Motivational Lines in Hindi to become happy and achieve success!
सही अवसर का इंतजार मत करिए, बल्कि अवसर का निर्माण करिए, क्योंकि सही समय कभी नहीं आता।
निर्णय हमेशा सोच समझकर लीजिए, फिर पीछे मत देखिए।
आप कब सही थे ये कोई याद नहीं ऱखता, लेकिन आप कब गलत थे इसका पता सबको रहता है।
अपनी गलतियों पर नजर बनाकर रखिए, ताकि दूसरों कहें इससे पहले आप सुधार कर लें।
अपनी कमियों को स्वीकारना सीखए, तभी आप जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
अपनी असफलताओं का दोष दूसरों को मत दीजिए, क्योंकि आपके हर परिणाम के लिए आपके ही कर्म जिम्मेदार हैं।
सपने देखिए, लेकिन उससे पहले सपने को पूरा करने की काबिलियत बढ़ाइए।
दूसरों की बातों को भूलने की आदत डालिए क्योंकि लोग अक्सर वही बोलते हैं, जो उनको नहीं बोलना चाहिए।
दूसरों पर विश्ववास उतना ही रखिए कि धोखा मिलने पर दुख न लगे।
अपनी कमजोरी किसी को न बताएंं, हमेशा उसको सुधारने की कोशिश करिए, अन्यथा आपका मजाक बनने में देर नहीं लगेगी।
इस धोखे में मत रहिए कि लोग आपका साथ हमेशा देंगे, क्योंकि लोग लोगों को आपसे नहीं उनकी जरूरतें पूरा करने से मतलब है।
जीवन में खुद के लिए समय हमेशा निकालिए , अन्यथा एक दिन ऐसा आएगा आप खुद को ही खो देंगे।
रिश्ते बनाइए उनको निभाइए, लेकिन रिश्तों से मतलब निकालने की उम्मीद मत करिए, क्योंकि उम्मीदें कभी भी टूट सकती हैं।
अपनी प्रशंसा खुद से कभी न करें, अन्यथा आपका मजाक बनने में देर नहीं लगेगी।
अच्छी आदतों को हमेशा जीवन में अपनाइए, क्योंकि अगर आप अच्छी आदतें नहीं अपनाएंगे तो बुरी आदतें अपने आप बनती जाएंगी।
नशा चाहे शराब का हो पद का या पैसे का बर्बादी का ही कारण बनता है, इससे सावधान रहें।
जब आप सफल होते हैं, तो आपके पास ताऱीफ करने वालों की भी भीड़ रहती है, इनसे सावधान रहें।
अपने जीवन में सत्य का हमेशा आदर करें, क्योंकि यही आपको जीवन में आगे बढ़ाएंगा।
आपका सबसे बड़ा धन स्वास्थ हैं, सबसे पहले इसी को प्राथमिकता दें।
बुरी संगति से दूरी बनाकर रखिए, क्योंकि आपकी जैसी संगति होगी, आप भी वैसे हो जाएंगे।
लोगों की बातों की ज्यादा परवाह मत किया करिए, क्योंकि लोग भी आपकी परवाह नहीं करते ।
अपनी प्लानिंग हर किसी के साथ साझा न करें, अन्यथा लोग आपको पहले ही हतोत्साहित कर देंगे।
कोई अगर अच्छा कार्य करे तो उसका सहयोग जरूर करें, इससे आपका भी आत्मविश्वास बढ़ेगा।
सूर्योदय के पहले उठने की आदत अवश्य डालिए, क्योंकि सुबह उठने से खुद के लिए भरपूर समय मिल पाएगा।
अपनी दिनचर्या व्यवस्थित रखिए, क्योंकि आपकी दिनचर्या ही आपको सफलता दिलाने में सहयोग करेगी।
खुद को हमेशा संतुष्ट रखिए, तभी आप शांति प्राप्त कर पाएंगे।
कभी दूसरों को दुख देकर कोई सफलता अर्जित मत करिए, क्योंकि आपकी एक सफलता कई अनगिनत दुख को लेकर आएगी।
आपके पास पैसा भले कम हो लेकिन आपके पास खुशियों की कमी नहीं होनी चाहिए।
