लोग क्या कहेंगे
लोग क्या कहेंगे

लोग क्या कहेंगे?

किसी ने कहा है, कि जब आप ये सोचने लगते हैं, कि लोग क्या कहेंगे, तब आप अपनी संभावना के रास्ते बंद कर लेते हैं!

ये कहानी एक युवक की है, जो कि एक कंपनी में नौकरी करता था, उस नौकरी से उसको इतने पैसे मिल जाते कि उसकी जरूरतें पूरी हो जाती , इसलिए उसने कभी विचार नहीं किया कि ये नौकरी  जा भी सकती है, एक बार अचानक उस कंपनी के मालिक को व्यापार में घाटा हो गया, जिसकी वजह से उसने युवक को नौकरी से ही निकाल दिया । उसके कुछ साथियों ने कहीं और नौकरी कर ली, लेकिन उस युवक को कहीं नौकरी नहीं मिली, अब वो काफी परेशान हो गया, सभी दोस्तों से पता लगाया लेकिन सभी ने कहा कि नौकरी मिलेगी तो बता देंगे।काफी दिन बीत गए, लेकिन युवक को कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था, क्योंकि उसने कभी सोचा ही नहीं था, कि उसकी नौकरी चली जाएगी। अचानक एक दिन उसका पुराना दोस्त उससे मिलने आया तो उसने सारी बात अपने दोस्त से बताई,….. तो दोस्त ने कहा, अगर नौकरी नहीं मिल रही तो , कोई छोटा मोटा काम करने लगो, क्या है, क्योंकि तुम्हे पैसे की जरूरत है,तो युवक ने कहा, कि सभी लोग नौकरी करते हैं, मेरे और दोस्त क्या कहेंगे, कि ये छोटा काम करता है, तो दोस्त ने समझाया कि पैसे की तुम्हे जरूरत है, तो तुम्हे काम तो करना ही पड़ेगा, और कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता, इंसान ही किसी काम को छोटा या बड़ा बनाता है,अब युवक सोच में पड़ गया कि करें क्या, क्योंकि और कोई रास्ता भी नहीं है, और ये सोचने लगा कि अब मैं संभावनाएं देखना शुरू करूंगा कि मैं क्या कर सकता हूं, तो  ये सोचकर अपने घर के पास फूलों का बाजार था, वहीं घूम रहा था, तो उसको एक फूल की दुकान दिखाई दी,और वह  दुकान वाले के पास गया और पूछने लगा, कि तुम्हारे फूल मुरझाए हुए हैं, तुम ताजे फूल क्यों नहीं रखते तो फूलवाले ने बताया कि मैं फूल बाजार से लाता हूं, और धूप में ऱखकर बेंचता हूं, इसलिए सूख जाते हैं, यहां पर जितने फूलवाले हैं, सब के फूल मुऱझाए हुए हैं, अगर यहां पास में कोई जगह होती तो , हम लोग वहीं रख देते जिससे हमारे फूल भी मुरझाने से बच जाते और मुनाफा भी अच्छा हो जाता,अब युवक ने फूल वाले की बात सुनकर सोचा कि मेरे घर में फूल रखे जा सकते हैं, मुझे भी पैसों की जरूरत हैं, यह सोचकर उसने फूलवाले से कहा तुम मेरे घर में फूल ऱख जाया करो,तो फूलवाले ने कहा कि ठीक है, मैं आपको कुछ पैसे भी दे दिया करूंगा, और फूलवाला अब उसी के घर में फूल रखता और  जरूरत पड़ने पर ले आता, अब आसपास के फूलवालों ने भी युवक के यहां फूल रखना शूरू कर दिया, और धीरे धीरे युवक की कमाई बढ़ने लगी, और उसने कुछ सालों में अपने घर के पास फूलों को ऱखने के लिए स्टोर बनवा दिया और पूरे फूलवाले अब उसी के यहां से फूल बेंचने लगे,और उसके पैसे की समस्या खत्म हो गई।

दोस्तों इस कहानी का मैसेज इतना है, कि इंसान को लोगों के कहने के डर से अपना रास्ता नहीं बनाना चाहिए, अन्यथा हम संभावनाएं देखने का नजरिया खो देंगें।

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