तनाव मुक्त जीवन कैसे रहें ? हालांकि ये प्रश्न अधिकांश लोगों का रहता है, अधिकांश लोगो इसका उत्तर भी जानते हैं, लेकिन जीवन में अमल बहुत कम ही करते है। तनाव मुक्त जीवन के लिए सबसे पहले हम समझते हैं, कि मुक्त किसको करना चाह रहे हैं, क्या हम किसी के गुलाम हो गए हैं, जो जीवन को मुक्त करना चाह रहे हैं, वास्तव में अगर देखा जाए तो इसके पीछे केवल और केवल मन की सोच है , हमारा मन कहीं न कहीं आसक्त हो जाता है, यानि किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान की इतना चिंतन कर लेता है, कि वह उस के अनुकूल न होने से तनाव महसूस करने लगता है। उदाहर के तौर पर मान लीजिए आपके पास 5000 हजार रूपया है, अब आप बार बार उसी रुपये का चिंतन करते हैं, कि मेरे पास 5000 रुपया है, और हो सकता है, आपने उस पैसे से कोई उम्मीद भी जोड़ ली है, और उसका भी चिंतन करने लगे हैं, अचानक से आप कहीं जा रहे हैं, और वो 5000 रुपये आपकी जेब से गिर जाएं, और घर जाने पर जब आप देखें तो जेब खाली दिखे, अब आप तनाव में हो जाएंगे कि अरे कैसे हो गया ऐसा नहीं होना चाहिए था , और हो सकता है, अब आप बहुत दुखी भी हो जाएं, लोगों को बताएं तो वो भी अफसोस जताएं । अब आप इस घटना पर गौर करें तो पाएंगे कि आपको पैसे कहीं से मिला था , आपने उस पैसे से इतना लगाव रख लिया और उम्मीदें जोड़ ली इसलिए तनाव हो रहा है, जबकि इस घटना से आपको किसी प्रकार की हानि नहीं हुई, केवल मन के लगाव के कारण ही दुख हुआ, जबकि अगर आप दुखी न हों तो भी जीवन चलेगा आगे इससे भी ज्यादा पैसे आ जाएंगे, लेकिन भूल केवल मन की है। इसलिए तनाव मुक्त जीवन रखने के लिए किसी भी वस्तु, व्यक्ति, स्थान से लगाव न रखकर (न ही बार बार चिंतन करें अन्यथा मोह हो जाएगा) केवल अपने कर्तव्य का पालन करें , परिणाम चाहे जो भी हो क्योंकि परिणाम तो आपको हांथ में नहीं है, और संसार में हर व्यक्ति, वस्तु, स्थान परिवतर्नशील है, उनमें कुछ न कुछ बदलाव होते रहेंगे, उनसे आपको दुखी होने की कोई जरूरत नहीं है।
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