Bhakt

भक्त कितने प्रकार के होते हैं?

श्रीकृष्ण भगवान गीता में कहते हैं, चतुर्विधा भजन्ते मां जना: सुकृतिनोअर्जुन। आर्तो जिज्ञासुरथार्थी ज्ञानी च भरतर्षभ।। हे भरतश्रेष्ठ चार प्रकार के पुन्यात्मा मेरी सेवा करते हैं- आर्त, जिज्ञासु, अर्थार्थी तथा…
bhakti

भक्तियोग- भगवद्गीता

भक्तियोग - भगवद्दीता में भगवान कृष्ण द्वारा दिया भक्ति योग के सिद्धांत जैसे मन को श्रीकृष्ण में स्थिर रखना , कृष्ण का चिंतन करना , कर्म का भगवान को समर्पण है।
भगवद्दीता कोट्स

भगवद्गीता कोट्स, प्रकृति, पुरुष तथा चेतना

श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं, परमात्मा समस्त इन्द्रियों के मूल स्त्रोत हैं, फिर भी वे इन्द्रियों से रहित हैं। वे समस्त जीवों के पालनकर्ता होकर भी अनासक्त हैं, वे प्रकृति…