वृंदावन के प्रसिद्ध संत श्री प्रेमानंद जी महाराज जो हर समय लोगों के कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान बता देते हैं, उनके पास एक व्यक्ति प्रश्न लेकर आता है, कि मार्ग में इतनी ज्यादा शिक्षा और चुनौतियां क्यों हैं, तो इसका उत्तर देते हुए प्रेमानंद महाराज कहते है, कौन सा ऐसा मार्ग है, जहां चुनौतियां नहीं हैं, हम जब स्कूल में पढ़ाई करते हैं, तो जो टीचर पढ़ाता है उसी में प्रश्न करता है, वहां भी परीक्षाएं होती है, लेकिन ये हमारा प्रमाद है कि हम उसका उत्तर न दे पाएं, लेकिन एक साल का समय मिलता है, एक साल आपको शिक्षक पूरा चैप्टर पढ़ाता है, और उसी से साल के अंत में प्रश्न होता है, और जब आप पास हो जाते हैं तो आपको शाबाशी मिलती है, ये हमारा सिद्धांत बना हुआ है। कहां प्रश्न नहीं है? किस मार्ग में कसौटी नहीं है? जिस मार्ग में चलोगे प्रश्न तो आएंगे परीक्षा देनी होगी तभी आप उसकी योग्यता प्रमाणित होने पर उस पद के अधिकारी बनेंगे। आगे कहते हैं- परमपद प्राप्त करने के लिए बहुत छोटे प्रश्न आते हैं। महाराज जी आर्मी का उदाहरण देते हुए कहते हें, हम जब भ्रमण कर रहे थे तो फतेहगढ़ में जवानो को बहुत परिश्रम कराया जा रहा था, धूप में दौड़ाना, रेत में दौड़ाना, एक आर्मी के जवान को तैयार होने में बहुत मेहनत लगती है, लेकिन अगर कोई इतने बड़े भगवान का दास बनना चाहता है, तो चुनौतियां तो आएंगी ही। अब बात आती है, लौकिक चुनौतियों कि अब अगर हमें 100 रुपये की कामना है, तो भगवान आपको 100 रुपये दे देगें, उसने आपको सबकुछ दे दिया, लेकिन अगर और कामना है, तो आपको योग्यता दिखानी पड़ेगी, आपको ऐसा अनुष्ठान करना पड़ेगा, अगर कर्म और अनुष्ठान सही बन गया तो परमात्मा हमारा बालक भी बन सकता है। आज हमलोग जन्माष्टमी का पर्व मनाते हैं देवकी वसुदेव भक्त ही तो हैं, ऐसा उन्होने तप किया पूर्व जन्म में और कहा कि आप जैसा बालक चाहता है, भगवान सच्चितानंद कंस के कारागार में भक्त के वशीभीत होकर जन्म लेता है। ये पूरी सृष्टि का नियम है कि हमें अगर कुछ चाहिए तो उसके लिए हमें योग्यता दिखानी पड़ेगी ।
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी अद्भुत संत हैं, जिनको हर धर्म सम्प्रदाय के लोग पसंद करतें हैं, बड़े से बड़े संत और प्रसिद्धि प्राप्त लोग उनके दर्शन को आते हैं, और अपनी हर समस्या महाराज जी के सामने रखते हैं, महाराज जी उन प्रश्नो को बहुत सरल तरीके से जवाब देते हैं, और उनके हर प्रश्न में एक बात कॉमन रहती है, कि वो सभी को भगवान की भक्ति, नाम जप करने को कहते है, और कहते हैं. नाम जप करो इससे आपको पूर्व के पाप नष्ट हो जाएगें और आप धीरे धीरे परमपद को प्राप्त कर लेंगे। प्रेमानंद जी से मिलने आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत, विराट कोहली, अनुष्का शर्मा जैसे, बी पराक जैसे लोग आते रहते हैं, समय समय पर अपनी समस्या का समाधान लेते रहते हैं। प्रेमानंद महाराज जैसे संतों की वजह से लोग अपनी खराब आदत छोड़कर भक्ति में लग चुके हैं, लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन हुआ है।