्तेमाल करें तो कभी असफल न हों।

491-जीतने के हुनर से ज्यादा आपको हार की कारीगरी सीखनी पड़ती है, क्योंकि जीत तो कोई भी सकता है, लेकिन आपको हारी बाजी पलटना आना चाहिए।

492-सफलता की कीमत तभी है, जब आप खुश रहकर प्रयास करते हैं,खुशियों को खोकर मिली सफलता असली कामयाबी नहीं हैं।

493-अगर आप अपने दुख की वजह दूसरों को मानते हैं, तो यकीन मानिए आपकी खुशी भी उसी के पास गिरवी है।

495-जिंदगी पानी के बुलुबुलों की तरह है, जो हर समय नया करतब दिखलाती है, बेहतर है, हम भी उसका लुत्फ उठाना सीख लें।

496-आसमां की तरफ देखने का मेरा इरादा बिल्कुल न था, मगर इसमें मेरी नजरों की तौहीन हो जाती।

497-मैं आससान में तारों की तरह चमकता रहूं या न रहूं, ये मेरी हसरत है,लेकिन मुझे टूटने का शौक बिल्कुल भी नहीं है।

498-खूबसूरत मंजिलों का रास्ता अक्सर पगडंडियों से होकर गुजरता है, क्योंकि आपको रास्ता खुद ही बनाना पड़ता है।

499-दूसरों के वजूद में झांकना इंसान की बर्बादी के सारे रास्ते खोल देता है, बेहतर यही है, कि आप अपने वजूद को तलाश करें।

500-अगर आप हर किसी की कमियां निकालने में माहिर हैं, तो यकीन मानिए वो कमियां अब आपके हिस्से में आ जाएंगी।

501-मुस्कुराना इंसान की मूल विरासत है, आप इसे नकली निरासत जैसे,क्रोध,अहंकार,लोभ औऱ द्वेष छोड़कर प्राप्त कर सकते हैं।

502-दुनिया में पाने या खोने जैसा कुछ भी नहीं है,सबकुछ हमारे कर्मानुसार मिलता है, और खो जाता है, बेहतर है कि आप परिवर्तन की स्वीकार्यता रखे।

503-आपको अगर कुछ चाहिए,तो सबसे पहले वो देना सीखिए, क्योंकि वृक्ष भी वही फल देते हैं, जिसका बीज बोया जाता है।

504-बुलंदियों की कोई कीमत नहीं होती,लेकिन शर्त ये है कि आपकी जमीन मजबूत हो।

505-दुख का सबसे बड़ा कारण कर्म से ज्यादा और समय से पहले पाने की उम्मीद है।

506-मुझे मालूम है, कि मेरी तकलीफ बड़ी है, पर मेरे हौसले हार नहीं मानते।

507-उस शिक्षा के वास्तव में मायने नहीं हैं, जो आपको अच्छा इंसान न बना पाए।

508-अधिकतर लोगों की समस्याएं ये हैं, कि वो अपने सवाल का जवाब दूसरों से चाहते हैं, वो भी अपने अनुसार।

509-हमारे पास समस्याएं इतनी नहीं हैं,जितना हमें लगता है,वो केवल हमारे विचार हैं,और हमें सबकुछ खुद की प्रक्रिया अनुसार चाहिए, जबकि सबकी अलग अलग प्रकृति है।

510-आईने की प्रकृति ही दाग दिखाना है, बेहतर यही है, कि हम भी अपनी प्रकृति अपना लें, और बेदाग रहें।

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