समाज में इज्जत कैसे पाएं
समाज में इज्जत कैसे पाएं

समाज में इज्जत कैसे पाएं?

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एक बार एक आदमी अपने गुरूजी के पास गया और बोला, गुरूजी मैं अपने आसपास के लोगों को देखता हूं,वहां पर कुछ लोग ऐसे हैं, जिनकी लोग बहुत इज्जत करते हैं, हर कोई उनकी ही तारीफ करता है, और मैं वहीं पर रहता हूं,  लेकिन मेरी कोई इज्जत नहीं करता ऐसा क्यों है? जबकि मुझमे और उनमें में कोई ज्यादा फर्क नहीं है, मेरी आय भी उतनी ही है, जितनी मेरे पड़ोसी की है, लेकिन उसकी इज्जत हर कोई करता है, और उसकी बात भी हर कोई मानता है, गुरूजी  उसको लेकर पास के बागीचे में ले गये, और वहां पर लगे दो पेड़ों की तरफ इशारा किया , जिसमें से एक पेड़ पर आम कुछ फल लगे थे, औऱ दूसरा पेड़ काफी मुऱझाया था,गुरूजी ने कहा इस पेड़ को गौर से देखो और बताओ कि इन दोनों में क्या अंतर है, तो य़ुवक ने कहा कि एक में फल लगे हैं, औऱ दूसरे में कोई फल नहीं है, तो गुरूजी ने पूंछा कि अगर तुम्हे अभी अगर फल खाने की इच्छा हो तो कौन से पेड़ के पास जाओगे , तो उसने कहा कि जिस पेड़ में फल लगे हैं, क्योंकि वही मेरी जरूरत पूरी कर सकता है, जबकि एक पेड़ पर पत्ते तक नहीं है, न तो वो फल दे सकता है, और न हीं छांव,लेकिन आप मेरे सवाल का जवाब क्यों नहीं दे रहे,युवक ने पूछा, तो गुरूजी ने कहा कि इसी में तुम्हारे सवाल का जवाब है, तुम जिसकी बात कर रहे  हो, उस आदमी का व्यवहार बहुत अच्छा होगा, वो लोगों से काफी अच्छे से बात करता होगा , और लोगों की जरूरतें भी पूरी करता होगा, इसीलिए लोग उसके पास आते हैं, और उसकी इतनी इज्जत है, क्योंकि जो इंसान केवल अपनी जरूरतें पूरी करता है, और केवल अपने लिए ही कमाता है, न तो उसकी कोई इज्जत करता है, न तो उसकी बात कोई मानता है, क्योंकि उसका सामाजिक मूल्य शून्य है।तो अगर तुम भी चाहते हो कि लोग तुम्हे सम्मान दें तो सबसे पहले दूसरों को सम्मान देना सीखो, और  कोई अगर तुमसे मदद मांगता है, तो उसकी मदद करो जितनी कर सकते हो, तभी लोगों का नजरिया तुम्हारे लिए बदलेगा।

दोस्तो य़े कहानी हमें सिखाती है, कि जो हम दूसरों से चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें वो देना सीखना होगा, और कोई हमारे पास तभी आयेगा, जब हम दूसरों की सहायता करने के लिए आगे  आएंगे।

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