मोटिवेशनल शायरी हिंदी में
जीवन एक पतंग की तरह है, जिसकी डोर परमात्मा के हांथ में है, वो कभी नीचे की और ले जाता है कभी ऊपर लेकिन कभी गिरने नहीं देता।
तलाश किसी परफेक्ट की मत करिए, क्योंकि आपकी तलाश खुद को परफेक्ट बनाने के बाद ही पूरी होगी
सफर की शुरुआत आपने की है तो मंजिल पहुंचने तक इंतजार आपको ही करना होगा।

लोगों की महफिलों की शान मत बनिए, अपनी शान बनाइए ताकि महफिल खुद ब खुद बन जाए।
सफलता का इंतजार बेशक करिए लेकिन प्रयास के साथ
हर कोई आपसे खुश रहे इसके लिए प्रयास मत करिए, बल्कि प्रयास ये करिए कि आपकी वजह से कोई दुखी न हो।
मुस्कुराकर जिंदगी गुजारना भी एक कला है, क्योंकि लोग तो सबकुछ होने के बाद भी दुखी रहते हैं।
कल अच्छा होगा ये सोचकर मत बैठिए बल्कि आज ये सोचकर अच्छा करिए कि कल का कोई भरोसा नहीं लेकिन आज सार्थक हो सके
सफर को धूप के डर से मत छोड़िए , क्योंकि बिना इम्तिहान के सफलता किसी को नहीं मिलती ।
जीवन में चरित्र को सम्भालना सीखिए क्योंकि पैसा तो दोबारा हांसिल हो जाएगा लेकिन चरित्र नहीं।
जब आपका मन दुखी होने का करे तो मन से पूंंछिए कि क्या दुखी रहने से सब अच्छा हो जाएगा अगर नहीं होगा तो खुश रहिए।
जिंदगी में खुशी मिलेगी इसका कोई भरोसा नहीं लेकिन आप खुश बेवजह रह सकते हैं
रास्ते अक्सर उसी के लिए कठिन होते हैं जिनको चलने की आदत नहीं है।
दूसरों को केवल वही दीजिए जो आप लेना चाहते हैं, क्योंकि आपको मिलेगी वही जो आपने कभी दिया है।
कर्मों का अपना अलग हिसाब है उसका फल आपकी स्थिति के अनुसार नहीं बल्कि आपकी योग्यता अनुसार मिलता है।

दूसरों को सलाह उतनी दीजिए जितनी वो अपना लें , औऱ दूसरों से सलाह उतनी लें कि आप परेशान न हों।
जीवन से सहयोग महगा औऱ सलाह सस्ती है, इसीलिए लोग सलाह ही देते हैं।
दूसरों को अनुसार जीवन जीना बंद कर दीजिए क्योंकि दूसरो की स्थिति केवल वही जानते हैं।
जिंदगी तब भी चलती है, जब आप कुछ नहीं करते , लेकिन जिंदगी तब खास हो जाती है, जब आप कुछ अच्छा करते हैं।
लोगों के ताने इसलिए नहीं मिलते की आप गलत हैं, बल्कि लोग ताने इसलिए देते हैं, कि आप भ्रमित हो जाओ और अपने लक्ष्य को छोड़े दो।
लोग तब भी कहेंगे जब आप कुछ नहीं करेंगे और तब भी कहेंगे जब आफ कुछ करेंगे बेहतर है कुछ करके सुनिए तो आपको भी लगे कि आपमें सहन शक्ति बढ़ेगी
सहना सीखिए क्योंकि कभी ऐसा भी समय आता है, जब आप जवाब न देकर विजेता बन जाते हैं।
संसाधन शहर में अच्छा मिलता है, लेकिन वास्तव में संस्कार तो गांव में ही मिलता है।
कोई भी काम कठिन नहीं होता हां ये बात जरूर है कि किसी को अनुभव होता है, और किसी की प्रकृति ही उस काम को करने की होती है।
मौन रहना सीखिए क्योंकि आपका जवाब कई बार आपको ही परेशान करने लगता है।

