एक बार एक भक्त से किसी ने पूंछा कि भगवान को नहीं देखा, भगवान को महसूस नहीं किया तो भक्ति क्यों करते हो ? तो भक्त ने बहुत ही सुंदर जवाब दिया, भगवान तुम्हे भले दिखाई न दे, लेकिन मेरे अनुभव में वो हमेशा ही मेरे साथ रहते हैं, तो व्यक्ति ने फिर पूंछा कि हमे अनुभव क्यों नहीं होता, तो भक्त ने कहा तुमने कभी भगवान का नाम जप नहीं किया, ध्यान नहीं किया, संतो की संगति नहीं की, शास्त्रों का अध्ययन नहीं किया तो कैसे अनुभव होगा, तो व्यक्ति ने फिर पूंछा कि क्या बिना इसके अनुभव नहीं हो सकता है, तो भक्त ने कहा कि नहीं क्योंकि हममे वो योग्यता ही नहीं है, जिस तरह दूध में धी विद्यमान रहता है, लेकिन दिखाई नहीं देता, घी निकालने के लिए दूध को दही बनाना पड़ता है, फिर मथना पड़ता है, तब मक्खन निकलता है, फिर पकाने पर घी निकलता है, उसी तरह भगवान का अनुभव करने के लिए भी हमें साधना करनी पड़ती है, तभी हममे योग्यता आती है और भगवान का अनुभव होता है।
FOLLOW US:
Offcanvas menu