समय का सदुपयोग करना सीखिए, क्योंकि समय का सदुपयोग ही आपको सफलता दिला सकता है।
इच्छा पूरी न होने पर ज्यादा तनाव मत लीजिए, क्योंकि इच्छाओं का अंत नहीं है, और समय सीमित है।
सफलता की राह पर चलना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपनी आदतों पर नियंत्रण करना सीखिए।
आपको दुनिया में सबसे ज्यादा उलझने मन पैदा करता है, जो हमेशा कुछ न कुछ गलत सोचता रहता है, इसको नियंत्रण में रखना सीखिए।
किस्मत और लोग इनका कोई भरोसा नहीं कब बदल जाएं, बेहतर है खुद पर नियंत्रण रखिए।
अपने बीते हुए कल और आने वाले कल को अपने आज को बर्बाद करने मत दीजिए, अगर आपने ऐसा कर लिया तो सफलता निश्चित है।
जीवन में निराश होना छोड़ दीजिए, उम्मीद रखिए, पेड़ का बीज भी जब पेड़ से गिरता है, तो ये उम्मीद ऱखता है, आगे पेड़ बनेगा।
लाभ हानि ये जीवन में होना ही है, अपने मन को दोनो में संयमित रखना सीखिए।
जीवन में सहने की आदत डाल लीजिए, क्योंकि कई बार ऐसा वक्त आता है, कि अगर आपने सहना नहीं सीखा है, तो आप असफल हो जाएंगे, क्योंकि दुनिया में बहुत कुछ केवल आपको रास्ते से भटकाने के लिए किया जाता है।
सीखना हो तो ये बात दिमाग से निकाल दीजिए कि कोई छोटा है या बड़ा है, जिसके पास ज्ञान है, वो सिखा सकता है भले उसकी उम्र आपके कम हो।
सेवा में हमेशा निस्वार्थ रहिए क्योंकि निस्वार्थता के बिना सेवा बेकार है।
जीवन में कभी ये मत सोचिए कि केवल आप पर ही मुसीबतें आती है, क्योंकि हर किसी के जीवन मुसीबतें आती ही आती है, तभी वो अपनी क्षमता को पहचना पाता है।
जीवन में मोटिवेशन जरूरी है, लेकिन उसके साथ अपनी आदतें भी बदलिए अन्यथा मोटिवेशन केवल एक पल के लिए ही जीवन में रह पाएगा।
जीवन में सलाहकार हमेशा सोच समझकर बनाइए क्योंकि सलाहकार की आपके जीवन की दिशा निर्धारित करता है।
लोग क्या कहेंगे इसकी परवाह करना छोड़ दीजिए, क्योंकि जब आप कुछ करेंगे, तब भी लोग कहेंगेऔर जब आप कुछ नहीं करेंगे तब भी लोग कहेंगे।
आप भले ही कितने व्यस्त हों लेकिन खुद के लिए समय निकालिए अन्यथा आप खुद को ही खो देंगे।
जीवन में सलाहकर कृष्ण की तरह बनाइए, जो जीवनसंवार दे, ना कि शकुनी की तरह जो आपको बर्बाद कर दे।
अपनी नजर दूसरों की अच्छाइयां और खुद को बुराइयों पर रखिए,तभी आप आगे बढ़ सकते हैं।
जीवन कभी सीधी रेखा में नहीं चलता , इसलिए खुद को जीवन के उतार चढ़ाव के लिए तैयार रखिए।
महक आपके किरदार से आनी चाहिए, इत्र की महक का असर थोड़ी देर का ही होता है।
इंसान जितनी बड़ी उपलब्धि चाहता है, उसको त्याग भी उतना ही करना पड़ेगा, त्याग के बिना उपलब्धि केवल सपना बनकर रह जाएगी।
खुश रहने वाले लोग कभी शिकायतें नहीं करते , और जो शिकायत करते हैं, वो कभी खुश नहीं रह सकते।
लोगों का बदलना भी जरूरी है वक्त के साथ नहीं तो इंसान खुद पर भरोसा करना नहीं सीख पाएगा।
