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अनमोल वचन

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1-आप असफल तभी तक माने जाते हैं, जब तक आप प्रय़ास नहीं करते ,प्रय़ास करते ही आपकी पहचान बदल जाती है।

2-दुनिया में सफल वही लोगे होते हैं,जो अक्सर खुद को जीतने में लगे होते हैं।

3-कभी ये मत सोचो कि समय निकल गया,अगर आपको लगता है, कि आप कर सकते हैं, तो यही सही समय है।

4-आपको दुनिया में कोई नहीं हरा सकता, सिवाय आपके विचार के।

5-आपकी कीमत तभी होगी , जब आप दूसरों के लिए उपयोगी होंगे, इसलिए अपनी उपयोगिता बनाए रखिए।

6-इंसान के पास विपरीत परिस्थितियों में भी खुश रहने के विकल्प मौजूद रहते हैं,लेकिन वो अपने नकारात्मक नजरिए की वजह से उनको नजर अंदाज करता रहता है।

7-जिस इंसान की नियत खराब होती है,उसका वक्त हमेशा खराब रहता है।

8-दूसरों की निंदा करना,दूसरों की बुराइयों को मनन करना है,जिससे आपका मन भी मैला हो जाता है।

9-सच्चे लोग पारस की तरह होते हैं,जैसे पारस को छूने पर लोहा सोना बन जाता है,उसी तरह सच्चे लोगों की संगति से बुरे व्यक्ति का भी जीवन बदल जाता है।

10–ईश्वर हमेशा सरल व्यक्ति को मिलते हैं,क्योंकि कपटी व्यक्ति तो भगवान से भी सौदा करने को तैयार रहते हैं।

11–जो फल इंसान को अन्य युगो में कठिन तप करके मिलते थे,वो कलियुग में केवल भगवान (राम) नाम स्मरण से ही मिल जाते हैं।

12-अगर आपका मन अशांत है,या अवसाद है,तो राम नाम का स्मरण,जाप करना शुरू करिए,आपका मन आनंदित हो जाएगा।

13-जिस तरह किसी भी विषय को जानने के लिए उस विषय की भाषा का ज्ञान जरूरी है,उसी तरह परमात्मा को जानने के लिए भी शास्त्रो का ज्ञान,तप,ध्यान,ईश्वर के प्रति आपका प्रेम होना चाहिए,अन्यथा वो हमारी पहुंच से बाहर ही रहेगा।

14-अगर आपकी इज्जत पैसे से है,तो वो इज्जत पैसे के साथ चली भी जाएगी,बेहतर है,आप अपने चरित्र और व्यवहार से इज्जत कमाइए,जो आपकी असली दौलत है।

15-श्रेष्ठ व्यक्ति के साथ किया गय छल इंसान की बर्बादी के सारे रास्ते खोल देता है।

16-इंसान अपने दुख से कम ही दुखी है,उसका वास्तविक दुख ये हैं,कि वो दूसरों के जैसा नहीं बन पाया।

17-जो परमात्मा को अपना मानता है,वो दुख को भी भगवान की कृपा समझता है,और आनंदित रहता है।

18-दुनिया वालों से पूर्णता की उम्मीद मत करिए,दुख ही मिलेगा,क्योंकि पूर्ण केवल ईश्वर है।

19-आप कितने ही योग्य क्यों न हों,सभी को खुश नहीं रह सकते,बेहतर है,आप दूसरों के खुश रखने की जगह श्रेष्ठ कर्म करिए।

20-सच की भूख सबको है,पर जब परोसा जाता है,तो कई लोगों को हजम नहीं होता।

21-दुख और सुख दोनो मन का भ्रम है,बेहतर है, आप भक्ति करिए, जिसमें परमानंद है।

22-संसार को भोग की दृष्टि से देखने वाले लोग हमेशा दुखी रहते हैं,क्योंकि भोग करने के चक्कर में इंसान सत्य को नकारने लगता है।

23-आपका सबसे बड़ा शत्रु केवल आपका मन है,जिसमें अनंत वासनाएं,क्रोध,लोभ,मोह भरा रहता है,और आप इसी के चक्कर में जीवन बर्बाद कर देते हैं।

24-किसी के साथ गलत करके ये मत समझो कि तुम्हे कोई नहीं देख रहा है,क्योंकि तुम बाहर वाले को धोखा दे सकते हो,लेकिन तुम्हारे कर्मों का हिसाब तो तुम्हारे अंदर बैठा ईश्वर कर रहा है।

25-किसी के साथ गलत करके ये मत समझो कि तुम्हे कोई नहीं देख रहा है,क्योंकि तुम बाहर वाले को धोखा दे सकते हो,लेकिन तुम्हारे कर्मों का हिसाब तो तुम्हारे अंदर बैठा ईश्वर कर रहा है।

26-अगर तुम दुख की कल्पना करके दुखी हो सकते हो,तो भगवान का चिंतन करना शुरू कर दो,हमेशा आनंदित रहोगे।

