तनाव क्यों होता है?
तनाव क्यों होता है?

तनाव क्यों होता है?

तनाव क्यों होता है? अगर आप वास्तव में इसका उत्तर ढ़ूढने लग जाएं तो इसका उत्तर मिल जाएगा लेकिन इसके लिए भी समय चाहिए जो आजकल के लोगों के पास बिल्कुल भी नहीं है, लेकिन एक काम तो सभी कर सकते हैं, कि आजसे लगभग दस पन्द्रह साल पहले इस शब्द को लोग जानते भी नहीं थे, लेकिन आजकल ये सुनने को मिल ही जाता है, जबकि पहले के मुकाबले आज सुविधाएं बढ़ गई हैं, लेकिन तनाव भी बढ़ रहा है उसका उत्तर है-

1- प्राकृतिक वातावरण का अभाव, आजकल लोग शहरो में रहते हैं, बंद कमरे में कहीं से शुद्ध हवा मिलने की गुंजाइश नहीं जो हवा मिलती भी है वो भी दूषित है।

2- बाहर का भोजन – इंसान के पास अब समय नहीं है, क्योंकि पैसा बहुत चाहिए इसलिए बाहर का खाता है, जो पेट के लिए सही नहीं रहता उसकी वजह से भी तनाव रहता है।

3- अनियंत्रित इच्छाएं- इंसान आजकल टीवी और मोबाइल के अनुसार जीवन जीना चाहता है इसलिए हर किसी के जैसा बनने की इच्छा और सबकुछ प्राप्त करने की इच्छा तनाव पैदा करती है।

4- सेवा भावना की कमी- आजकल लोगों में सेवा भावना देखने को बहुत कम मिलती है, क्योंकि लोग अधिक से अधिक संग्रह करना चाहते हैं, जबकि सेवा से शांति मिलती है।

4- भौतिकवाद में विश्वास – आजकल लोग भौतिकता की ओर भाग रहे हैं इसलिए योग ध्यान करते नहीं है, और मन भी भागता रहता है, वही तनाव पैदा करता है।

5- आलसी – जब से मोबाइल आया लोगों की निर्भरता मोबाइल पर हो गई और सब कुछ उन्हे सरलता से चाहिए इसलिए मेहनत भी नहीं करते ये भी तनाव की वजह है।

6- नशा करना – नशे को आजकल फैशन समझा जाने लगा है, इसलिए युवा नशे में अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं, ये भी तनाव की प्रमुख वजह है।

7- देर से सोना देर से उठना- आजकल लोग मोबाइल पर रील देखते देखते रात गुजार देते हैं, और सुबह देर से उठते हैं, ये भी तनाव की मुख्य वजह है।

8- आर्थिक स्थिति खराब होना- आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से भी लोग तनाव में रहते हैं, इससे बचने के लिए उनको चाहिए कि वो इसका हल ढूढें और स्थिति को य़े मानकर चलें कि बदल जाएगी कि स्थिति हमेशा एक जैसी नहीं रहती है।

9- स्वास्थ खराब होना – स्वास्थ खराब होने से भी इंसान तो स्ट्रेस होने लगता है, इससे बचने के लिए प्राणायाम करें, और ईश्वर का स्मरण करते रहें।

तनाव कैसे दूर करें?

How to manage stress?

