लक्ष्य से आप कभी रास्ते भटकते नही हैं,आपके भटकने की संभावना खत्म हो जाती है।
आप खुद को बेहतकर बनाने के लिए बाध्य हो जाते हैं,
आप अपने समय की कीमत करना सीख जाते हैं,
इंसान जब तक कुछ करता नहीं हैं, वो अपने दायरे से बाहर नहीं आ पाता लक्ष्य के द्वारा आफ खुद के दायरे से बाहर निकल पाते हैं,
जिंदगी में अनुशासन का होना बहुत जरूरी है,और लक्ष्य के द्वारा ये सम्भव हो जाता है,
जैसे ही आप लक्ष्य निर्धारित करते हैं, जिंदगी की अनावश्यक चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं,
दुनिया में अधिकतर लोग दूसरों की बातों को याद करके दुखी होते हैं,जब आप लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो आपकी प्राथमिकताएं बदल जाती हैं,
इंसान बिना प्रयास किए खुद की काबिलियत और क्षमता का आंकलन नहीं कर पाता,लक्ष् निर्धारित करने पर आप अपनी क्षमता का आंकलन करना और उसको बढ़ाना सीख जाते हैं।
आप निर्णय लेने की क्षमता को तभी विकसित कर पाते हैं, जब आप निरंतर प्रयास करते हैं, जब आप लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं, तो घीरे धीरे आप निर्णय लेने की योग्यता बढ़ा लेते हैं.
लक्ष्य निर्धारित करने से आप की कीमत कई गुना बढ़ने लगती हैं,क्योंकि आप अपनी योग्यता बढ़ाने का प्रयास शुरू कर देते हैं।
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