किसकी कितनी गलतियां हैं, कब तक हिसाब रखोगे, ऐसे तो हम खुद की गलतियां भी नहीं पहचान पाएंगे।
जहां ख्वाइशों का शोर ज्यादा रहता है, वहां खुशी की गुंजाइश कम रहती है।
रास्तों से भटकाने के लिए एक गलत सलाह ही काफी है, इसलिए सलाहकार ध्यान से चुनिए।
उम्मीदें हमेशा खुद से ही रखनी चाहिए दूसरों से रखेंगे तो धोखा ही मिलेगा।
दुश्मन को कभी राज नहीं बताना चाहिए लेकिन दोस्त से भी छुपाना चाहिए , क्योंकि क्या पता दोस्त कब राज खोल दे।
अपने गुप्त योजनाओं को तब तक लोगों को न बताएं जब तक उसका परिणाम न आए।
दुनिया के प्रति आपके मन में क्या इससे कम ही फर्क पड़ता है, सिवाय इसके कि आप दुनिया के लिए क्या करते हैं।
दुनिया बदलने के लिए अच्छे विचारों के साथ कर्म भी आवश्यक है।
अगर आपके जीवन में उत्साह है, तो आप किसी भी बड़े काम को कर सकते हैं, उत्साह के बिना छोटा काम भी बड़ा लगता है।
इंसान का सबसे बड़ा शत्रु उसका मन है जो अच्छे कार्य को टालता रहता है, और बुरे कार्यो में दिलचल्पी लेता है।
योजना तब तक गुप्त रखनी चाहिए जब तक परिणाम सामने ना आ जाए।
दुनिया में सलाहकार से ज्यादा साथ देने वालों की जरूरत है।
अपनी कमियां दूसरों के सामने जाहिर न करें, अन्यथा आपका मजाक बनने में देर नहीं लगेगी।
समय का हमेशा सम्मान करिए क्योंकि यही आपको आगे बढ़ा सकता है, औऱ नीचे भी गिरा सकता है।
चमत्कारों से ज्यादा प्रयास पर विश्वास करिए, क्योंकि चमत्कार एक ही दिन होगा लेकिन प्रयास आपको हमेशा करना पड़ेगा।
जब कठिन समय आए तो अपने कर्मों पर ध्यान दीजिए कि ये समय जल्दी चला जाए, औऱ जब अच्छा समय आए तो अपनी वाणी पर ध्यान दीजिए कि उसको कहीं घमंड़ का परछाई न आ जाए।
अपने बड़ों का हमेशा सम्मान करिए क्योंकि यही वो वृक्ष हैं, जिनकी छांव में आपकी परवरिश हुई है।
रिश्ते में किसने कब क्या किया इसका हिसाब मत रखिए, नहीं तो सबमें दोष दिखने लगेगा।
भीड़ के पीछे चलते की आदत मत बनाइए क्योंकि भीड़ तो तमाशा देखने वालों की होती है, सत्य की तरफ बिरला ही चलता है।
अगर आप मुक्ति चाहते हैं, तो आपके जीवन में सत्य, दया, संतोष, क्षमा व सरलता जैसे गुण होना अनिवार्य हैं।
सेवा से पीछे मत हटिए क्योंकि यही एक ऐसा कार्य है जो मनुष्य को मनुष्य बनाता है।
जीवन की कोई डगर कठिन नहीं है, बस केवल हम साहस रखें और चल पड़ें।
जो व्यक्ति धार्मिक है, उसमें दया होना जरूरी है बिना दया के वह धार्मिक नहीं हो सकता ।
अधर्म के के चार चरण हैं-सत्य, अहिंसा, असंतोष, कलह ।
धर्म के चार चरण है, सत्य, दया, तप, दान।
जीवन में कभी कभी आंखो देखी बातें भी झूठी हो जाती हैं, क्योंकि विचार तो हमारी ही बुद्धि करती है वो भी मान्यता अनुसार, इसलिए हमेशा सोच समझकर ही बात को स्वीकार करना चाहिए।
हमारे जीवन में कर्म करने का चुनाव हमारा होता है, लेकिन फल देने का ईश्वर का का , इसीलिए हमारी नजर कर्म पर ही होनी चाहिए।
अनुकूलता औऱ प्रतिकूलता दोनो के एक समान समझना चाहिए क्योंकि किसी चीज को अनुकूल बनाने के लिए सबसे पहले प्रतिकूलता ही सहनी पड़ती है, जैसे अगर आप चाहते हैं, कि पेड़ से ऑक्सीजन मिले तो सबसे पहले आपको पौधा लगाना पड़ेगा उसकी देखभाल करनी पड़ेगी उसके बाद आपको पेड़ ऑक्सीजन देंगा।
आधुनिक इंसान अपना विनाश खुद कर रहा है, हर जगह पेड़ काटकर केवल बिल्ड़िंग बना रहा है, कहीं विकास के नाम पर भूजल गंदा किया जा रहा है, बिना ये सोचे समझे कि भविष्य क्या होगा।
जो उम्मीद हम दूसरों से रखते हैं, वास्तव में उन सभी उम्मीदों पर पहले हमें उतरना चाहिए जैसे अगर हम चाहते हैं कि सभी सत्य बोलें तो इसकी शुरुआत खुद से करनी चाहिए।
अगर आप प्रयास करते हैं, तो आपको कभी न कभी अवसर मिलेगा ही और आप सफल हो जाएंगे।
आपके जीवन में जो सुख दुख आता है, वो आपके ही कर्मों का परिणाम है, उसका दोष दूसरों को मत दीजिए।
भौतिक चीजों में सुख ढूढ़ना मरुस्थल में पानी ढूढने जैसा है, जहां पर रेत में पानी की प्रतीति तो होती है, लेकिन पानी नहीं होता है।
संतोष से ही इंसान को सुख प्राप्त हो सकता है, बिना संतोष के इंसान का मन सबकुछ होने पर भी दुख ही महसूस करेगा।
जीवन में सुख या दुख आपके चाहने या ना चाहने से नहीं आएगा, इसलिए सुख दुख में समान रहना सीखिए।
अगर कोई आपको देखकर खुशी होता है, या दुखी होता है, ये जरूरी नहीं कि वो आपके व्यवहार के कारण हो, वो आपको प्रति अपने सोच के कारण ही खुश या दुखी होता है।
किसी से संबंध वैसा रखिए जैसा तालाब के पानी और कमल का होता है, दोनो दिखते साथ है, लेकिन रहते अलग हैं, क्योंकि संसार के संबंध अस्थाई हैं।
ख्वाइशें उतनी रखिए कि उनकी वजह से तनाव न हो क्योंकि अगर तनाव हो गया तो ख्वाइशों का फिर कोई मतलब नहीं।
आने वाले कल की चिंता में आज बर्बाद मत करिए क्योंकि कल किसी का निश्चित नहीं है कि कैसा होगा।
अनुकूलता और प्रतिकूलता को सहना सीखिए क्योंकि दोनो के बिना जीवन का अस्तित्व नहीं है।
जब आप किसी बात के लिए दुखी हों तो खुद से पूंछिए कि क्या दुखी रहने से समाधान मिल जाएगा, अगर नहीं मिलेगा तो खुश रहिए।
कल खुशी मिलेगी ये जरूरी नहीं है, लेकिन आज खुश रहना आपके हांथ में है।
दूसरों की जिंदगी से अपनी जिंदगी की तुलना कभी मत करिए क्योंकि इस दुनिया में सभी की सोच अलग है, कर्म अलग हैं, इसलिए किस्मत भी अलग है।
दूसरों से अत्यधिक उम्मीद आपको जरूरत से ज्यादा अपाहिज बना देती है।
इंसान का डर वास्तव में केवल एक कल्पना है, और उससे केवल अशांतिऔर तनाव पैदा होता है। जबकि इस दुनिया में बुरे कर्मों के अलावा कुछ भी डरावना नहीं है।
जीवन में अकेले रहना जरूर सीखिए क्योंकि साथ की उम्मीद आपको खुद में कभी संतुष्ट रहने नहीं देगी और मन में हमेशा अकेलापन रहेगा।
इंसान के मन का दुख इंसान की खुद की मानसिक उपज है, वो जितना उस दुख के कारण को सोचता जाएगा उतना दुखी होता जाएगा।
