श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं, परमात्मा समस्त इन्द्रियों के मूल स्त्रोत हैं, फिर भी वे इन्द्रियों से रहित हैं। वे समस्त जीवों के पालनकर्ता होकर भी अनासक्त हैं, वे प्रकृति…
भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं, न तो देवतागण मेरी उत्पत्ति या ऐश्वर्य को जानते हैं, और न महर्षिगण ही जानते हैं, क्योंकि मैं सभी प्रकार से देवताओं और महर्षियों…
1- श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं, अविनाशी और दिव्य जीव ब्रह्म कहलाता है और उसका नित्य स्वभाव अध्यात्म या आत्म कहलाता है। जीवों के भौतिक शरीर से सम्बंधित गतिविधि कर्म…