विचार शुद्ध कैसे करें?

हमारे जीवन में विचारों का बहुत महत्व है,जैसा विचार हमारे पास होता है,हम वैसी ही भावना रखते  हैं, और उसी तरह हम  कर्म करते हैं।जो आदमी खुश रहता है,उसके पास खुशी वाले विचार हैं,जो दुखी रहता है,उसने दुख वाले विचार को पकड़ रखा हैं,जो परोपकारी है,उसके पास परोपकार करने के विचार हैं,जो अपराधी है,उसके पास अपराध वाले विचार हैं।

जीवन में बहुत सारे लोग कभी कभी अच्छा सोचते हैं,लेकिन कहते हैं,विचार नहीं बन पा रहे हैं,कि मैं ऐसा करूं,अधिकतर इंसान के साथ ऐसा होता है,कि किसी गलत आचरण के लिए उसके विचार जल्दी बनते हैं,लेकिन सही आचरण के लिए विचार नहीं बन पाते ,क्योंकि सही आचरण के लिए विचार बनाने पड़ते हैं,मेहनत करनी पड़ती है,जैसे खेत में हम कोई फसल बोते हैं,जो उसके लिए जुताई करनी पड़ता है,बीज बोने पड़ते हैं,तब जाकर कहीं फसल बनती है,लेकिन फसल के साथ घास अपने आप ही उग आती है,उसी तरह अच्छे विचार भी हैं।विचार शुद्ध करने के लिए  मैं आपको 8 तरीके बता रहा हूं ,जिनको जीवन में अपनाकर आप विचार शुद्ध कर पाएंगे।

1-महान पुरुषों की जीवनी पढ़नी जाइए,जिन्होने देश और समाज के लिए कार्य किया।

2-जो अच्छे विचार वाले लोग हैं,उनकी संगति करिए।

3-संतो से ज्ञान लीजिए।

4-भगवान का स्मरण ,चिंतन करिए।

6-आध्यात्मिक ग्रंथों ,रामायण,भगवत गीता,उपनिषदों को पढ़िए।

8-रामकथा,कृष्णकथा सुनिए।

9-निंदा न करें,न सुनें।

10-टेलीविजन में दिखाए जाने वाले हिंसक व अभद्र प्रोग्राम्स न देखें।

11- सात्विक भोजन करें।

इन सब बातों को अगर आप जीवन में अपनाते हैं,तो आप पांएगे,धीरे धीरे आपके विचार शुद्ध होने लगेंगें।

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