मुश्किलें संभावनाएं कैसे बनती हैं?

किसी ने कहा है, आपके सामने हर मुश्किल धराशायी हो सकती है, शर्त केवल यह है कि आप पीछे न हटें

एक बार एक युवक नदीं के तट पर टहल रहा था, टहलते चहलते अचानक उसके दिमाग में ख्याल आया कि वो अगर पानी में तैरता , तो कितना , अच्छा होता,लेकिन ये भी सोच रहा था, कि तैरना बहुत जोखिम भरा है, लेकिन बहुत सारे लोग तैरते कैसे हैं ? उनको डर क्यों नहीं लगता, और यही सोचते सोचते वह अपने घर पहुंच गया, और अपने भाई से पूंछा कि लोग पानी में तैरते कैसे हें?  तो भाई ने कहा मुझे नहीं मालूंम लेकिन मेरा एक दोस्त तैराक है, वो तुम्हे बता सकता है, और उस आदमी ने तैराक का पता लिया औऱ उसके पते पर पहुंचा , और तैराक से पूंछा कि मुझे पानी में तैरना नहीं आता, क्या तुम मुझे सिखा सकते हो,तो तैराक ने कहां, ठीक है, कल से तुम नदी के तट पर सुबह आना, दूसरे दिन युवक नदीं के तट पर गया और उसने तैराक के कहे अनुसार तैरना शुरू किया,लेकिन जल्दी ही वह नदी से बाहर आ गया, और बोला कि ये बेहद कठिन काम है, मुझे नहीं सीखना, तो तैराक ने बताया यह नदी गहरी नहीं है, तुम डूबोगे नहीं, तुम चिंता मत करो, और तैराक के कहने पर युवक ने एक बार फिर कोशिश की लेकिन फिर हताश हो गया, और घर चला गया, घर पर उसके भाई ने पूंछा कैसा रहा आज का दिन तैरना सीखा कि नहीं , तो युवक ने कहा मुझे नहीं सीखना, यह तो बेहद कठिन काम है,तो उसके भाई ने समझाया कि वो नदी गहरी नहीं है, जहां तुम सीखने गए थे, तुम बिना घबराते, हुए, तैरना सीखो, और उसके भाई ने बताया कि ,अगर तुम एक बार तैरना सीख गए तो, तुम लोगों को भी सिखा सकते हो, क्योंकि यहां पर एक ही तैराक है, भाई के इतना  समझाने के बाद युवक ने फिर से तैरना सीखना शुरू किया , औऱ धीरे धीरे कुछ सालों में वह एक अच्छा तैराक बन गया, और अब वह गहरे पानी में भी तैराकी कर सकता था, और कुशल तैराक बनने के बाद उसने धीरे धीरे लोगों को सिखाना शुरू कर दिया,और उसकी ख्याति अब आसपास के इलाको में भी फैल गई।

दोस्तों इस कहानी में जो नदी है, वो हमारी समस्याएं हैं,अगर हम उनसे भागते हैं, तो हमारे हांथ कभी सफलता नहीं आएगी, लेकिन अगर हम तैयारी के साथ इनका ,सामना करते जाएंगे, तो धीरे धीरे हम कुशल बनते जाएंगे,और हमारे लिए असीमित संभावना के रास्ते खुलते जाएंगे।

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