नई आदत कैसे बनाएं? आसान और असरदार तरीके

नई आदत को बनाने में  आपको 21 दिन लगते हैं, और अगर आप 21 दिन तक किसी कार्य को करते हैं,तो आपकी आदत बन जाएगी।

1-दृढ संकल्प – किसी भी काम को करने के लिए आपके संकल्प की जरूरत होती है,जब तक किसी भी काम के लिए संकल्पित नहीं होते आपके लिए वो काम करना असंभव है,और आदत बनाने के काम आपका एक दिन का नहीं है,इसलिए आपको दृढ़ संकल्प की जरूरत ।

2-आत्मविश्वास – दोस्तों जब भी आप नए कार्य के लिए संकल्पित होते हैं,तो आपको खुद पर विश्वास होना बहुत जरूरी है,क्योंकि अगर आप खुद पर विश्वास नहीं करेंगे,तो आप कुछ दिन बाद हताश उस आदत को छोड़ देंगे।

3-टाइम निर्धारित करना – टाइम निर्धारित करना ,आदत बनाने की तरफ महत्वपूर्ण कदम है,और अगर आप किसी कार्य के लिए टाइम निर्धारित कर लेंगे,तो आपकी आदत बन जाएगी।

4-प्राथमिकता – हमारे जीवन की सबसे बड़ी गलती वही हो जाती है,जब हम किसी कार्य की प्राथमिकता निर्धारित नहीं करते, जब हम नई आदत बनाते हैं,तो उसमें प्राथमिकता की बड़ी भूमिका है,क्योंकि जब आपकी प्राथमिकता में आदत बनाना हो जाएगा,तो आप नई आदत बना लेंगे।

5-आदत के बारे में सोचना –जब भी आप  फ्री बैठे ,आदत के बारें में सोचिए कि आपने आदत बनाने के लिए क्या किया और आगे कैसे करेंगे,इस तरह आपका दिमाग आपकी आदत को स्वीकार कर लेगा,और आप नई आदत बना पाएंगे।

6-आदत से संबंधित किताबें,

किताबें पढ़ना भी आपके लिए अच्छा है, किसी ने कहा है,कि किताबे इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं,अगर आप अपनी आदत से संबंधित किताब पढ़ते हैं,तो आपके अंदर अपनी आदत को बनाने के लिए उत्साह पैदा होता है,और आप अपनी आदत को बनाने में कामयाब हो जाते हैं

7-सोने के पहले दूसरे दिन की आदत को करने का समय लिखना ।

दोस्तों जो भी कार्य आप सोने से पहले करते हैं,वो आपकी मेमेरी में गहराई से बैठ जाता है,इसलिए सोने से पहले उस कार्य को लिखे ,कि कल आपको निर्धारित समय पर वो कार्य करना है,और ऐसा करके आप अपनी आदत जल्दी बना लेंगे।

अच्छे संस्कार कैसे सीखें?

दोस्तों अच्छे संस्कार सीखने के तरीके से पहले हम समझते हैं,कि अच्छे संस्कार का मतलब क्या होता है,वास्तव में अच्छे संस्कार का मतलब है,कि वह कार्य जिससे हमें तथा दूसरों को भी प्रसन्नता हो,और बाद में भी उससे कोई नुकसान न हो।

  1. अच्छे संस्कार विकसित करने के लिए सबसे पहले आप अपनी उन आदतोंऔ की लिस्ट बनाइए,जिसके कारण आप परेशान हो जाते हैं,और दूसरों को भी परेशान करते हैं।
  2. अपनी बुरी आदतों की जगह उसकी जगह अच्छे संस्कार अपनाइए।
  3. उस संस्कार को अपनाने के बाद उसकी आदत डालिए,और वैसा ही व्यवहार कीजिए।
  4. संतों की संगति करिए,जिससे आपको अच्छे संस्कार सीखने को मिलेंगे।
  5. भक्ति करिए।
  6. योग और ध्यान कीजिए,जिससे आपका मन शुद्ध हो जाए।
  7. भगवत गीता,राम चरित मानस तथा अन्य वैदिक ग्रंथों से श्रेष्ठ आचरण को जीवन में लाइए।
  8. अपने संस्कार को लोगों की भी बताइए,कि आपके नए संस्कारों से जीवन में कितना परिवर्तन आया।
  9. खुद में धैर्य बनाकर रखें,क्योंकि नए संस्कार विकसित करने में परेशानी आएगी,क्योंकि आपको हमेशा पुरानी आदतों की वजह से मन विचलित करेगा।
  10. अपनी बातों को मनवाने की जगह उस बात को पहले प्रयोग करके देखिए,क्या वो आदर्श संस्कार है,अगर नहीं है,तो उसको मत अपनाइए,साथ ही साथ वैदिक ग्रंथों का सहारा लीजिए,और विद्वानों से उसके बारे में पूंछिए। अगर बच्चों तो अच्छे संस्कार सिखाना चाहते हैं, तो इन बातों को जीवन में अपनाइए और बच्चों को उसकी आदत डलवाइए।

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