आजकल के युवा जब को दूर करने के विषय में बात कर रहे हों, तो ये बेहद गंभीर बात हो जाती है। युवा तनाव में क्यों हैं, तनाव दूर करने के उपाय से पहले हम ये समझते हैं, कि तनाव वास्तव में है क्या और ये कैसे हो जाता है, वास्तव में तनाव कोई वास्तविक समस्या नहीं है, ये केवल अपने मन में किसी व्यक्ति या किसी वस्तु के प्रति ऐसे विचार रख लेना जो नहीं रखना चाहिए, उसी का मन पर प्रभाव ही तनाव है अब कारण कोई भी हो सकता है, अब तनाव के मूल में अगर जाएंगे तो वहां आपको इच्छा मिलेगी यानि बिना इच्छा के तनाव होगा ही नहीं, उदाहरण के लिए मान लीजिए आपके पास बहुत महंगी कार है, आप उसको मेन्टेन करके रखते हैं, लेकिन अचानक कोई दुर्घटना हो जाए और वो कार डैमेज हो जाए अब उस कार के डैमेज होने से वास्तव में आपके जीवन का कोई लेना देना नहीं हैं, लेकिन अब आप उस कार को लेकर परेशान हो सकते हैं, कि आपकी कार महगी थी लाखों का नुकसान हो गया । अब यहां पर आपकी इच्छा ये थी कि आपकी कार हमेशा अच्छी रहे और अगर अब वो डैमेज हो गई तो दुख हो रहा है, अब ये दुख हो सकता है, थोड़ी देर के लिए रहे लेकिन अगर आप लगातार इसी की चिंतन करेंगे तो धीरे धीरे ये तनाव/अवसाद का रूप ले लेगा। इसके अलावा लोग व्यक्तियों को लेकर ज्यादा तनाव में रहते हैं, जैसे उनका कोई खास दोस्त या रिश्तेदार से दुश्मनी हो जाए तो उसके कारण भी तनाव हो जाता है, जबकि सबकी अपनी अपनी आदत हैं कोई आपके साथ दोस्ती रखना चाहेगा कोई नहीं । इसके अलावा जो आजकल के युवाओं में देखने को मिल रहा है, वो है प्रतिस्पर्धा की भावना जबकि आपको प्रतिस्पर्धा केवल सीखने की रखनी चाहिए, क्योंकि हर इंसान की अपनी अपनी काबिलियत और किस्मत है, आप केवल अपना प्रयास जारी रखिए, क्योंकि प्रतिस्पर्धा की भावना मन में ईर्ष्या पैदा करती है, जिसके कारण आप अवसाद जैसी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।  उसके अलावा तनाव के और कारण है जैसे-

  1. देर रात जागना।
  2. अनावश्यक वार्तालाप ।
  3. मोबाइल पर लगातार गेम खेलना व सोशल मीडिया पर अनावश्यक वीडियो देखना।
  4. सुबह सूर्योदय के बाद सोकर उठना।
  5. निंदा सुनना व करना ।
  6. नशा करना ।
  7. किसी के प्रति गलत भावना रखना
  8. हिंसा करना
  9. प्रतिस्पर्धा की भावना
  10. गलत खानपान
  11. भविष्य या बीते हुए समय का चिंतन करना।

तनाव को दूर करने के उपाय

  1. सूर्योदय के पहले सोकर उठिए
  2. रात में जल्दी सोने की आदत डालिए
  3. रात में सोने से पहले 15-30 मिनट तक भगवान के नाम का जप व प्राणायाम करें।
  4. किसी की गलतियों का चिंतन न करें।
  5. सुबह सूर्य नमस्कार, भगवान का नाम जप व प्राणायाम करें।
  6. भोजन सात्विक करें।
  7. मोबाइल गेमिंग से दूर रहें।
  8. फोन पर ज्यादा रील्स व वीडियो न देखें।
  9. निंदा न करें व न सुनें।
  10. दूसरों को माफ करने की आदत डालिए ।
  11. अपना कार्य समय पर करें
  12. चीटियों को आटा गाय को रोटी खिलाएं, व अन्य जीवों की सेवा करें।
  13. सुबह सुबह घर में भजन लगाकर रखें, इससे तनाव नहीं होगा।
  14. शास्त्रों को पढ़ें।

बच्चों में तनाव का कारण !

बच्चों में तनाव के आजकल बहुत से कारण से हो गए हैं, विशेषकर जबसे बच्चों के हाथं में मोबाइल आ गए हैं, और बच्चों के माता पिता भी मोबाइल की दुनिया में जीने लगे , और उसके बाद भौतिकवाद पूरी तरह से जिम्मेदार हैं बच्चों के तनाव का जिसमें बच्चों का संस्कार न देकर केवल उनको पैसे कमाने की मशीन बनाया जा रहा है। आजकल के बच्चों में चिढ़चिढ़ापन, गुस्सा होना या सामान्य हो गया, अगर आप कभी आप अखबारों की खबरों को देखें तो पाएंगे कि बच्चे मोबाइल न मिलने के कारण या गेम खेलने को मना करने के कारण माता पिता से ही झगड़े हो जाते हैं। इस लेख के माध्यम से मैं उन कारणों को बताऊंगा जो बच्चों में तनाव की मुख्य वजह है इसमें माता पिता का भी कारण है-