अपनी इच्छाओं के कारण मन को दुखी न करिए, क्योंकि मन इच्छा पूरी होने से सुखी कभी नहीं होगा, जब मन में भगवान का चिंतन होने लगेगा तो वो सुखी रहने लगेगा।
भौतिक सुख सुविधाएं कभी किसी को शांति नहीं दे सकती हैं, शरीर को सुविधा दे सकती है जबकि शांति मन को चाहिए, शांति तो भगवान का नाम, रूप, कथाएं ही दे सकती हैं।
जीवन के हर मोड़ पर खुद को समझदार साबित करने की कोशिश मत करिए, क्योंकि जीवन की हर परिस्थिति के हम एक्सपर्ट नहीं हैं, अगर होते तो सबकुछ हमारे नियंत्रण में होता ।
अपने मन की बातों को टालना सीखिए, अन्यथा आपका मन आपके जीवन में समस्याएं पैदा करता रहेगा।
जीवन की समस्याएं आपके हांथ में नहीं हैं, लेकिन उन समस्याओं में खुद के मन को शांत रखना आपके ही हाथ में है।
दूसरों की खराब आदतों के लिए खुद को दुखी मत करिए, क्योंकि आपको दुखी होने से कोई नहीं बदलेगा, उससे केवल आपका मन और समय दोनो खराब होगा।
लोगों पर अत्यधिक विश्वास आपके जीवन पर जीवन में अनगिनत समस्याएं लाता है, क्योंकि अधिकांश लोग केवल आपकी परिस्थिति के अनुसार आपके साथ देते हैं, जब आपकी परिस्थिति खराब होगी तो आपका साथ नहीं देंगे।
जीवन की कोई भी डगर कठिन नहीं है, केवल हमारे मन में हर बात के लिए डर बिठा गया है।
लोगों से ताऱीफ सुनने की आदत मत डालिए क्योंकि लोग आज भले ही तारीफ कर रहे हों, लेकिन जैसे ही आप कोई गलती करेंगे लोग आपको बुरा कहने में भी पीछे नहीं हटेंगे।
मन को सुखी रखने के लिए भजन ही एक माध्यम है, जो सरल भी है, और कोई समस्या भी नहीं है।
लोग जब तक भौतिक संसाधनो में सुकून तलाशेंगे तो दुखी ही रहेंगे, क्योंकि भौतिक संसाधनो में सुख दिखता है होता नहीं ।
आपके जीवन की घटना के लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है, बेहतर होगा कि आप इसकी जिम्मेदारी उठाना शुरू करिए।
संसार में उस तरह रहने की आदत डालिए जैसे पानी में कमल रहता है, दिखता पानी के साथ है, लेकिन रहता अलग है।
मन का कभी भरोसा मत करिए, अन्यथा मन आपको ऐसी दलदल में फंसाएगा कि निकलना मुश्किल होगा।
लोगों का विश्वास जीतने की कोशिश मत करिए, अन्यथा आपको वो भी करना पड़ेगा जो करने योग्य नहीं है, क्योंकि लोग अपनी अनुकूलता देखकर विश्वास करते है, न कि सत्य देखकर।
सुखी रहने के लिए नजर अपने मन पर रखिए और दुखी रहने के लिए नजर दूसरों की गलतियों पर रखिए।
इंसान का सबसे बड़ा भ्रम यही है, कि वह किसी को खुश रख सकता है, या उसको कोई खुश रख सकता है।
आप भले ही कितनी मुसीबत में हो लेकिन दुष्ट व्यक्ति का एहसान कभी न लें, क्योंकि दुष्ट व्यक्ति उस एहसान के बदले ऐसा कुछ मांग लेगा जो आपको पहले से ज्यादा बड़ी मुसीबत में डाल देगा।
इंसान का अधूरापन उसी की इच्छाओं की वजह से है, क्योंकि इच्छाओं की प्रबलता से ही उसका मन अशांत होता है।
