भक्तियोग- भगवद्गीता
भक्तियोग – भगवद्दीता में भगवान कृष्ण द्वारा दिया भक्ति योग के सिद्धांत जैसे मन को श्रीकृष्ण में स्थिर रखना , कृष्ण का चिंतन करना , कर्म का भगवान को समर्पण है।
भक्तियोग – भगवद्दीता में भगवान कृष्ण द्वारा दिया भक्ति योग के सिद्धांत जैसे मन को श्रीकृष्ण में स्थिर रखना , कृष्ण का चिंतन करना , कर्म का भगवान को समर्पण है।
एक बार एक भक्त से किसी ने पूंछा कि भगवान को नहीं देखा, भगवान को महसूस नहीं किया तो भक्ति क्यों करते हो ? तो भक्त ने बहुत ही सुंदर […]
श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं, परमात्मा समस्त इन्द्रियों के मूल स्त्रोत हैं, फिर भी वे इन्द्रियों से रहित हैं। वे समस्त जीवों के पालनकर्ता होकर भी अनासक्त हैं, वे प्रकृति […]
हनुमान जी जब सीता जी का पता ढूढ़कर आए,तो रामजी कहते हैं, हे हनुमान, तुम जैसा उपकारी देवता , मनुष्य कोई भी नहीं है, मैने तुम्हारे बारे में बहुत विचार […]