1- हिंसक मोबाइल गेम खेलना जिसमें हिसा होती है, जैसे पबजी , फ्री फायर इत्यादि।

2- मोबाइल पर अनावश्यक रील्स देखना व सोशल मीडिया में समय व्यर्थ करना।

3- देर रात तक जागना , इसमें आजकल मातापिता भी शामिल है, जो देर रात तक जागते हैं।

4- बच्चों में ज्यादा नम्बर लाने का अनावश्यक दवाब जबकि आपको ज्यादा नम्बर के लिए अच्छे से तैयारी की जरूरत है, न कि दवाब की ।

5- कम नम्बर आने पर समाज में उनको हेय की दृष्टि से देखना, जिससे बच्चों का मनोबल गिरता है।

6- अपने बच्चे कमी दूसरों को बताना इससे बच्चे का मनोबल गिरता है, और गुस्सैल हो जाते हैं।

7- सुबह देर से उठना ।

8- बच्चों को बाहर के भोजन पर निर्भर करना इससे उनका स्वास्थ खराब होता है।

9- बच्चों से हमेशा चिल्लाकर व गुस्सा दिखाकर बात करना जैसे वो कोई अपराधी हो, हां थोड़ा बहुत कभी डांटना जरूरी है।

10- बच्चों के नम्बर को अपनी इज्जत मान लेना।

11- बच्चों को समय न देना केवल उन पर पढ़ाई का दवाब बनाना।

12- टीवी पर अनावश्यक शो देखना।

13- बच्चों के सामने अनावश्यक बहस करना।

14- दिखावे का जीवन जीना ।

15- बच्चों को खेलने व व्यायाम करने का समय न देना।

16- बच्चों को आध्यात्मिक गतिविधियों जैसे आध्यात्मिक ग्रंथ पढ़ना, भागवतकथा सुनना व नामजप व ध्यान करने से दूर रखना।

17- बच्चों को संतों व श्रेष्ठ जनो की संगति से दूर रखना।

18- बच्चों में देने की भावना न विकसित करना।

19- बच्चों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित रखना , उनको संगीत , पेंटिंग व कोई रुचिकर विषय न सिखाना।

20- घर में तनाव भरा वातावरण होना।

इस लेख में जितने भी कारण है, अगर आप धीरे धीरे इनको दूर कर लेंगे तो निश्चित तौर पर बच्चा शांत रहेगा खुश रहेगा, पर आपको धैर्य के साथ इनको दूर करना है, इसमें कुछ गतिविधियां जब मातापिता अपनाएंगे तभी बच्चा भी सीखेगा।