सही क्या है, गलत क्या है, ये तो सभी जानते हैं, लेकिन उनका अह्म और दिखावे की प्रवृत्ति की वजह से वो सही करने की कोशिश नहीं करते , और दुखी होते रहते हैं।
अगर कुछ मांगना है, तो भगवान से ही मागिए, लेकिन अगर मांगने से नहीं मिल रहा है, तो समझिए कि आपकी मांग में गलती है, इसलिए भगवान नहीं दे रहे , क्योंकि भगवान वही देते हैं, जिससे आपका जीवन मंगलमय हो सके।
अपने मन को जीतने की कोशिश करिए, संसार को नहीं, क्योंकि संसार का तो अपना मन है, उसको आप जीत नहीं पाएंगे।
अकेले चलने की आदत डालिए क्योंकि जो भीड़ आज आपके साथ खड़ी है, वो कल हो सकता है आपके विरोध में खड़ी हो जाए।
आपके सच्चे रिश्तेदार केवल वही हैं, जो आपका हित चाहते हैं न कि आपका पैसा , जो केवल पैसे को महत्व देते हैं, वो तो केवल व्यापारी हैं।
मन के विषाद का समाधान तो केवल भगवद्चितन में है, भौतिकता में तो केवल खालीपन है।
दूसरों के दोषों का चिंतन बार बार मत करिए, अन्यथा वो दोष आप में भी आ जाएंगे।
जीवन में अकेलापन उसी को महसूस होता है, जो खुद को अकेला मानता है, और ईश्वर का स्मरण नहीं करता, क्योंकि केवल ईश्वर का स्मृति ही आपको पूर्णता का अनुभव करा सकता है।
श्रेष्ठ व्यक्तियों से हमे केवल अच्छी आदतें सीखनी चाहिए लेकिन हम उनमे कमी निकालकर अपना ही मन खराब कर लेते हैं।
किसी का धन देखकर उससे अच्छाई की उम्मीद मत करिए, क्योंकि अच्छाई का धन से कोई संबंध नहीं है।
अच्छे काम की हमेशा ही तारीफ की जानी चाहिए , भले ही वो दूसरों के द्वारा किया जा रहा हो।
जीवन में सम्पत्ति से ज्यादा अपना चिंतन सम्भालना जरूरी है, क्योंकि अगर चिंतन सही है, तो सम्पत्ति अर्जित की जा सकती है, लेकिन अगर चिंतन गलत है तो सभी सम्पत्ति बेकार है।
जीवन को अच्छा बनाने के लिए, अच्छा सुनने, अच्छा पढ़ने की आदत डालिए, क्योंकि इसी से अच्छे विचार आएंगे।
अपनी खुशी के लिए दूसरे किसी व्यक्ति और वस्तु पर निर्भर न रहें, अन्यथा ये आपकी खुशी स्थाई नहीं रहेगी।
वर्तमान में जीने की आदत डालिए अन्यथा भविष्य की दुविधा आपको परेशान करती रहेगी।
अपना सोचा हुआ न हो तो ज्यादा खुश हो जाइए क्योंकि यही आपके मन को मजबूत बनाएगा और आप परिस्थिति से निपटने के लिए मजबूत बन जाएंगे।
दूसरों को अपनी गलतियों का आईना न बनाएं बल्कि अपने मन को स्वच्छ रखिए ताकि आप अपनी गलती खुद देख सकें।
जीवन का आनंद लेने के लिए न तो किसी से लगाव रखिए न ही किसी से घृणा करिए।
इस दीवाली में अपने मन में राम/कृष्ण नाम रूपी दीपक जलाइए, ताकि आपके जीवन में हमेशा उजाला रहे।
अपने विचारों को महत्व देना कम करिए, क्योंकि जरूरी नहीं कि आपके विचार सही हों।
जब परिस्थितियां प्रतिकूल हो तो आपको अपने लोगों की बातें को भी नजरअंदाज करना चाहिए क्योंकि उस समय अपने भी प्रतिकूल हो सकते हैं।
ईश्वर जब कोई विपत्ति भेजता है, तो वास्तव में वो एक अवसर देता है कि आप अब केवल उसी के सहारे रहें!
आपने अगर कोई अच्छा काम सोचा है, तो उसकी शुरुआत आज ही कर दीजिए, क्योंकि समय और मन का कोई भरोसा नहीं कब बदल जाए।
अगर आप श्रेष्ठ काम को इसलिए टाल रहे हैं कि आपका मन नहीं कह रहा तो आप वो काम कभी नहीं कर पाएंगे क्योंकि मन श्रेष्ठ काम करने को कहता नहीं उससे काम करवाना पड़ता है।
इंसान के जीवन की अधिकतर समस्याएं मन से जुड़ी हैं, लेकिन उसको लगता है, कि समस्या धन से जुड़ी है, धन आएगा तो सारी समस्या हल हो जाएगी जबकि धन आता है, तो मन अधिक धन पाने के लिए परेशान हो जाता है, और ये सिलसिला चलता रहता है।इंसान के जीवन की अधिकतर समस्याएं मन से जुड़ी हैं, लेकिन उसको लगता है, कि समस्या धन से जुड़ी है, धन आएगा तो सारी समस्या हल हो जाएगी जबकि धन आता है, तो मन अधिक धन पाने के लिए परेशान हो जाता है, और ये सिलसिला चलता रहता है।
खुद का ख्याल ऱखना सीखिए, क्योंकि लोग ख्याल रखेंगे तो आपको बहुत महगी कीमत चुकानी पड़ेगी।
जीवन में संतुष्ट रहने की आदत डालिए क्योंकि असंतुष्टि हमेशा ही आपके जीवन में नकारात्मकता पैदा करती रहेगी।
अगर आपको जीवन से बहुत शिकायत है, तो शिकायतों से ध्यान हटाकर जो कुछ आपके पास है उसके लिए ईश्वर का धन्यवाद करना शुरू करिए जीवन शानदार हो जाएगा।
सुख-दुख भी मौसम की तरह हैं आते जाते रहते हैं, जिसने ये सोच लिया कि ये हमेशा रहेंगे वो उनमें फंस गया।
जिसमें मन को अपना समझ लिया उसके लिए मन ही समस्याओं का सबसे बड़ा माध्यम है, जो हमेशा परेशान करता रहता है।
जब विपरीत समय आता है, तो वो लोग भी आपका विरोध करने लगते हैं, जिनको कभी आपने सहारा दिया होता है।
ख्वाइशों का ज्यादा बोझ सर पर मत रखिए, अन्यथा ये खुलकर जीने की आजादी छीन लेंगे।
इंसान कितना गलत, कितना सही है ये उसका मन जानता है, लेकिन अह्म के चलते हमेशा गलत कदम ही उठाता है।
इंसान के अपराधी बनने की सबसे बड़ी वजह यही है कि उसे कभी उसे श्रेष्ठ मानसिक स्थिति का अनुभव नही कराया गया जिससे आनंद मिले।
अगर आप संसार से इज्जत की डिमांड कर रहे हैं, तो या तो आप गुलामी की ओर बढ़ रह हैं, या फिर गुलाम बन चुके हैं, क्योंकि जब आप इज्जत चाहते हैं, तो आपको वही करना और बनना पड़ता है, जो सामने वाला चाहता है, भले ही वो गलत हो।
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