आजकल अधिकतर युवा इस अकेलेपन की बीमारी से परेशान है,और उनको हमेशा किसी न किसी का साथ चाहिए,जिससे वो अपनी बातें कह सके,या फिर कोई उनकी परवाह करने वाला हो।
दोस्तो अकेलापन भले ही आपको लगता हो,लेकिन जीवन की वास्तविकता ही अकेलापन है। यानि इंसान अकेले में ही खुश रह सकता है,और ये अकेलापन केवल भ्रम है,वास्तव में ये आपके मन की इच्छा है,जो आपको अकेला महसूस कराती है,या किसी की आदत भी हो सकती है, जिसके बिना आप खुद को अकेला महसूस करते हैं,बहुत सारे लोग तो उस अकेलापन को दूर करने के लिए नशे का सहारा लेते हैं,जो कि उनकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।
इंसान का जो मन होता है,वो हमेशा परफेक्शन की तलाश में रहता है,तो कभी कोई मिल जाता है,जो आपकी परवाह करता है ।और इंसान को फिर उस इंसान से अपनी बात मनवाने की आदत हो जाती है,औऱ अगर वो इंसान उसके पास नहीं रहता तो वो इच्छा न पूरी होने से अधूरा महसूस करता है।
इसके लिए सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि इंसान अधूरा नहीं है,चाहे उसके साथ कोई हो या न हो,ये बात जरूर हो सकती है,कि आपकी जरूरत पूरी न हो रही है,तो बेहतर है,आप दूसरे पर निर्भर न रहें।
दूसरी महत्वपूर्ण बात ये है कि मन का अकेलापन तभी दूर होगा जब आप परोपकार और भगवान की भक्ति करेंगे,क्योंकि वो जो अकेलापन है,वो केवल परमात्मा की भक्ति न करने के कारण है,जिसके कारण आपके अंदर काम,क्रोध,लोभ,मोह पैदा होता रहता है,औऱ आप उसी के पीछे भागने लगते हैं,लेकिन जब आप भक्ति करने लगेंगे,तो आप भीतर से शांत और आनंदित रहने लगेंगे,और आप कभी अकेला नहीं महसूस करेंगे।
कलियुग में भगवान के नाम जपने से ही इंसान को ये शांति औऱ आनंद प्राप्त हो जाते हैं,तो इसके लिए आप हरे कृष्ण महामंत्र (हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे रहे ,हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, का जाप करिए,इसको आप यूट्यूब से डाउनलोड करके सुन भी सकते हैं,धीरे धीरे आपके अंदर का अकेलापन खत्म हो जाएगा,और आप हमेशा आनंदित रहने लगेंगे।
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