बच्चों में तनाव के आजकल बहुत से कारण से हो गए हैं, विशेषकर जबसे बच्चों के हाथं में मोबाइल आ गए हैं, और बच्चों के माता पिता भी मोबाइल की दुनिया में जीने लगे , और उसके बाद भौतिकवाद पूरी तरह से जिम्मेदार हैं बच्चों के तनाव का जिसमें बच्चों का संस्कार न देकर केवल उनको पैसे कमाने की मशीन बनाया जा रहा है। आजकल के बच्चों में चिढ़चिढ़ापन, गुस्सा होना या सामान्य हो गया, अगर आप कभी आप अखबारों की खबरों को देखें तो पाएंगे कि बच्चे मोबाइल न मिलने के कारण या गेम खेलने को मना करने के कारण माता पिता से ही झगड़े हो जाते हैं। इस लेख के माध्यम से मैं उन कारणों को बताऊंगा जो बच्चों में तनाव की मुख्य वजह है इसमें माता पिता का भी कारण है-
1- हिंसक मोबाइल गेम खेलना जिसमें हिसा होती है, जैसे पबजी , फ्री फायर इत्यादि।
2- मोबाइल पर अनावश्यक रील्स देखना व सोशल मीडिया में समय व्यर्थ करना।
3- देर रात तक जागना , इसमें आजकल मातापिता भी शामिल है, जो देर रात तक जागते हैं।
4- बच्चों में ज्यादा नम्बर लाने का अनावश्यक दवाब जबकि आपको ज्यादा नम्बर के लिए अच्छे से तैयारी की जरूरत है, न कि दवाब की ।
5- कम नम्बर आने पर समाज में उनको हेय की दृष्टि से देखना, जिससे बच्चों का मनोबल गिरता है।
6- अपने बच्चे कमी दूसरों को बताना इससे बच्चे का मनोबल गिरता है, और गुस्सैल हो जाते हैं।
7- सुबह देर से उठना ।
8- बच्चों को बाहर के भोजन पर निर्भर करना इससे उनका स्वास्थ खराब होता है।
9- बच्चों से हमेशा चिल्लाकर व गुस्सा दिखाकर बात करना जैसे वो कोई अपराधी हो, हां थोड़ा बहुत कभी डांटना जरूरी है।
10- बच्चों के नम्बर को अपनी इज्जत मान लेना।
11- बच्चों को समय न देना केवल उन पर पढ़ाई का दवाब बनाना।
12- टीवी पर अनावश्यक शो देखना।
13- बच्चों के सामने अनावश्यक बहस करना।
14- दिखावे का जीवन जीना ।
15- बच्चों को खेलने व व्यायाम करने का समय न देना।
16- बच्चों को आध्यात्मिक गतिविधियों जैसे आध्यात्मिक ग्रंथ पढ़ना, भागवतकथा सुनना व नामजप व ध्यान करने से दूर रखना।
17- बच्चों को संतों व श्रेष्ठ जनो की संगति से दूर रखना।
18- बच्चों में देने की भावना न विकसित करना।
19- बच्चों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित रखना , उनको संगीत , पेंटिंग व कोई रुचिकर विषय न सिखाना।
20- घर में तनाव भरा वातावरण होना।
इस लेख में जितने भी कारण है, अगर आप धीरे धीरे इनको दूर कर लेंगे तो निश्चित तौर पर बच्चा शांत रहेगा खुश रहेगा, पर आपको धैर्य के साथ इनको दूर करना है, इसमें कुछ गतिविधियां जब मातापिता अपनाएंगे तभी बच्चा भी सीखेगा।
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