sukh kaise milta hai
sukh kaise milta hai

दूसरों से सुख कैसे मिलता है?

दूसरों से सुख कैसे मिलता है? एक बार एक जगह पर प्रतियोगिता आय़ोजित की गई,उस प्रतियोगिता में बहुत सारी महिलाओं को बुलाया गया था,और महिलाओं को भाषण देना था,कि उनके पति ऐसा क्या करते हैं,कि उनकी पत्निया हमेशा खुश रहती हैं? उनमें से बहुत सी महिलाओं से भाषण दिया । किसी ने कहा कि पति उनके बहुत सारी शापिंग कराते हैं,किसी ने कहा कि उनको बहुत पैसा देते हैं,किसी ने कहा कि मुझे हर महीने गहने खरीदते हैं। उनमें से एक महिला जो कि बहुत साधारण सी दिख रही थी,उसने अपने भाषण में जो बात रखी वो सबसे अलग थी। उसने कहा कि मैं खुद को खुश रखती हूं,मैं अपनी खुशी के लिए न तो पति के गहने पर निर्भर रहती हुं,न तो शापिंग पर। क्योंकि शापिंग,और गहनो से मैं थोड़ी देर के लिए खुश हो सकती हूं,लेकिन अगर कभी पैसे न हो तो मुझे फिर दुखी रहना पड़ेगा । इंसान की खुशी उसी के पास है,अगर वह दूसरों से खुशी का आशा रखेगा, तो वह सुखी नहीं रह पाएगा।

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