व्यक्ति भले ही कितना दुष्ट हो लेकिन अच्छे व्यक्ति की लगातार संगति से वो भी अच्छा हो सकता है।
इस बात से दुखी मत हों कि मंजिल नहीं मिली , अपने प्रयासों को बढ़ाइए क्योंकि मंजिलो को भी मुसाफिरों का इंतजार रहता है।
दूसरों को बदलने की कभी कोशिश मत करिए क्योंकि दुनिया अपनी सुविधा अनुसार बदलती है, केवल खुद को श्रेष्ठ बनाने की कोशिश करिए अगर दूसरों को विश्वास हो गया कि उस कार्य से उनका भी भला हो जाएगा तो वो खुद-ब-खुद बदल जाएंगे।
सफलता की कीमत उनको कभी मत बताइए जो आलसी हैं,क्योंकि उनको लिए सफलता केवल कल्पना का विषय है।

संघर्ष कितना है जीवन में ये कभी मत सोचिए ये सोचिए कि आपको सफलता कैसे प्राप्त करनी है।
जीवन एक बार मिला है, इसे दूसरों के चिंतन से ज्यादा खुद के लक्ष्य में लगाइए
लोग आपकी बुराई तभी तक करेंगे जब तक आप सफल नहीं होंगे।
अपना रास्ता इसलिए मत बदलिए कि लोग बुराई करते हैं, क्योंकि लोग तो उस समय भी कहेंगे जब आप कुछ हांसिल कर लेंगे
बड़े लक्ष्य के लिए छोटे लक्ष्य को नजरअंदाज मत करिए क्योंकि यही बड़ी मंजिल की सीढ़ियां हैे।

सुबह सोने से क्या नुकसान होते हैं?
1-एकाग्रता की कमी
2- धैर्य का अभाव
3-तनाव
4- नकारात्मक विचार
5- उत्साह की कमी
मन की अशांति से कैसे बचें?
1- झूठ न बोलें
2- निंदा न करें
3-अनावश्यक वार्तालाप न करें
4- सुबह देर से न उठें
5- मोबाइल का अत्य़धिक उपयोग न करें
6- फिजूल खर्च न करें
7-दिखावा न करें
8- आलस्य से बचें
9- हिंसा न करें
10- बाहर का भोजन न करें
गलत आदते कैसे छोड़ें?
1- सूर्योदय के पहले उठें
2- सुबह प्राणायाम करें
3- भगवान के नाम का ऊंचे स्वर में जाप करे और उसी को सुनें
4- नियमित स्वाध्याय करें
5- अपने कार्यों का टाइम मैनेजमेंट करें
6- भोजन सात्विक करें
7- आतंरिक बाह्य पवित्रता बनाकर रखें
8-भोजन करते समय ईश्वर का स्मरण बनाएं रखें
9- सोने से भगवान का स्मरण करें
10- नियमित सतसंग व कथाएं सुनिएं
11-अच्छे लोगों की संगति करिए जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें
12- परोपकार के कार्यों में लगिए
13- जब गलत आदतों का ख्याल आए तो भगवान के नाम का सहारा लें
14- खुद को समझाइए कि मन और आप अलग हैं
ईर्ष्या से कैसे बचें?
1- ईश्वर स्मऱण करें
2- तुलना न करें
3-दूसरों से केवल प्रेरणा लें
4- ये समझ लें कि सबकुछ केवल कर्मों के अनुसार मिलता है
5-किसी की सम्पत्ति और उपलब्धियों की अत्यधिक चर्चा व चिंतन न करें
6- खुद को अच्छे कार्यों में व्यस्त रखें
धार्मिक व्यक्ति वही है जिसके जीवन में दया है, दूसरों को दुखी देखकर दुखी होता है और सभी को सुखी देखना चाहता है।
मंजिलों की आंखमिचौली भी तभी तक चलती है, जब आप आप प्रयास नहीं करते ।
नफरतों का दौर भी अच्छा है, कभी सीख दे जाता है, तो कभी खुद में रहना सिखा जाता है।
खुशियों की आशा हम भी दूसरों से नहीं रखते क्योंकि हमें पता है कि जो खुश करेगा वो दुखी भी कर सकता है।
शहर और गांव में सबसे बड़ा फर्क ये है शहर में लोग पैसे से अपना कहते हैं, अपनों को पैसे से ज्यादा महत्व देते हैं।
सिलसिला प्रयासों का जारी रखिए तजुर्बा भी मिलेगा सफलता भी मिलेगी।
मत जानिए किसी की जिंदगी के राज क्योंकि उस राज कभी आप खोल भी सकते हैं।
मुस्कुरा के मिलिए सभी से क्योंकि जिंदगी के आखिरी दौर का किसी को पता नहीं।
वो दिन भी अक्सर भारी हो जाते हैं, जब इंसान के प्रयासों को दूसरा आंकने लगता है।