दोस्तों अच्छे संस्कार सीखने के तरीके से पहले हम समझते हैं,कि अच्छे संस्कार का मतलब क्या होता है,वास्तव में अच्छे संस्कार का मतलब है,कि वह कार्य जिससे हमें तथा दूसरों को भी प्रसन्नता हो,और बाद में भी उससे कोई नुकसान न हो।
- अच्छे संस्कार विकसित करने के लिए सबसे पहले आप अपनी उन आदतों की लिस्ट बनाइए,जिसके कारण आप परेशान हो जाते हैं,और दूसरों को भी परेशान करते हैं।
- अपनी बुरी आदतों की जगह उसकी जगह अच्छे संस्कार अपनाइए।
- उस संस्कार को अपनाने के बाद उसकी आदत डालिए,और वैसा ही व्यवहार कीजिए।
- संतों की संगति करिए,जिससे आपको अच्छे संस्कार सीखने को मिलेंगे।
- भक्ति करिए।
- योग और ध्यान कीजिए,जिससे आपका मन शुद्ध हो जाए।
- भगवत गीता,राम चरित मानस तथा अन्य वैदिक ग्रंथों से श्रेष्ठ आचरण को जीवन में लाइए।
- अपने संस्कार को लोगों की भी बताइए,कि आपके नए संस्कारों से जीवन में कितना परिवर्तन आया।
- खुद में धैर्य बनाकर रखें,क्योंकि नए संस्कार विकसित करने में परेशानी आएगी,क्योंकि आपको हमेशा पुरानी आदतों की वजह से मन विचलित करेगा।
- अपनी बातों को मनवाने की जगह उस बात को पहले प्रयोग करके देखिए,क्या वो आदर्श संस्कार है,अगर नहीं है,तो उसको मत अपनाइए,साथ ही साथ वैदिक ग्रंथों का सहारा लीजिए,और विद्वानों से उसके बारे में पूंछिए। अगर बच्चों तो अच्छे संस्कार सिखाना चाहते हैं, तो इन बातों को जीवन में अपनाइए और बच्चों को उसकी आदत डलवाइए।