27-इंसान बिना कुछ लिए संसार में आता है,लेकिन हमेशा तेरा -मेरा के चक्कर में पड़ा रहता है,और अंत में फिर खाली हाथ चला जाता है।

28-किसी का साथ देना हो जीते जी दो,मरने के बाद तो दुश्मन भी श्मशान तक साथ जाता है।

29-अपना समय ये सोच करके बर्बाद मत करो,कि कल क्या होगा,बल्कि अपने आज का सदुपयोग करो,कल का क्या पता क्या होगा।

30-किसी की मदद ये सोच कर मत करो कि वो भी आपकी मदद करेगा,क्योंकि हर वृक्ष में एक तरह के फल नहीं लगते।

31-किसी को गरीब देखकर उसका मजाक मत उड़ाना, क्योंकि वक्त राजा को रंक और रंक को राजा में बदलने की ताकत रखता है।

32-जब किसी को धोखा देना हो तो उसको धोखा मत देना,बल्कि उसको सच बता देना,क्योंकि धोखा खाया हुआ इंसान किसी पर विश्वास नहीं कर पाएगा।

33-आपका मन भगवान को मानने के लिए मिला है,इसलिए मन से भगवान को मानिए,और दिमाग संसार को जानने के लिए है,उससे संसार की वास्तविकता जानिए,इस तरह आप भगवान से मिल जाएंगे,औऱ संसार को भी जान पाएंगे।

34-आपको गुस्सा तभी आता है,जब आप बाहर की परिस्थिति को नियंत्रित करना चाहते हैं,लेकिन वो आपको नियंत्रण में नहीं होती।

35-इंसान को रोना दो कारणों से आता है,या तो वो अपने इरादे में कामयाब नही हुआ,या फिर उसके विरोध में कुछ हो गया।

36-इंसान राक्षस तभी बनता है,जब वह ये भूल जाता है,कि इस संसार का मालिक ईश्वर है,और जो पल में प्रलय कर सकता है।

37-अपनी इच्छाओं के लिए दुखी होना बंद कर दीजिए,क्योंकि कर्म करना आपके हांथ में है,लेकिन उसका फल ईश्वर के हाथ में होता है,वो उचित समय आने पर ही मिलेगा।

38-जिस दिन आपके मन में हर जीव के प्रति दया का भाव आ जाएगा,उस दिन से आपको खुशियों के लिए भटकना नहीं पडे़गा।

40-अगर आप अपनी योग्यता का  उपयोग दूसरों को नीचा दिखाने के लिए करते हैं,इसका मतलब आप अयोग्य ही है।

41-अगर आपको कभी भगवान के होने या होने पर अविश्वास हो तो,तो आप कुछ महीने कम से कम 1-2 घंटे भगवान का नाम लेकर देखिए,आपका जीवन बदल जाएगा।

42-बड़ा आदमी पैसे से बड़ा नहीं होता,वास्वव में बड़ा व्यक्ति वह है,जिसमें जिसका मन उसके वश में है।

43-अज्ञानी व्यक्ति समस्याओं से ही दुखी रहता है,ज्ञानी व्यक्ति समस्याओं में संभावनाएं तलाशता है।

44-सफलता कभी एक दिन में नहीं मिलती,लेकिन अगर प्रयास किया जाए,तो एक दिन जरूर मिलती है।

45-दूसरों से अपनी खुशी चाहने वाले वैसे ही हैं,जैसे महल  में रहने वाला भीख मांगने की इच्छा रखता हो।

46-अगर आपका पसंद नापसंद दुनिया वालों के अनुसार बदलती रहती है,इसका मतलब आप गुलामी की जिंदगी जी रहे हैं।

47-ईश्वर की शरणागति आपको सारी बाधाओं से मुक्त कर,आनंद प्रदान करती है।

48-जो मिल गया उसमें संतुष्ट रहना सीखिए,क्योंकि जो मिला है,वो भी जाने वाला है।

49-खुद को दूसरों के लिए कभी साबित मत करो,क्योंकि लोगों की पसंद रोज बदलती है।

50-किसी को अपनी पसंद-नापसंद मत बनाओ,क्योंकि दोनो ही आपको लिए घातक है।

51-जिससे जीवन भर का रिश्ता हो,उसकी कड़वी बातों को नजरअंदाज करना सीखो।

52-दूसरों के प्रभाव में आकर निर्णय मत लो,क्योंकि हर इंसान की परिस्थिति अलग अलग होती है।

53-माफी मांगने से आप कमजोर नहीं होते,बल्कि खुद के दिमाग को किसी के प्रति नकारात्मक विचार से मुक्त करते हो।

54-किसी भी समस्या के प्रति खुद को मजबूर मत समझो,क्योंकि समस्याओं का अस्तित्व थोड़े समय के लिए होता है।

55-लोगों की बातों पर ज्यादा ध्यान मत दो,क्योंकि जब तुम कुछ नहीं करोगे तो कहेंगे निकम्मा है,जब कुछ करोगे तो कहेंगे,तुम ये क्यों कर रहे हो,और जब सुनना बंद कर दोगे तो कहेंगे कि किसी की नहीं सुनता।