तनाव को दूर करने का उपाय, Motivational Story

एक बार एक आदमी अपने मानसिक तनाव से परेशान होकर संत से गया, उसने सुना था कि संत के पास जाने से शांति मिलती है, इसलिए वो संत के पास पहुंच गया। संत को प्रणाम किया और संत से कहा कि मैं बहुत परेशान हूं, मुझे हमेशा भय रहता है, तनाव रहता है, जिसकी वजह से शरीर और दिमाग भी सही से काम नहीं करता है, कृपया करके कुछ उपाय बताइए जिससे कि मैं इससे छुटकारा पा सकूं। इस पर संत ने पूंछा कि इसका कारण क्या है, तो उसने बताया कि कभी मैं किसी के बारें कुछ सोचता हूं तो तनाव होता है, कभी भविष्य का सोचता हूं तो तनाव होने लगता है, तो संत ने कहा कि मतलब ये सब सोचने से होता है? युवक ने कहा कि हां, तो संत न कहा कि फिर सोचना छोड़ दो तो तनाव नहीं होगा तो युवक ने कहा कि कोशिश करता हूं पर सोचना छूट नहीं रहा, इस पर संत ने उसके हांथ में एक बड़ा सा पत्थर रख दिया और पूंछा कि कैसे लग रहा है, तो युवक न कहा बहुत भारी इस पर संत ने कहा कि अगर मान लो कि मैं तुम्हे दूसरा पत्थर दूं तो इस हांथ पर कैसे रखोगे तो युवक ने कहा कि उसके लिए तो पहले वाला पत्थर छोड़ना पड़ेगा , तो संत ने कहा कि ऐसा ही तुम अपनी सोच के साथ करो तो युवक ने कहा मैं समझा नहीं तो संत ने कहा कि अगर तुम्हारे मन में बहुत सारे विचार परेशान करते हैं, जिसकी वजह से तनाव होता है, तो तुम अपनी संगत ऐसे लोगों से करो जो अच्छे विचार रखते हैं, ऐसी किताबें पढ़े जो ज्ञान देती हैं, जैसे भगवद्गीता, रामायण इत्यादि, उसके अलावा कथाएं सुनने व भगवान का नाम जप व कीर्तन करने की आदत डालो जिससे तुम्हारे मन में गंदे और नकारात्मक विचारों की जगह दिव्य विचार जगह ले लेंगे और तुम्हारा जीवन अच्छा हो जाएगा।

तनावमुक्त जीवन कैसे जिएं?

तनाव मुक्त जीवन कैसे रहें ? हालांकि ये प्रश्न अधिकांश लोगों का रहता है, अधिकांश लोगो इसका उत्तर भी जानते हैं, लेकिन जीवन में अमल बहुत कम ही करते है। तनाव मुक्त जीवन के लिए सबसे पहले हम समझते हैं, कि मुक्त किसको करना चाह रहे हैं, क्या हम किसी के गुलाम हो गए हैं, जो जीवन को मुक्त करना चाह रहे हैं, वास्तव में अगर देखा जाए तो इसके पीछे केवल और केवल मन की सोच है , हमारा मन कहीं न कहीं आसक्त हो जाता है, यानि किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान की इतना चिंतन कर लेता है, कि वह उस के अनुकूल न होने से तनाव महसूस करने लगता है। उदाहर के तौर पर मान लीजिए आपके पास 5000 हजार रूपया है, अब आप बार बार उसी रुपये का चिंतन करते हैं, कि मेरे पास 5000 रुपया है, और हो सकता है, आपने उस पैसे से कोई उम्मीद भी जोड़ ली है, और उसका भी चिंतन करने लगे हैं, अचानक से आप कहीं जा रहे हैं, और वो 5000 रुपये आपकी जेब से गिर जाएं, और घर जाने पर जब आप देखें तो जेब खाली दिखे, अब आप तनाव में हो जाएंगे कि अरे कैसे हो गया ऐसा नहीं होना चाहिए था , और हो सकता है, अब आप बहुत दुखी भी हो जाएं, लोगों को बताएं तो वो भी अफसोस जताएं । अब आप इस घटना पर गौर करें तो पाएंगे कि आपको पैसे कहीं से मिला था , आपने उस पैसे से इतना लगाव रख लिया और उम्मीदें जोड़ ली इसलिए तनाव हो रहा है, जबकि इस घटना से आपको किसी प्रकार की हानि नहीं हुई, केवल मन के लगाव के कारण ही दुख हुआ, जबकि अगर आप दुखी न हों तो भी जीवन चलेगा आगे इससे भी ज्यादा पैसे आ जाएंगे, लेकिन भूल केवल मन की है। इसलिए तनाव मुक्त जीवन रखने के लिए किसी भी वस्तु, व्यक्ति, स्थान से लगाव न रखकर (न ही बार बार चिंतन करें अन्यथा मोह हो जाएगा) केवल अपने कर्तव्य का पालन करें , परिणाम चाहे जो भी हो क्योंकि परिणाम तो आपको हांथ में नहीं है, और संसार में हर व्यक्ति, वस्तु, स्थान परिवतर्नशील है, उनमें कुछ न कुछ बदलाव होते रहेंगे, उनसे आपको दुखी होने की कोई जरूरत नहीं है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *