एक आदमी अपने बेटे की खराब आदत से बहुत परेशान था। उसने बेटे को बहुत समझाया। लेकिन उसका बेटा हमेशा यह कहकर टाल देता कि मैं बाद में सुधार लूंगा। बेटे को समझाते समझाते वह आदमी थक गया,लेकिन बेटे ने अपनी आदत नहीं छोड़ी। अंत में वह आदमी परेशान होकर अपने गुरू के पास गया, और अपनी परेशानी गुरूजी को बताई तो गुरूजी न कहा कि, कल तुम अपने बेटे को भी लेकर आना।
वो आदमी घर आया और दूसरे दिन बेटे को लेकर गुरूजी के पास गया। गुरूजी ने कहां कि तुम यहां बैठो, और बेटे को लेकर पास के बागीचे में गये, और बेटे से वहीं पर लगे हुए छोटे से पौधे को उखाड़ने को कहा, उसने पौधा बड़ी आसानी से उखाड़ दिया, और दोनो आगे बढ़ गये। थोड़ी दूर एक और पौधा था, गुरूजी ने उस पौधे को भी उखाड़ने को कहा , इस बार युवक को थोड़ी मेहनत करनी पड़ी, लेकिन किसी तरह उसने वो पौधा भी उखाड़ दिया।थोड़ा आगे बढ़ने पर गुरूजी ने एक और पौधे को उखाड़ने को कहा, लेकिन इस बार वह लड़का उस पोधे को उखाड़ नहीं पाया, क्योंकि उसकी जड़ें काफी मजबूत हो चुकी थी, गुरूजी ने कहा, फिर प्रयास करो, कई बार कोशिश करने के बाद भी वह युवक पौधे को उखाड़ नहीं पाया,और गुरूजी से कहा कि इस पौधे की जड़े काफी मजबूत है,इसको उखाड़ पाना मुश्किल है, तो गुरूजी ने कहा , कि मैं भी तुम्हे यही समझाने के लिए यहां लाया, हूं, कि खराब आदतें, अगर समय पर नहीं छोड़ी जाती , तो वो पेड़ की तरह अपनी जड़े जमा लेती हैं,और फिर उनको खत्म करना मुश्किल हो जाता है,इसलिए हमें खराब आदतों को छोड़ने में देर नहीं करनी चाहिए,युवक को अब ये बात समझ में आ गई, और उसने गुरूजी से क्षमा मागी, और उसने सारी खराब आदते उसी दिन छोड़ दी।
दोस्तों इस कहानी का मैसेज इतना है कि अगर आपने भी कोई खराब आदत किसी कारण से अपनी ली हैं, तो उसे आज ही छोड़ दे, अन्यथा, इनकी जडें मजबूत हो जाने पर इन्हे छोड़ना मुश्किल होगा।
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