56-तुम समस्याओं से बच ही नहीं सकते ,बेहतर यही है,कि तुम अपना साहस पहाड़ जैसा कर लो।

56-आप भले ही कितने अच्छे हों,लेकिन आपकी एक गलती आपकी सारी अच्छाइयों पर भारी पड़ सकती है।

57-आप दुनिया में किसी को नहीं समझ सकते, जब तक आप खुद को नहीं समझ लेते ।

58-आप दुनिया में किसी को नहीं समझ सकते, जब तक आप खुद को नहीं समझ लेते ।

59-आप दुनिया में किसी को नहीं समझ सकते, जब तक आप खुद को नहीं समझ लेते ।

60-किसी भी बात को सत्य मानकर तब तक न बैठें,जब आपका अनुभव पूरा न हुआ हो,क्योंकि मानी गई बातें गलत भी हो सकती है।

61-किसी भी बात को सत्य मानकर तब तक न बैठें,जब आपका अनुभव पूरा न हुआ हो,क्योंकि मानी गई बातें गलत भी हो सकती है।

62-जिस किसी भी इंंसान में दया नहीं है,वह केवल दिखने में इंसान है।

63-रोने से पहले हंसना सीखिए,क्योंकि रोना तो स्वाभाविक हो जाएगा,जबकि हंसने के लिए आदत बनानी पड़ेगी।

64-मरने से मत डरो,बल्कि जीते जी ऐसा कुछ करो,कि तुम्हारी उपस्थिति हमेशा बनी रहे।

65-बोलने से पहले सुनना सीखिए,और खर्च करने से पहले कमाना।

66-किसी भी बात को मानने से पहले,अनुभव करो,तभी सत्य का पता लगेगा।

67-ईश्वर है या नहीं ये तर्क का विषय नहीं है,बल्कि तर्क का विषय यह है,कि आपने ईश्वरीय मार्ग का अनुसरण कितना किया है।

68-दूसरों को समझने का प्रयास निरर्थक है,क्योंकि आप किसी के व्यवहार को देख सकते हैं,भावनाओं को नहीं ।

69-दिखावट केवल आपको भ्रमित करने के लिए है,सत्य हमेशा सादगी भरा होता है।

70-किसी का विरोध करने के लिए आपको किसी प्रयास की जरूरत नहीं पड़ती,जबकि सृजन करने के लिए असीमित त्याग करना पड़ता है।

71-हमेशा आज में जिओ,क्योंकि बीता हुआ कल वापिस नहीं आता,और भविष्य अनिश्चित है।

72-अपनी खुशी दूसरों से चाहने का मतलब है,खुद को दूसरे का गुलाम बनाना।

73-अपनी खुशी दूसरों से चाहने का मतलब है,खुद को दूसरे का गुलाम बनाना ।

74-दुनिया में खुश वह नहीं है,जिसके पास सम्पत्ति ज्यादा है,बल्कि खुश तो वह है,जिसकी इच्छाएं सीमित हैं।

75-नशा चाहे दौलत का हो या शराब का,जीवन को नर्क बनाने के लिए काफी है।

76-नशा चाहे दौलत का हो या शराब का,जीवन को नर्क बनाने के लिए काफी है।

77-बच्चों को अश्लील फिल्मों और गानो की आदत लगाकर महापुरुष बनाने की कल्पना करना मूर्खतापूर्ण है।

78-बच्चों को ताजा और गुणवत्तापूर्ण भोजन की जगह पिज्जा बर्गर खिलाना बीमारी का निमंत्रण है,न कि आधुनिकता।

79-छोटे बच्चों को मोबाइल गेम का आदी बनाने का मतलब है,कि बच्चों को मानसिक बीमार बनाना।

80-जब तक इंसान का चरित्र अच्छा नहीं होगा,उसका अच्छा इंसान बनना असंभव है।

81-इंसान की आधुनिकता उसके कपड़ों से नहीं बल्कि उसके व्यवहार  और ज्ञान से होती है।

82-अधिकतर लोगों की असफलता का कारण ये हैं,कि उनका सलाहकार उनकी पसंद का है,न कि सत्य बताने वाला।

83-सबसे ज्यादा गुमराह वो लोग हैं,जो पैसो वालों से जीवन जीने की प्रेरणा लेते हैं।

84-नशा करना भले ही इंसान को धनवान दिखाने में सहायता करे,लेकिन नशा करने वाले की दो तीन पीढ़ियां बर्बाद हो जाती हैं।

85-मानसिक बीमारी का इलाज भगवान का नाम ,उनकी कथाएं , आध्यात्मिक ज्ञान और ध्यान ही है।

86-इंसान का मानसिक दुख उसी के संग्रह किए गए गलत विचारों का हैं,लेकिन अज्ञानतावश वह दूसरों को दोष देता रहता है।

86-अगर इंसान के कार्यकलाप अच्छे नहीं है,तो उसका जीवन दुख भरा ही रहेगा।

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