अकेले खुश कैसे रहें?
अकेले खुश कैसे रहें?

अकेले खुश कैसे रहें?

अकेले में खुश रहना है,तो ये बातें याद रखिए,

ये जरूरी नहीं है,कि हर वक्त कोई तुम्हारे साथ रहे,वह कभी जा दूर भी हो सकता है।

जीवन का कोई ठिकाना नही है, ,आज है,कल न रहे।

तुम ही खुद के अच्छे दोस्त हो सकते हो, जो कभी धोखा नहीं देगा,जबकि दुनिया बदलती रहती है।

तुम्हारी चिंता ही तुम्हारी दुश्मन है,और तुम चिंता से अलग हो सकते हो।

संसार में हर व्यक्ति और वस्तु का निश्चित समय है।

वो कभी भी साथ छोड़ सकते हैं।

जो दूसरों से खुशी उम्मीद रखता है,वो दुखी ही  रहता है, क्योंकि जरूरी नहीं आपकी हर इच्छा पूरी ही हो।

 इंसान का अकेलापन केवल मन का है,शरीर का नहीं,इसलिए मन को कहीं अच्छी जगह लगाओ।

 मन का सच्चा मित्र केवल ईश्वर है, संसार में  मन को लगाओगे तो दुख ही मिलेगा

 दूसरों से खुशी की उम्मीद तुम्हे उसका गुलाम बना सकती है।

जैसे लोभी व्यक्ति धन के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है।

दुखी रहने से दुख और बढ़ता है,

और खुश रहने से साहस।

असली खुशी केवल भगवान का मनन और ध्यान ही दे सकता है।

संसार की खुशी केवल आभास मात्र है।

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